Book Title: Gyan Mimansa Ki Samikshatma Vivechna
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 130
________________ 2. और बात सामान्य हो तो वह बात जो सब उदाहरणों में मिलती है, उस घटना के साथ कार्य-कारण का सम्बन्ध रखती है। इनमें निम्नलिखित बातें देखने को मिलती हैं1. किसी घटना की केवल अपरिवर्तनीय पूर्ववर्ती अवस्था ही उसका कारण हो सकती है। किसी घटना की केवल अपरिवर्तनीय उत्तरी अवस्था (in variable consequent) ही उसका कार्य होता है। 3. किसी घटना के बारे में खोज करना-यहां हम कभी तो किसी घटना के बारे में जानना चाहते हैं और कभी-कभी कारण को देखकर ही घटना की खोज करते हैं। दो या दो से अधिक परिस्थितियों का निरीक्षण करना। 5. परिस्थितियां केवल एक ही बात में मिलती हैं और वह है-'घटना का आना। 6. कारण का संकेत मिलना-बराबर आने वाली घटना से अपने लक्ष्य को निर्धारित करने में संकेत मिलता है। इस विधि (अन्वय विधि) से लाभ या इसके गुण1. इस विधि का क्षेत्र व्यतिरेक विधि से बड़ा है। यह निरीक्षण प्रधान विधि है। 2. इस विधि के द्वारा कारण से परिणाम का पता चलता है और परिणाम से कारण का पता लगाया जा सकता है। 3. यह सरल विधि है। इसका उपयोग अनपढ़ एवं बच्चे अर्थात सभी लोग कर सकते हैं। 4. प्रकृति रहस्यमय है, फिर भी इसके रहस्य का पता लगाने के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा है। इस विधि के दोष1. इसमें सूक्ष्म कारण का पता नहीं लगता है। 2. जहर मिलाकर पानी पिएँ या धतरा मिलाकर पानी पीएं अथवा पोटेसियम साइनाइट मिलाकर पानी पीएं मृत्यु होगी, तो क्या पानी तो सब अवस्थाओं में है, मृत्यु का कारण है? नहीं। अतः यह अक्षम विधि है। व्यतिरेक विधि मिल ने व्यतिरेक विधि की परिभाषा देते हुए बतलाया है कि "किसी एक उदाहरण जिसमें खोज की जाने वाली घटना उपस्थित होती है और एक दूसरा उदाहरण जिसमें वह घटना नहीं होती है-इन दोनों दृष्टान्तों में सब बातों में समानता रहती है, किन्तु एक बात में भिन्नता रहती है और यह भिन्नता वाली घटना पूर्व उदाहरण में उपस्थित रहती है। तब यह बात जिसमें दोनों उदाहरणों 130

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