Book Title: Bhagawan Parshwanath Part 02
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 7
________________ विषय-सूची। प्रस्तावना-मंगल विनय मध्य ऐशियामें जैनधर्म १९९ ।। १-पुरोहित विश्वभूति पृ. १ नागवंशज मध्य ऐशिया२-कमठ और मरुभूति ... ७ । वासी थे ... ...२.१ ३-राजर्षि अरिविंद और १३-भगवानका दीक्षाग्रहण वनहस्ति ... ... १५ तपश्चरण ... ...२०३ ४-चक्रवर्ती वज्रनाभि और १४-ज्ञानप्राप्ति और धर्मप्रचार २१६ - कुरंग भील ... ... २३ विदेशोंमें भगवानका ५-आनन्दकुमार ... ... २९ विहार ... ...२३१ ६-उस समयकी सुदशा ... ३८ | १५-भगवान्का धर्मोपदेश...२३८ ७-तत्कालीन धार्मिक परिस्थिति६३ / १६-धर्मोपदेशका प्रभाव ...२८४ ४-बनारस और राजा विश्वसेन ९० वैदिक ऋषियोंपर असर २८९ ९-भगवानका शुभ अवतार १०९ / १७-भगवानके प्रमुख शिष्य ३०५ १. कुमार जीवन और तापस भगवानके गणधर ...३.९ समागम ... ...११९ मुनि पिहिताश्रव ...३११ ११-धरणेन्द्र-पद्मावती कृत श्वेताम्बर शास्त्रोंमें पार्श्व ज्ञताज्ञापन ... ...१२६ - शिष्य ... ...३२० १२-नागवंशजोका परिचय...१५४ १८-मक्खलिगोशाल, मौद्गलापापण अनय यन, प्रभृति ... ...३२२ विद्याधरः ... ...१५५ / १९-सागरदत्तआरबन्धुदत्त अटार १९-सागरदत्त और बन्धुदत्त श्रेष्टी३३३ . आज कलकी दुनिया २०-महाराजा करकण्डु ...३४. भरतखंडमें... ...१५६ २१-जिनेन्द्रभक्त सेट ...३६१ रावणकी लंकाऔर पाताल १६० २२-विद्युचर मुनि ... ...३६५ मिश्रमें लंका और अबी- २३-राजा वसुपाल और चित्रकार३६९ सिनियामें पाताल लंका १७० | २४-भगवानका निर्वाण लाभ ३७० मध्यभारत वमध्यद्वीपमें २५-भगवान् पार्श्वनाथ और लंका नहीं ... ...१८३ | महावीरस्वामी ...३७४ मिश्र जैनधर्म ...१८६२६-उपसंहार ... ...४०२ पाताल मध्य ऐशियामें १९४ | २७-ग्रंथकारका परिचय ...४.७ .

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