Book Title: Jain Agam Itihas Evam Sanskriti
Author(s): Rekha Chaturvedi
Publisher: Anamika Publishers and Distributors P L

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Page 355
________________ अंग, 138, 259 अंगग्रंथ, 20 अंगपणत्ति, 24 अंगप्रविष्ट, 18 अंगुत्तरनिकाय, 21, 94, 161, 256, 259, 260, 277 अंब, 88 अंबर्षि, 88 अंश, 307 अकम्पिय, 251 अकर्माश, 63 अकलंक, 145, 214, 227 अक्रियावाद, 64, 65, 68 अग्निभूति, 251 अग्निशिखर, 270 अग्नीध, 53, 154 अनुक्रमणिका अच्छ, 259 अच्छवी, 63 अजातशत्रु (काशीराज), 70, 161, 238, 260, 277 अजितकेश कम्बलि, 61, 66, 72 अजितनाथ, 269 अज्ञानवाद, 64, 65, 68 अणुतरोववाइयदसाओ, 20 अथर्ववेद, 58, 93,241, 252 अदत्त, 49 अनंगप्रविष्ट, 18 अनागार धर्मामृत, 165, 194, 226, 228 अनाभोग बकुश, 62 अनुत्तरोपपातिक, 22 अनुयोग कृदाचार्य, 158 अनुयोगद्वार सूत्र, 6, 9, 18, 19, 22, 36, 38, 93, 307 अन्तकृद्दशांग, 22, 98, 255 अन्तगडदसाओ, 20 अन्तरंजिका (पुरमंतरंजिक), 146, 148 अन्तरागम, 18 अन्धक वृष्णि, 154 अपरिश्रावी, 63 अबाद्धिक, 146, 148 अभयदेवसूरि, 17, 71, 232, 277, 281 अभिधान चिंतामणि नाममाला, 157, 158 अमितगति, 212, 230, 231, 232, 234 अमृतचन्द्र, 212, 233, 234 अयलमय, 251 अयोध्या, 270 अरिष्टनेमि, 44, 154, 269, 280,299 अरिहन्त, 268 अर्थ,285

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