Book Title: Gyan Mimansa Ki Samikshatma Vivechna
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 147
________________ मालूम नहीं है कि चोरी करने वाला कौन है? चोरी करने वाले के विषय में जो कल्पना करते हैं, उस ही कर्ता संबंधी कल्पना कहा जाता है। नेपच्यून नामक ग्रह का पता इसी तरह की कल्पना से चला है। नेपच्यून की जानकारी प्राप्त करने से पूर्व वैज्ञानिकों को इस बात का ज्ञान था कि हरेक नक्षत्र में आकर्षक शक्ति है। नियमानुसार प्रत्येक नक्षत्र अपने निश्चित कक्ष पर घूमता है। पर वरुण अपने निश्चित कक्ष से कुछ हटकर घूमता है। वैज्ञानिकों ने सोचा कि किसी अज्ञात ग्रह के चलते ही वरुण अपने निश्चित कक्ष से कुछ हटकर घूमता है। आगे चलकर यह कल्पना सिद्ध हुई और वह अज्ञात ग्रह नेपच्युन ही था। अतः नेपच्युन का पता कर्ता सम्बन्धी कल्पना के कारण ही चला है। (ख) परिस्थिति सम्बन्धी कल्पना-उत्तेजक ही कर्ता होता है। किन्तु सिर्फ उत्तेजक से ही कार्य सम्पन्न नहीं हो सकता है। कार्य होने में सामग्री की भी जरूरत है। यह एक परिस्थिति है, जिस परिस्थिति में उत्तेजक कार्य सम्पन्न करता है। उदाहरण के लिए मान लिया जाए कि किसी घर में आग लग गई हो और अब यदि यह कहा जाए कि दियासलाई जलाने से आग लग गई तो यथार्थ नहीं कहलाएगा। घर जलने के लिए दियासलाई के अतिरिक्त सखी लकडी का होना, पानी का अभाव, रात का समय, हवा का तेजी से बहना इत्यादि का होना आवश्यक है। इसी परिस्थिति को सामग्री कहते हैं और इसके द्वारा पता लगाना परिस्थिति संबंधी कल्पना कहलाता है। (ग) विधि संबंधी कल्पना कभी-कभी घटना के कर्ता और उसकी परिस्थिति के विषय में हमें ज्ञान रहता है, किन्तु यह ज्ञात नहीं रहता है कि किस विधि या नियम के द्वारा घटना घटी है तो कारणका पता नहीं चल पाता है किन्तु जब विधि का पता चलता है और उस विधि के द्वारा अन्दाज लगाते हैं तो हम उसे विधि संबंधी कल्पना कहते हैं। दूसरे दृष्टिकोण से इसे साधारण और वैज्ञानिक कल्पना में बांटते हैं। वैज्ञानिक कल्पना सत्यान्वेषण में अहम भूमिका अदा करती रही है। 147

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