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आप्तवाक्यं शब्दः । आप्तस्तु यथार्थ वक्ता । वाक्यं पद समूहः यथा गामानय इति । शक्तं पदम् । अस्मात् पदात अयमर्थः बोद्धव्यः इति ईश्वरसकेत शक्तिः । (a) आकांक्षा योग्यता सन्निधिश्च वाक्यार्थ ज्ञाने हेतुः ।
(b) पदस्य पदान्तर व्यतिरेक प्रयुक्तान्ययाननुभावकव्यमाकांक्षा ।
(c) अर्थाबाधो योग्यता ।
(d) पदानाम् अविलम्बेन उच्चारणं सन्निधिः । 7
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ज्ञान के मुख्य स्रोतों में 'आप्त प्रमाण' आता है। हम ऐसी अनेक वस्तुओं के अस्तित्व को, जिन्हें हमने स्वयं नहीं देखा, न जिनके विषय में विचार ही किया, अन्य पुरुषों के प्रामाणिक कथन के आधार पर स्वीकार कर लेते हैं। शब्द प्रमाण न्यायशास्त्र में स्वतंत्र प्रमाण के रूप में स्वीकार किया गया है। इसे चौथा प्रमाण भी कहा जाता है। शब्द द्वारा प्राप्त ज्ञान शब्द या शब्द ज्ञान कहलाता है। “शब्दों एवं वाक्यों से जो वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त होता है, उसे शब्द कहते हैं।" 59 शब्दों के माध्यम से ज्ञान की अभिव्यक्ति बोलकर अथवा लिखकर की जाती है किन्तु सभी प्रकार के शाब्दिक ज्ञान यथार्थ नहीं कहे जाते हैं। इनमें से अधिकांश अयथार्थ होते हैं मात्र विश्वसनीय व्यक्ति अथवा आप्त पुरुष के कथन को प्रामाणिक माना जाता है। स्वयं महर्षि गौतम ने भी बतलाया है-आप्तोपदेशः शब्दः । तर्कसंग्रह में भी बतलाया गया है-आप्त वाक्यं शब्दः । यानी आप्त अथवा विश्वसनीय व्यक्ति का कथन अथवा वाक्य होता है - शब्द प्रमाण कप्पू स्वामी शास्त्री के शब्दों में Valid verbat testimony is a proposition set forth by a trust worthy person." दूसरे शब्दों में आप्त पुरूष के कथन को शब्द प्रमाण कहा जाता है। अब प्रश्न उठता है कि आप्त पुरूष कौन है? आप्त पुरूष वह है, जो स्वयं किसी वस्तु का साक्षात्कार करके उसका ज्ञान प्राप्त करता है एवं लोकहित अथवा लोककल्याण के लिए उस यथार्थ ज्ञान को अन्य लोगों के सम्मुख प्रस्तुत करता है। तर्कसंग्रह में भी बतलाया गया है-आप्तस्तु यथार्थवक्ता One who hapitually speaks only truth is a trust worthy person." यानी यथार्थ भाषी ही आप्त पुरूष कहलाते हैं। आप्ति उस ज्ञान को कहा जाता है, जिसे व्यक्ति स्वयं अपने अनुभव से प्राप्त करता है। के. पी. बहादुर ने ठीक ही लिखा है- Verbal testimony is the percept of reliable person. A reliable person is one, who has got infinite knowledge of the subject on which the testimony is to be given.
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अब प्रश्न है कि वाक्य क्या है? पदों का समुदाय ही वाक्य कहलाता है। अन्नंभट्ट के शब्दों में "वाक्यं पद समूहः " A sentence or proposition is a group of words like "bring a cow."
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