Book Title: Epigraphia Indica Vol 02
Author(s): Jas Burgess
Publisher: Archaeological Survey of India
________________
415
CHITORGADH INSCRIPTION OF MOKALA OF MEWAD. दारिद्रग्रोपहत विबोधयति यद्दष्टाहिदष्टं यथा
जाप्यं करणंपधाधितं मुविमलं यबाममंबा- . L22.
धरं॥ ३३ ॥ तत्सूनुः किल लक्षसिंहनृपतिः ख्यातो गुणग्रामणी-"
रुद्यहानफलामलार्जुनयशोवनीमतन्नीतमः । यत्तेजःशिखिनो [विपक्षवनितानेबांबुजातधुते:
काष्ठांताक्रमणं [भ]टित्यनुदिनं नाभूहिचारास्पद ॥२४॥ रामः किं जितदूषण: सुभरती रामानु
रागास्पद शबुधः किमु लक्ष्मणोदयभरः सुग्रीव इहांगदः । तारावलभ उत्तमेन वपुषालंकारमा[यादतो
यो रामायणनायकैकतनुतां द्रष्टुं विधावा कृतः ॥ २५ ॥ दानादुहामसामा शरणगतजनबाणपाषाणसीमा भीमासीमैकधामा शतमखपुरतो विहिषा गी
तनामा। पचामारामदामा मखमुखविलसमधमोच्चसामा"
सामाशेषरोमा धरणिसुरतरुर्लक्षसिंहःस धीमान् ॥ २६ ॥ वैरिक्षोणींद्रमत्तहिरदमदनुदा सिंहतः शुइसारा
दारादुहीतकीर्तेरमरपुरभिष[काति]निरीतमूर्तेः । दाने माने कपाणे यमसि 25.
महसि [वा] साधुवाण्यां वपाण्यां वीरामचचितीशानगति न हि परः ख्यातभक्ति: सुभुतिः ॥ ३७॥ नीतिप्रीतिभुजार्जितानि [लक्ष]शी रत्नानि यनादयं
दायं दायममायया व्यतनुत ध्वस्तांतरायां गया । तीर्थानां करमाकलय्य विधिनान्यत्रापि युक्त" ध.
26.
27.
प्रौढयावनिबहतीर्थसरसीजाग्रद्योभोरुहः ॥ ३८॥ संग्रामेषु गतागतानि विद[धम परैर्लचितो
दत्वा(चा) लक्षमपि स्वयं न तनुते संतोषममेक्षणः । कुर्वाण: किल कानकीमपि तुला तत्खंडबिंबच्छला. [M] खाँ तनुमातनोदिति नृपो लक्षप्रथो
जायन ॥३८॥ दाने हेनस्तुलायां मखभुवि बहुधा शहिमापादिता*]नां
भावजांबनदानां कुकिजनभरैस्तर्किता राशयीस्थ ॥(1) • The word बह before दुष्टा appears rather superfiuous, Metre of vernes 36 and 37: Sragdhara. Metre of versea 33-35: Sardalavikridita.
" Read 'नुदः Originally car was engraved.
57 The sign of antsvdra of is very faint. One would expect f.
58 Metre of verses 38 and 39: Sardalavikridita. -Originally 'तपयंत wwengraved.
Read जाबत. * Rand 'भमभूमी.
Page Navigation
1 ... 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596