Book Title: Dasvaikalik Sutra Mool Path
Author(s): Gyansundar
Publisher: Nathmalji Moolchandji Shah
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(४५) पिय पत्तेय पुन्न पावं, अत्ताणं नसमुक्कसे जे स निख्खू ॥१०॥ न जाइ मत्तेनय रूव मत्ते, नलालमत्ते न सुएण मत्ते; मयाणि सवाणि विवद्ययंतो, धम्मशाण रएय जे स निख्खू ॥ १५ ॥ पवेयए अझपयं महामुणी, धम्मे हि घावयश् परंपि; निकम्म वझेश कुसीलविंग, नयावि हासं कुहए जेस निख्खू ॥२०॥ तं देहवासं असुश् असासयं, सया चए निच्च हिय छियप्पा; बिंदित्तुं जाइ मरणस्स बंधणं, उवेश निख्खू अपुणागमं गइ त्तिबेमि ॥ २१ ॥ इति निक्खू नाम दसमद्ययणं संपूर्ण दस वैकालिक सूत्र समाप्तं ॥

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