Book Title: Anitya Panchashat
Author(s): Padmanandi Acharya
Publisher: Motilal Trikamdas Malvi

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Page 8
________________ प्रस्तावना. आ विषयपरत्वे केटलीक बीना पद्मनंदी पंचविशंती नामना सर्वमान्य पुस्तकमा जे तेनी संस्कृत टीका सहित छ, तेनुं केटलुक भाषान्तर सोलापुर निवाशी शेठ. हीराचंद नेमचंद दोशी तरफथी थोडा समयपर थयुं हतुं. तेना लीधे दक्षिण सोलापुर महाराष्ट तरफना केटलाक जैन भाईओ दिन प्रतिदिन सुधरवा लाग्या छे अने धीमे धीमे रडवा कूटवाना रीवाजनो साग करता जाय छे. आपणा जैनोमां प्रतिवर्ष निगीत स्थळे कोन्फरन्सो भराय छे तेनी एक बे बेठक गुजरातमा तारंगा, पावागढ वगेरे स्थळे पण थई तेमां पण ते विषय माटे वारंवार दरखास्त मूकाई प्रस्ताव पास थया हता पण तेनो अमल नहीं थतां सघळु कागळ उपरज रहे छे. . .. विष्णु लोकमां मृत्यु पछवाडे दश दिवस सुधी गरुडपुराण वाचवामां आवे छे जेना उपदेशथी केटलाक लोको मुधरता जाय छे. तेवीम रीतनुं आपणा जैनभाईओमां पण “अनित्य पंचाशत्" नामर्नु पुस्तक छे तेनाथी केटलाक लोक अजाण होवाथी धारमीक बाबतोथी विमुख रहेता जोवामां आवे छे. ते आ " अनित्य पंचाशत् " नो उपदेश दररोज पांच पांच श्लोक वांचता जशे तो लोकोना मनमो शोक वि

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