Book Title: Divsagar Pannatti Painnayam
Author(s): Punyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 133
________________ १. परिशिष्ट द्वीपसागरप्रज्ञप्ति प्रकीर्णक की गाथानुक्रमणिका गाथा अ अगुणत्तीस सहस्सा सत्तेव अग्गमहिसी परिसाणं afretar-siकारिय अमोहे सुप्पबुद्धे य अरुणस्स उत्तरेणं अलंबुसा मrehe अवरुत्तर रइकरगे अवरेण अंजणो जो अवरेण य अणियाणं अवरेणं अणियाणं असुराणं नागाणं अंजणगपव्वयाण उ अंजणगपव्वाणं इ इलादेवी सुदेवी ई ईसा देवरन्नो जाओ उ उच्चत्तेण सहस्सं अड्डाइज्जे उच्चत्तेण सहस्सं सहस मेगं उन्विद्धा वीसं उग्गया ऊ उसे य संसिया भद्द Jain Education International क्रमांक ३२ २०९ १८९ १२३ २१३ १३४ ६७ ५४ २१७ २१२ २२२ ४१ ३८ १३२ १०० ५९ २२० २०३ गाथा ए एव कमेणं [च] अंत एएणेव कमेणं वरुणस्स एएणेव कमेणं सोमस्स एएस कूडाणं उस्सेहो एकत्तीस सहस्सा छच्चेव एकत्तीस सहस्सा छच्चेव एक्कासि एगनउया एगा जोयणकोडी छब्वीसा एगा सिइ कोडी एक्क्की बाहा दाराणं १८० एगं च सयसहस्सं वित्थिण्णाओ ६४ एगं च सयसहस्सं वित्थिष्णाओ ४३ एगं च सयसहस्सं वित्थिष्णो १७६ एगं चेव सहस्सं छलसीयं १२,८२ एगं चेव सहस्सं पंचेव ११,८१ क्रमांक एवं ईसाणस्स वि १४ एसेव जिणधरस्स वि ९६ ९२ ९४ ९,७९ ४९ ६० ५८ For Private & Personal Use Only गासि एगनउया तो एक्केक्स उ १०४,१५१ एत्तो एक्केक्स्स उ सयसहस्सं ६१ एयाओ दक्खिणं हवंति १३१ एयाओ पच्छिम दिसासमासिया १३३ या दिसाकुमारी कहिया १३५ या पुरत्थमेणं रुयगम्मि १२९ २१ २४ २६ १५५ १९५ www.jainelibrary.org

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