Book Title: Divsagar Pannatti Painnayam Author(s): Punyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit SamsthanPage 75
________________ दीवसागरपण्णत्तिपइण्णयं [३४] नंदुत्तरा १ य नंदा २ आणंदा ३ तह य नंदिसेणा ४ य । विजया ५ य वेजयंती ६ जयंति ७ अवराइया ८ चेव ।। (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा १२८) [३५] लच्छिमई १ सेसमई २ चित्तगुत्ता ३ वसुंधरा ४ । समाहारा ५ सुप्पदिन्ना ६ सुप्पबुद्धा ७ जसोधरा ८॥ एयाओ दक्खिणेणं हवंति अट्ठ वि दिसाकुमारीओ। जे दक्षिणेण कूडा अट्ट वि ख्यगे तहिं एया ।। (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा १३०-१३१) [३६] इलादेवी १ सुरादेवी २ पुहई ३ पउमावई ४ य विनेया। एगनासा ५ णवमिया ६ सीया ७ भद्दा ८ य अट्टमिया ॥ (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा१३२) [३७] अलंबुसा १ मीसकेसी २ पुंडरगिणी ३ वारुणी ४ । आसा ५ सग्मप्पभा ६ चेव सिरि ७ हिरी ८ चेव उत्तरओ।। (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा १३४ ) [३८] पुग्वेण होइ विमलं १ सयंपहं दक्षिणे दिसाभाए २। अवरे पुण पच्छिमओ (?) ३ णिच्चुज्जोयं च उत्तरओ ४ ॥ (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा १४५ ) [३९] चित्ता १ य चित्तकणगा २ सतेरा ३ सोयामणी ४ य णायव्वा । एया विज्जुकुमारो साहियपलिओवमट्ठितिया ।। (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा १४७) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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