Book Title: Anitya Panchashat
Author(s): Padmanandi Acharya
Publisher: Motilal Trikamdas Malvi

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Page 16
________________ श्री शांतीनाथायनमः अनित्यपंचाशत्. ॐ नमः श्री महावीर जिनेंद्राय परमात्मने । परं बह्म स्वरुपाय जगदानंद दायिने ॥१॥ भावार्थ:-ॐ कारना स्मरण पूर्वक जगतने आनंद आपनार परं बह्म स्वरूप परमात्मा श्री महावीर जिनेंद्रने नमन स्कार थाओ. जयति जिनो धृति धनुषा मिषुमाला भवति । योगियोधानां ॥ पहा करुणा मय्यपि मोहरिपु प्रहतये तीक्ष्णा॥१॥ ... भावार्थ:-जिनेश्वर प्रभु जयवंत हज्यो.जेनी वाणी धैर्य रुपी धनुष्यने धारण करनारा योगीरुपी शूरवीर पुरुषने बान शनी पंक्ति रुपी थाय छे. ए वाणी दयामयीले लापण मोहरुपी अमने हणवा माटे बहु जोरदार के.

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