Book Title: Bhagwati Sutra Part 12
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 676
________________ भगवतीसूत्रे यावदन्तं करोति, भगवानाह-'हंता मागंदियपुत्ता' हन्त, माकन्दिकपुत्र ! 'जाव अंत करेई' यावदन्तं करोति अत्र यावत्पदेन सम्पूर्णस्य प्रश्नवाक्यस्य संग्रह करणीयः। पुनर्वनस्पतिकायविषये प्रश्नयति-'से पूर्ण भंते ! तद् नून भदन्त ! 'काउलेस्से वणस्सइकाइए' कापोतिकलेश्यो वनस्पतिकायिको जीवः कापोतिकलेश्येभ्यो वनस्पतिकायेभ्योऽनन्तरमुद्धृत्य मनुष्यदेहमाप्नोति, मनुष्यदेहमवाप्य शुद्धसम्यक्त्वमासादयति शुद्धसम्यक्त्तमासाध तदनन्तरं सिध्यति बुद्धयते मुच्यते-परिनिर्वाति सर्वदुःखानामन्तं करोति किमिति प्रश्ना, भगवानाइ'एवं चेव जाव अंत करेई' एवमेव-पूर्ववदेव यावदन्तं करोति अत्र यावत्पदेन संपूर्णस्य प्रश्नवाक्यस्य अनुकर्षणं कर्त्तव्यम् तथा च वनस्पतिकायिक: कापोतिकप्रभु कहते हैं-'हंता, माकंदियपुत्ता ! जाव अंतं करेइ' हाँ माकन्दिक पुत्र ! ऐसा वह जीव यावत् समस्त दुःखों का अन्त कर लेता है। यहां यावत् शब्द से संपूर्ण प्रश्नवाक्यसंग्रह हुआ है। अब माकन्दिक पुत्र प्रभुसे ऐसा पूछते हैं-'से पूणं भंते ! काउलेस्से वणस्सइकाइए' हे भदन्त वनस्पतिकायिक कापोतलेश्यावाला जीव कापोतलेश्यावाले वनस्पतिकायिक जीवों में से मरकर मनुष्य देह को क्या प्राप्त कर वह शुद्ध सम्यक्त्व को प्राप्त कर लेता है ? शुद्ध सम्यक्त्व को प्राप्त कर यादमें क्या वह सिद्धिगति को प्राप्त कर लेता है ? वुद्ध हो जाता है, मुक्त हो जाता है, परिनिर्वात हो जाता है, और सर्व दुःखो का अन्त कर लेता है? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं-'एवं चेव जाच अंतं करेह' यहां यावत्पद से संपूर्ण प्रश्न वाक्य को अनुकर्षण किया गया है । तथा "हता माकंदियपुत्ता जाव अतं करेइ' है। भाइहपुत्र! त प्रभाए । શકે છે. યાવત્ સમસ્ત દુકાનો અંત કરે છે. भायपुत्र प्रभुनेशन पूछे छे ४-से गूणं भंते ! काउलेस्से वणस्सइ. ચારા' હે ભગવાન્ વનસ્પતિકાયિક કાપતલેશ્યાવાળો જીવ કાતિલેશ્યાવાળા વનસ્પતિકાચિપણથી મરીને તરત મનુષ્ય દેહને મેળવે છે? અને મનુષ્ય શરીર પામીને તે શુદ્ધ સમ્યક્ત્વ પ્રાપ્ત કરી શકે છે અને શુદ્ધ સમ્યક્ત્વ મેળવીને તે પછી શું તે સિદ્ધિગતિને મેળવે છે? બુદ્ધ થાય છે? મુક્ત થાય છે? પરિનિર્વાત થાય છે? મોક્ષગતિ પામે છે? અને સર્વદુઃખને અંત કરે छ १ मा प्रशन उत्तरमा प्रभु छ है-"एवं चेव जाव अंत करेइ" माडि યાવ@ખથી સંપૂર્ણ પ્રશ્ન વાકય ઉત્તર રૂપે ગ્રહણ કરેલ છે, તે આ પ્રમાણે

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