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उपजावें ३.
तीन प्रकार सम कितनी रक्षा. पहिलें बोलें नाइ बाश्यांनें मिथ्यावीनें छानमतीने यापरो धर्म दिखा तेहनें उत्तर देनें निषेघें तो समकितरी रिष्या हुवें १, बीजें बोलें उत्तर नही देवायें तो बाध्य रदै पिए मिलती नही मारे तो समकित हुवें २, ती जें बोल्यो नही रहे तो वो पूरो जावें तो समकितरी रिष्या हुवें ३. २३ ३ तीन प्रकारें जीव अल्प अधुरो यानखो बायें जाणबूज त्रसजीवनी हिंसा करें १ दू जें जांणबूज जूठ बोलें २, तीजें जाणबूज साधु चारित्रयनें सुनो ध्यानाकर्मी खणी छान्न पाणी देवें ३.
३ तीन बोले जीव मोटो व्याजखो बांधे. त्रस जीवरी हिंसा न करें १, जूठो वचन नही बोले २, साधु चारित्रयने सुकतो अन्न पाणी देवें ३. ए तीन बोल सेवें तिके जीव मोटो पाखो बाधे.
३ तीन प्रकारें जीव पशुन दीर्घ आखो पामे त्रसजीवरी हिंसा करें १, जुगे बोलें २, साधुचारित्रयनुं सुतो व्याधाकर्मी ने क्षणीक छान्न पाणी वस्त्र पात्र देवें
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