Book Title: Dasvaikalik Sutra Mool Path
Author(s): Gyansundar
Publisher: Nathmalji Moolchandji Shah

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Page 6
________________ (४) ज्ञान बगीचे के पुष्पों को कब सुंघोगे ? श्री पार्श्वमनुके पांचमे पट्ट श्रीमाली, और पोरवाल, वंश स्थापन करनेवाले श्री सयंप्रनसूरी के पट्ट पर श्रशवंशोत्पन्न करनेवाले श्री मपकेश (कमला) गलाधिपति श्री रलमनसूरीजी महाराज स्मरणार्थ श्री रत्नप्रजाकर ज्ञानपुष्पमालाका पुष्प. १ श्री प्रतिमाबत्तिशी.०-०1-६ २ गयधर विलास. ३ दानबत्तिशा. ०-०- ६ ४ अनुकंपाबत्तिशी. २ प्रश्नमाला. प्रश्न. १००-०-१-० 9 पैतीश बोल. ६ स्तवन संग्रह जा. १०-२-० ० दादासाबकी पूजा ०–१–० चर्चाका पब्लिक नोटीस नेट. १० देवगुरु वन्दनमाला. ०-१-० ११ स्तवन संग्रह जा. २० -२-०१२ लिंग निर्णय. १३ स्तवन संग्रह जा. ३ जेट १५ बत्तीस सूत्रदर्पण. १७ ०४ आशातना. १० आगम निर्णय. २१ जैनस्तुति. २ ०-२-० २३ प्रभुपूजा २५ व्याख्याविलास २७ थोकका प्रबन्ध जा. २) ०-१-०२० 97 " जा. ४ ) ० २ ० ३० ३२ १४ सिद्धप्रतिमा मुक्तावली. ०-०-० ०-३-०१६ जैननियमावली नेट जेट १० ऊंके पर चोट (चर्चा) नेट ० - २ - ० २० चेत्यवंदन स्तवनादि ० - १-० २२ सुबोध नियमावली ०-०- ६ २४ जैनदीक्षा. नेट ०-२-० २६ थोकका प्रबन्ध जा १) ० - २-० "" 17 ना ३०-२-० "" 0-8-0 3-0-0 ०-१-० जाग ५ बपते है " जाग ६ नेट 3-0-0 भेट ३१ सुखविपाक मूल सूत्रम् ३३ दशवैकालकसूत्र मूल " ३४ " नाग 9 नेट पत्ता - श्री रत्नप्रजाकर ज्ञान पुष्पमाला मु० ओसीयां जीला जोधपुर - मारवाम.

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