Book Title: Gyan Mimansa Ki Samikshatma Vivechna
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 144
________________ किसी विषय का निश्चित ज्ञान प्राप्त करने के पूर्व जो अटकल या अन्दाज लगाया जाता है अथवा अनुमान किया जाता है, वहीं प्राक्कल्पना कहलाता है। जे.एस. मिल ने इसकी परिभाषा देते हुए कहा है कि-"An hypothesis is any supposition which are make (either without actual evidence, or on evidence ovowedly insuficient) in order to undeavour to deduce from it conclusion in accordance with facts which are known to be real; under the idea that if the conclusion to which the hypothesis leads are known truths, the hypothesis itself must be, or at least is likely to be true."120 कॉफे ने भी इसकी संक्षिप्त किन्तु उपयुक्त परिभाषा देते हुए कहा है कि "An hypothesis is an attempt at explanation : a provisional supposition made in order to explain scientifically some fact or phenomenon." अथोत कल्पना व्याख्या करने का प्रयत्न हैं। यह एक काम चलाऊ अटकल या अन्दाज है, जो किसी घटना की वैज्ञानिक व्याख्या के लिए लगाया जाता है। ___ उपर्युक्त परिभाषा का विश्लेषण करने पर निम्नलिखित बातें देखने को मिलती हैं (क) जब कोई घटना घटती है और हम उसकी व्याख्या करना चाहते हैं तो उस समय कल्पना की आवश्यकता होती है। घटना की व्याख्या का अर्थ उसका कारण जानना है। किसी घटना की व्याख्या तब हो जाती है, तब हम उसका कारण जान लेते हैं। (ख) किसी घटना के वास्तविक कारण का तत्काल पता नहीं चलता है। इसके लिए पहले सूझ के बल पर किसी कारण का अटकल या अन्दाज लागना पड़ता है। घटना को देखने से कारण का अन्दाज मिलने लगता है और जिसमें हमारा अधिक विश्वास होता है, उसको तब तक के लिए कारण मान लेते हैं। जब तक कल्पना सत्य प्रमाणित नहीं हो जाती है, तब तक कामचलाऊ कल्पना से काम चलाना पड़ता है। (ग) घटना की व्याख्या दो ढंग से की जा सकती है-(1) साधारण ढंग से, (2) वैज्ञानिक ढंग से। जब कोई घटना घटती है तो एक साधारण आदमी जिस ढंग से उसकी व्याख्या करता है, एक वैज्ञानिक उस ढंग से उसकी व्याख्या नहीं करता है। एक साधारण आदमी वर्षा नहीं होने का कारण भगवान इन्द्र के प्रकोप को मानता है। वैज्ञानिक इन्द्र के प्रकोप को नहीं बल्कि प्राकृतिक परिस्थितियों को वर्षा नहीं होने का कारण मानता है। इसलिए किसी वैज्ञानिक की कल्पना एक साधारण आदमी की कल्पना से भिन्न हो सकती है। तर्कशास्त्रियों ने उसी कल्पना को मान्यता दी है, जो किसी घटना की व्याख्या वैज्ञानिक तरीके से संभव हो। वैज्ञानिक ढंग से घटना की व्याख्या करने 144

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