Book Title: Bhagwati Sutra Part 12
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 655
________________ प्रेमेयवन्द्रिका टीका २०१८ उ०२ सू०१ कार्त्तिकश्रेष्ठिनः दीक्षादिनिरूपणम् ६३७ आपृच्छत 'आपुच्छित्ता' आपृच्छ्थ 'पुरिससहस्सवाहिणीओ सौयाओ दुरूहद्द' पुरुषसहस्रवाहिनीः शिविका दूरोहत, 'दुरुहित्ता मित्चणाइ जाव परिजणेणं जेट्ठ पुतेहिय' आरुह्य मित्रज्ञातिस्वजनसम्बन्धिपरिजनैः ज्येष्ठपुत्रैश्च 'समणुगम्म "माणमग्गा सञ्चिडिए' समनुगम्यमानमार्गाः सर्वद्धय 'जाव वेणं अकालपरि'ही चैत्र मम अंतियं पाउन्भचह' यावद्रवेण अकालपरिहीणमेव ममान्तिके मादुभवत सकल मित्रादीन् ज्येष्ठपुत्रांश्च दीक्षाविषये आपृच्छथ तैरनुज्ञाताः तैः समनुगताश्च शिविकाः आरुह्य त्वरितं ममान्तिकमागच्छतेत्यर्थः । 'तए णं ते मस्सं पि कचियस्स सेहिस्स एयमहं विणएणं पडिसुणेति' ततः खलु ते नैगमा सहस्रमपि कार्त्तिकस्य श्रेष्ठिन एतमर्थ विनयेन प्रतिशृभ्वन्ति 'पडिसुज्येष्ठ पुत्रों से पूछे - 'आपुच्छेता' पूछकर 'पुरिस सहरसवाहिणीओ सीधाओ दुरूहह' १००० पुरुष जिसे उठा सकें ऐसी पालखी ऊपर "बैठो 'दुरुहित्ता मित्तनाइ जाब परिजणेणं जेहपुत्ते हिय' बैठकर मित्र ज्ञाति आदिजनों से एवं ज्येष्ठ पुत्रों से 'समणुगम्ममाणमग्गा' जिसका मार्ग अनुगम्यमान है ऐसे तुमलोग 'सब्बिडीए' अपने २ पूर्ण वैभव के 'साथ 'जाव रवेणं अकालपरिक्षीणं चेव' बाजों के तुमुल घोषपूर्वक शीघ्रही 'मम अतियं पाउ भवह' मेरे पास आजाओ । तात्पर्य कहने का यह है कि तुम लोक अपने २ मित्रादिकों से एवं ज्येष्ठ पुत्रों से दीक्षा ग्रहण करने के विषय में पूछकर, मेरे पास बहुत जल्दी पालखी पर बैठकर आजाओ 'तए णं ते नेगमट्ट' कार्तिकसेठ के इस कथन को तं मित्तनाइ जाव जेदृपुत्ते आपुच्छह” ते पछी ते भित्रमनाने ज्ञातिन्नाने भने ज्येष्ठ पुत्रो छ। 'आपुच्छेत्ता" पूछीने "पुरिससहस्ववाहिणीओ सीयाओ दुरूहह” मे डन्नर यु३षा नेने उपाडी शडे तेवी याक्षणी पर मेसे। "दुरुद्दित्ता 'मिचाइ जाव परिजणेण जेट्ठपुत्तेद्दिय" तेमां मेसीने मित्र ज्ञाति विगेरे भना रमने ज्येष्ठ पुत्र थी "समणुगम्ममा णमग्गा" भेो भार्ग अनुगम्यमान अर्थात् ते अधा लेनी चाछण छा रह्या छे सेवा तभे " सव्वड्ढी ए" चोतपोताना पूर्णा' वैभव साथै "जाव रखेणं अक'लपरिहीणं चेव" वालओना तुभुनाह पूर्व हीथी "मम अंतिय पाउ भवद्द ' भारी पासे भावो. हेवानु' તપ એ છે કે તમે બધા પે'તપેાતાના મિત્રા વિગેરેને અને પાતપાતાના જ્યેષ્ઠ પુત્રને તમારા સ્થાને મૂકીને તે પછી તેમને દીક્ષા લેવાના વિષયમાં પૂછીને તે પછી પાલખીમાં બેસીને જલદીથી મારી પાસે આવા “तर णं नेगमदृ” अर्ति४ शेहना या उथनने ते खेड डेन्जर आहे वचिननो

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