Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti
Author(s): Rekha Chaturvedi
Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L
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अनुक्रमणिका • 327 तनसुलि, 271
39, 40, 41, 61, 132, 152, 155, ताण्डय ब्राहमण, 58, 59, 93
158, 159, 165, 166, 232, 250, ताम्रलिप्ति, 275
283, 311 तित्थोगाली पाइन्ना, 36
दशवैकालिक नियुक्ति, 94, 163 तिष्यगुप्त, 146, 147
दशार्ण, 270, 277 तुंगीयग्राम, 103
दशार्णभद्र, 270 तुरकावषेय, 52
दशाश्रतुस्कन्ध, 18, 22, 90, 160 तुलसी आचार्य, 155
दानव, 86 तुलसी प्रज्ञा, 156-161, 166, 226, दीर्घनिकाय, 91, 93, 94, 99, 155, - 233, 254.
____161, 225, 256, 257, 278 तैत्तिरीय आरण्यक, 55, 92
दुःखवाद, 64 तैत्तिरीय उपनिषद, 230
दुवालसंगेगणिपिडगे, 19 तैत्तिरीय संहिता, 93
दृढ़नेमि, 280 त्रिकाय पिटक, 19
दृष्टिवाद, 22 त्रिपिटक, 2, 8, 61, 66
देव, 86, 161 त्रिविक्रम, 16
देवदत्त, 76 त्रिशला, 238, 241, 253, 254 देवर्द्धिगणि, 2, आगम के संकलन कर्ता त्रिषष्टीशलकपुरुषचरित्र, 93, 236, 250 3, वालभी वाचना के प्रमुख 4, 5, त्रैराशिक, 146, 148
सिद्धान्तों के संकलन कर्ता, 6, 7, 9, त्रैराशिक सम्प्रदाय, 82, 97, 170
_12, 14, 18, 22 देवनन्दा, 238, 240, 241, 253, 254
देवसेन, 148, 170 थुस्स जातक, 277
देवेन्द्र, 283 थेरगाथा, 92,
दोगुन्दगदेवता, 85 थेरवाद, 157
द्रविड़, 244 द्रव्यानुयोग, 23, 28
द्रुम पुष्पिका, 35 दक्ष प्रजापति, 93
द्वादशांग, 1, 9, 10, 13, 17, 18, 22, दक्ष स्मृति, 182, 225
83, 111, 183 दर्शन कुशील, 62, 63
द्वारिका, 154, 270, 280 दर्शन पुलाक, 61
द्विमुख, 270 दर्शनसार, 148, 170
द्वैक्रिय, 146, 148 दलसुख मालवणिय, 39, 167, 168,
251 दशपुर, 146, 148
धनु, 88 दशरथ, 71
धन्वन्तरी, 169 दश वैकालिक, 9, 18, 22, 32, 38, धर्म, 285 .

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