Book Title: Divsagar Pannatti Painnayam
Author(s): Punyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 134
________________ गाथा ओ ओगाहितामहे चत्तालीसं ग गंतू व संडा चउरो च चत्तारि जोयणसएउ चत्तारि जोयणसए 'उ चत्तारि य चडवीसे क कणगे कंचणगे तवण ११९ कविसीसया य नियमा १७९ कुंडलनगस्स ( ? कुडलवरस्स ) ८७ कुंडलवरस्स बाहि छसु कोंडलवरस्समझे १०२ ७२ चत्तारि सहस्साइं चउवीसं चंचाए बहुमज्झे चित्ता य चित्तकणगा 3 छज्जोयणाइ विडिमा ज परिशिष्ट जा उत्तरेण सोलस जिणदुम- सुहम्म-चेइयजिणदेवछंदओ जिणवरम्मि क्रमांक जो अवरदक्खिणे रहकरो जो उत्तरअंजणगो १७५ ११६ १८४ १४७ चुलसी सहसा २७ चोयालसयं पढमिल्लुयाए २२४ Jain Education International १८२ १६९ ७५ ४ जन्नामा देवीओ। ईसाण १०१ जन्नामा देवीओ। सक्कस्स ९९ जन्नामा से देवी जंबुद्दीवाहिव अणाओ जत्थिच्छसि विक्खभं २०६ १०९ १५६ २८ ८८ २०४ २०० ६५ ५६ गाया जो जाइ सयसहस्साइ जो दक्खिणअंजणगो जो पुव्वक्खिणे रइकरगो जोयणसयमायामा ४० जोयस हस्तिया १३८ जो साहसीया । दिसा - १४३ जोयण साहसीया एए।विज्जु-१४६ जोयण साहसीया रुयगवरे ล तत्तो य महापउमा तस्स य नगुत्तमस्स तस्सुवरि माणुसन गस्स तासुप्पर महिदज्या तिदिसि होंति सुहम्माए तिन्नेव जोयणसए तिसीसे पंचसीसे य तीसं च सयसहस्सा तो चेव सहस्सा गच्छ दाहिणओ तेण परं दीवाणं dag कोटिस सिपुर मुहमंडवा थ थिरहियय मउयहिए थूभाण होंति पुरओ दक्खिणपुवेण रयणकूडा दसकोड सहस्साइ दस व जोयणस दस चेव सहस्सा खलु दस बावीसा आहे क्रमांक २२५ ५२ ६२ For Private & Personal Use Only १३६ १०७ ९० १९४ १९० १०, ८० ८५ १९ ३० १७४ १६३ २५ १९१ ८६ १९३ १६ १११ ७४ ११४ ३ www.jainelibrary.org

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