Book Title: Anekant 1974 Book 27 Ank 01 to 02
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 35
________________ २ वर्ष २७, कि० १ करेंगे। (ङ) यथा आवश्यक कार्यकारिणी समिति की तथा साधारण सभा की बैठक बुलायेंगे और इन बैठकों की कार्यवाही को उचित रीति से रजिस्टर में दर्ज करेंगे । (५) सचिव, महासचिव के कार्यों में सहयोग देंगे और उनकी अनुपस्थिति में उनके दायित्वों का निर्वाह करेंगें । अनेकान्त (६) कोषाध्यक्ष नियमानुसार सोसायटी की निधि व सब प्रकार की प्राय को सुरक्षित रखेंगे । सोसायटी के खर्च के लिए महासचिव को स्वीकृत रकम देंगे, भाय-व्यय का समुचित हिसाब रखेंगे और सब बाउचरों और फाइलों को सुरक्षित रखेंगे। (७) प्रध्यक्ष यदि चाहे तो किसी भी प्रकर्त्तव्यनिष्ठ पदाधिकारी से कार्यकारिणी के धनुमोदन पर त्यागपत्र मांग सकते है अथवा उसको पद से च्युत कर सकते है । ८. साधारण सभा (१) साधारण सभा वर्ष में एक बार महासचिव द्वारा बुलाई जायगी । ( २ ) विशेष सभा आवश्यकता पढ़ने पर अध्यक्ष या महासचिव द्वारा अथवा कम से कम दस सदस्यों के लिखित अनुरोध पर बुलाई जायगी। (३) साधारण सभा का कोरम प्रपत्रियों के प्रति रिक्त सोसायटी के कुल बंध सदस्यों की सख्या का कम से कम छठा भाग अथवा ५१ सदस्य (जो भी कम हों) होगा। स्थगित मीटिंग के लिए कोरम की आवश्यकता नहीं होगी । परन्तु उसमें कम से कम पांच सदस्य उपस्थित होने चाहिए । (३) साधारण सभा के लिए कम से कम १० दिन का नोटिस दिया जाना आवश्यक है । (४) सोसायटी की नियमावली में परिवर्तन साथारण सभा में उपस्थित सदस्यों तथा प्रतिपत्रियों की संख्या के कम से कम ३ / ५ बहुमत किया जा सकेगा । से (५) लेखा निरीक्षक की नियुक्ति साधारण सभा द्वारा एक वर्ष के लिए की जाएगी। लेखा निरीक्षक कार्यकारिणी का सदस्य नहीं होगा । ६. निषि, सम्पत्ति तथा कर्मचारी (१) सोसायटी की समस्त नकदी किसी राजकीय बैंक में जमा रखी जाएगी। बैंक अकाउण्टों का संचालन अध्यक्ष, महासचिव, सचिव व कोषाध्यक्ष मे से किन्ही दो के हस्ताक्षरों से किया जाएगा। (२) साधारणतः एक हजार से अधिक रुपया कोषाध्यक्ष, अपने पास नही रखेंगे। (३) वार्षिक बजट महासचिव पेश करके कार्य कारिणी समिति से पास करायेंगे। कार्यकारिणी के द्वारा पास किए गए व्यय के प्रतिरिक्त एक बार मे अधिक से अधिक रु० २०० तक व्यय महासचिव द्वारा किया जा सकेगा जिसकी सूचना अगली कार्यकारिणी मे दी जाएगी। ( ४ ) सोसायटी का वित्तीय वर्ष एक जुलाई से तीस जून तक होगा । (५) सोसायटीकी समस्त चल अचल सम्पत्ति की देख भाल महासचिव के अधीन होगी और कानू नी कार्रवाई महासचिव अथवा सचिव के हस्ताक्षरो से की जाएगी। किसी विशेष कार्य के लिए कार्यकारिणी इनके अतिरिक्त भी किसी व्यक्ति को नियुक्त कर सकती है। (६) सभी कर्मचारियों की नियुक्ति अथवा सेवा मुक्ति अध्यक्ष की अनुमति से महासचिव उस वेतनमान के अन्तर्गत करेंगे जो कार्यकारिणी से पास किया गया हो । (७) वीर सेवा मन्दिर दि सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट १८६० के अर्न्तगत क्रमांक एस / ७५७१९५४-५५ पर पंजीकृत है और यह नियमावली उक्त एक्ट की सीमाओं का उल्लंघन नहीं करती। उक्त एक्ट की धारायें ४, ५, १२, १३ और १४ वीर सेवा मन्दिर पर विशेषतः लागू मानी जाएंगी।

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