Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti
Author(s): Rekha Chaturvedi
Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L

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Page 363
________________ अनुक्रमणिका • 329 पार्श्व, 58, 154-156 प्रियव्रत, 53, 154 पार्श्वनाथ, 1, 34, 35, 44, 49, 100 पार्श्वनाथ का चातुर्याम, 102, 103, 173, 205 बकुश, 61, 62 पालिविनय, 119, 134, 162 बनारस, 244, 252, 270 पावा, 259 बल, 270 पिटक, 7, 19 बलदेव, 270 पिण्डनियुक्ति, 12, 22, 41 बलभद्र, 268, 270 पिहुण्डनगर, 270 बलराम, 280 पुण्ड्रक, 307 बलश्री, 270 पुण्यविजय, 37 बहुरत, 146, 147 पुरन्दर, 267, 282 बालुका, 88 पुराणचरित, 23 बिन्दुसार, 71 पुरुषसूक्त, 250 बुद्ध, 7, 8, 35, 38, 50, 55, 61, पुरुषार्थ सिद्धयुपाय, 231, 232 64, 66, 100, 101, 111, 118, पुलाक, 61 119, 121, 133, 151, 154, 157, पुष्करिणी, 243 160, 161, 189, 224, 225, 237पुष्पचूलिका, 22, 103 240, 242, 243, 245, 246, 250, पुष्पिका, 22 255, 266, 267, 297, 309 पुष्यमित्र, 2, 280 बुद्धघोष, 277 पूतना, 86 बुद्धचर्या, 38 पूरणकास्सप, 61, 66, 68 बृहत्कथाकोष, 150, 168, 307 प्रजापति, 240 बृहत्कल्प भाष्य, 36, 38, 40, 98, 127, प्रतिवेषण कुशील, 62 ____133, 135, 158, 160, 164-168 प्रतिवेषा पुलाक, 61 बृहत्कल्प सूत्र, 18, 138 प्रथमानुयोग, 23 बृहद्रथ, 280 प्रभावक चरित्र, 37 बृहदारण्यक उपनिषद, 251 प्रमाश, 251 बेहल्ल, 262 प्रवचन-सारोद्धार, 93, 118, 161, 226 बैंक, 100 प्रवाहण जैबालि (पांचालराज), 238, 269 बोटिक, 148 प्रश्न व्याकरण, 22 बौधायन गृहसूत्र, 93 प्रश्नोपनिषद, 92 बौधायनधर्मसूत्र, 49, 91, 133, 166, प्रसेनजित, 277 ____ 167, 205, 230, 256, 257, 312 प्राकृत व्याकरण, 40 बौद्ध धम्मपद, 42, 43, 92, 252, 253 प्राकृत साहित्य का इतिहास, 157 बौद्धधर्म के विकास का इतिहास, 38, प्राचीन भारतीय शासन पद्धति, 278, 90, 91, 94, 95, 162, 166-169, 279 251, 252, 254, 255

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