Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti
Author(s): Rekha Chaturvedi
Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L

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Page 366
________________ रत्नकरण्ड, 204, 230-232 रथनेमि, 34, 35, 280 रथमूसल संग्राम, 260, 261 राजगृह, 1, 102, 162, 243, 251, 275, 309 राजप्रश्नीय, 21, 22, 307, 308 राजवार्तिक, 24 राजवर्तिक विभाषा, 188 राजीमति, 162, 168, 280,299 राजुल, 35, 155 राम, 54, 155 रमिल्ल, 150 332 • जैन आगम : इतिहास एवं संस्कृति वच्छ (वत्स), 259 वज्जि, 153, 157, 169, 259, 260, राहुलकुमार, 119 राहुल सांकृत्यायन, 38, 167 रुद्र, 85, 88, 98 रोम, 264 गुप्त, 94,170 लंका, 8 लघु जातक, 96, लघ्वर्हन्नीति, 259 लटिकोपनसुत्त, 167 लब्धिलाक, 61 ललित विस्तार, 250, 282 लाट, 17, 98 लाट्यायन, 58 लाढ (राढ़- प. बंगाल), 259 लिंग कुशील, 62, 63 लिंग पुलाक, 62 लिच्छवी, 59, 260-266, 274, 282 लोक प्रकाश, 4 लोक विजय, 25, 47 लोकसार, 25 वंश (वत्स), 259 262 वज्जिपुत्तक, 8 वज्रपाणि, 267, 276, 282 वनपर्व, 98 वप्रवाद, 150 वराहमिहिर, 71 वराहमिहिर संहिता, 281 वर्द्धमाणगिहाणी चूर्णि, 281 वलभी, 2, वलभी तीसरी वाचना, 3-7, 11, 12, 14, 20, 38, 148, 149, 150, 170 वसिष्ठ, 93, 239, 245, 247, 251 वसिष्ठधर्मसूत्र, 256, 257 वसुनन्दि आचार्य, 147, 212, 231, 232, 234 वाग्दत्ता, 280 वाजसनेय संहिता, 251 जूति, 55 वातरशना, 53-57, 92, 154 वायुभूति, 251 वाराणसी, 154 वालभी वाचना, 5, 6, 21, 38 वालभ्य संघ, 5 वाल्मीकि रामायण, 53, 98, 269, 280 282 वासवी, 277 वासुदेव, 154, 268, 270, 275,280 विक्रमराज, 148 विजयघोष, 35 विजयमुनि, 96 विजय राजा, 270 विजयोदयावृत्ति, 200-202, 229, 230 विदर्भ, 17, 266 विदेह, 260, 265-267, 270, 277 विनयधर, 8

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