Book Title: Bhagwati Sutra Part 12
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 634
________________ भगवतीस्त्रे खलु हे गौतम ! 'तेणं कालेणं तेणं समएणं' तस्मिन् काले तस्मिन् समये, 'इहेव जंबुद्दीवे दीवे' इहैव जम्बू द्वीपे-द्वीपे 'भारहे वासे' भारते वर्षे 'हत्थिणापुरे नाम नयरे होत्था' हस्तिनापुरनामक नगरमासीत्, 'वण्णओ' वर्णका-चम्पानगरी वत् हस्तिनापुरस्यापि वर्णनं कर्त्तव्यम् 'सहस्संवत्रणे उज्जाणे' सहस्रानानम्एतन्नामकमुद्यानमासीव-वन्नो' वर्णकः-पूर्णभद्रचैत्यवद् अस्यापि वर्णनं कर्तव्यम् । 'तत्थ णं हथिणापुरे नयरे' तत्र खल्ल हस्तिनापुरे नगरे 'कत्तिए नाम सेट्टी परिवसई' कात्तिको नाम श्रेष्ठी परिवसति, 'अढ़ें' आढयः 'जाव अपरिभूए' यावदपरिभूता, यावत्पदेन बहुधनवान्यगोगवेलकादि युक्तो वहुजनेन चेति सहा 'णेगमपढमासगिए' नैगमपथमासनिका, नैगमा:-वणिजका स्तेषु मध्ये गोयम एवं वयासी' श्रमण भगवान महावीरने गौतम से ऐसा कहा'एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं तेणं समयेण इहेव जंतुद्दीवे दीवे भारहे वासे हत्थिनापुरे नामं नयरे होत्था' हे गौतम ! उस काल और उस समयमें इसी जम्बूद्वीप नामके द्वीपमें भारतवर्ष में हस्तिनापुर नाम का नगर था 'वण्गओ' इसका वर्णन चम्पानगरी के वर्णन के जैसा जानना चाहिये। 'सहस्संबवणे उजाणे उसमें सहस्राम्रवन इस नामका उद्यान था। 'वन्नओ' पूर्णभद्र चैत्य के जैसा इस का भी वर्णन कर लेना चाहिये-'तत्थ णं हथिणापुरे नयरे' उस हस्तिनापुरनगरमें 'कत्तिए नाम सेट्ठी परिवसई' कार्तिकनाम का सेठ रहता था। 'अड्डे जाव अपरिभूए' यह बहुत धनवाला था यावत् अपरिभून किसीसे पराजय पानेवाला नहीं था। यावत्पद से बहुधनधान्य गोगवेल. कादियुक्ता बहुजनेन' इन पदों का संग्रह हुआ है। 'णेगमपढमासणिए' महावीर स्वामी गौतम स्वाभान मा प्रभारी यु-"वेण कालेणं वेणं समएणं इहेव जंबुदीवे दीवे भारहे वासे हत्थिनापुरे नाम नयरे होत्था' मन સમયે તે જંબુદ્વીપ નામના મધ્યદ્વીપમાં ભરત ક્ષેત્રમાં હસ્તિનાપુર નામનું નગર हेतु. “वण्णओ" तनुं न यानगरीना प्रभारी सभा. "सहस्संबवणे उजाणे" मा ससावन नामर्नु धान तु. “वण्णओ" पूरा भद्र येत्यानी भानुवर्णन सभा. "तत्थ णं हथिणापुरे नयरे" ते हस्तिनापुर नसभा 'कत्तिए नाम सेट्ठी परीवसई" ति नामने 18 २७ता डा. "अड्ढे जाव अपरीभूए" ते । धनवान shi. यावत् अपराभूत- थी ५२सन्य ન પામે તે હતે. અહિયાં યાવત્ પઢથી બહુ ધન, ધાન્ય, ગાય, ગલક विश्थी युत sal. "बहुजनेन" मा पहानी सब थयो छ. "णेगम

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