Book Title: Divsagar Pannatti Painnayam
Author(s): Punyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
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श्वेताम्बर परम्परा मान्य आगम ग्रन्थ
४७ [५] (i) तस्स णं सिद्धायतणस्स उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं महेगा उववाय
सभा पण्णत्ता, जहा सभाए सुहम्माए तहेव जाव मणिपेढिया अट्ठ जोयणाई, देवसयणिज्जं तहेव सयणिज्जवण्णओ, अट्ठ मंगलगा, झया, छात्तातिछत्ता ।
( राजप्रश्नीयसूत्र, १८०)
(ii) तस्स ण सिद्धायणस्स णं उत्तरपुरस्थिमेणं एत्थ णं एगा महं उववायसभा पण्णत्ता । जहा सुधम्मा तहेव जाव गोमाणसीओ।
( जीवाजीवाभिगमसूत्र, ३/१४०)
[४६] (i) तस्स णं माणवगस्स चेइयखंभस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं महेगा
मणिपेढिया पण्णत्ता।""""तीसे णं मणिपेढियाए उरि एत्थ णं महेगे देवसयणिज्जे पण्णत्ते ।..."तस्स णं देवसयणिज्जस्स उत्तरपुरस्थिमेणं महेगा मणिपेढिया पण्णत्ता ।..."तीसे णं मणिपेढियाए उवरि एत्थ णं महंगे खुड्डए महिंदज्झए पण्णत्ते, सट्टि जोयणाई उड्ढं उच्चत्तेणं, जोयणं विक्खंभेणं ।
( राजप्रश्नीयसूत्र, १७५-१७६ )
(i) तस्स णं माणवगस्स चेइयखंभस्स पच्चत्थिमेणं एत्थ णं एगा
महं मणिपेढिया पण्णत्ता,..."तीसे णं मणिपेढियाए उप्पि एत्थ णं एगे महं देवसयणिज्जे पण्णत्ते ।.."तस्स णं देवसयणिज्जस्स उत्तरपुरथिमेणं एत्थ महई एगा मणिपीढिया पण्णत्ता।""""तीसे णं मणिपीढियाए उप्पि एगं महं खुड्डए महिंदज्मए पण्णत्ते, अट्ठमाइ जोयणाइ उड्ढे उच्चत्तेणं अबकोसं उन्हेणं अद्धकोसं विक्खंभेणं ।
(जीवाजीवाभिगमसूत्र, ३/१३८)
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