Book Title: Anekant 1974 Book 27 Ank 01 to 02
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 33
________________ ३०, वर्ष २७, कि०१ भनेकान्त (ङ) जैन संस्कृति के पुरातन केन्द्रों की खोज। (च) अनेकान्त और अहिंसा प्रचारार्थ लोक हित कारी पैम्पलेट व ट्रैक्टों का प्रकाशन । (छ) जैन साहित्य, इतिहास और संस्कृति-सम्बन्धी अनुसन्धान और नई पद्धति से ग्रंथ निर्माण के कार्यों में अभिरुचि उत्पन्न करने और यथा आवश्यकता शिक्षण (ट्रेनिग) दिलाने के लिए योग्य विद्वानों को स्कालरशिप (वृत्तियां) देना। (ज) योग्य विद्वानों को उनकी साहित्यक सेवामो तथा इतिहासादि-विषयक विशिष्ट खोजों के लिए पुरस्कार या उपहार देना। (झ) जैन-जनेतर संस्कृति, साहित्य, इतिहास और पुरातत्वादि-विषयक गवेषणाओं के प्रकाशनार्थ सोसायटी का एक मुख पत्र रहेगा, जिसका नाम 'अनेकान्त' होगा। (ब) सोसायटी के उद्देश्यों में रुचि रखने वाली संस्थानों व ट्रस्टों का सहयोग प्राप्त करने . के लिए उनसे सम्बन्ध स्थापित करना । मास तक उसकी प्रस्वीकृति न हो तो सदस्यता स्वीकृत समझी जाएगी। उन विशिष्ट व्यक्तियों को जो सोसायटी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विशेष उपयोगी समझे जायें, कार्यकारिणी समिति द्वारा दो वर्ष के लिए निःशुल्क “सम्मानित सदस्य" बनाया जा सकता है। सदस्य बनने पर इन सदस्यों के अधिकार अन्य सदस्यों की भांति ही होंगे। (६) नए सदस्य कार्यकारिणी द्वारा सदस्यता स्वी कार किए जाने के तीन मास बाद ही मत: दान के अधिकारी होगे। (७) प्रत्येक सदस्य को केवल एक मत देने का अधिकार होगा। दिल्ली राज्य से बाहर रहने वाले सदस्य, प्रतिपत्री (प्राक्सी) द्वारा भी मतदान कर सकते है। प्रतिपत्री को मतदान का अधिकार साधारण पत्र द्वारा दिया जा सकेगा। प्रतिपत्री को सोसायटी का सदस्य होना आवश्यक है। (८) सदस्यो को सोसायटी के पत्र-पत्रिकायें तथा ट्रैक्ट निःशुल्क तथा अन्य प्रकाशन ३३-१/३% कम मूल्य पर प्राप्त होगे। (६) साधारण सदस्य वार्षिक शुल्क अग्रिम देगे। यदि तीन माह तक शुल्क प्राप्त न हो तो उनको वोट देने का अधिकार नही होगा । कार्यालय साधारणत: शुल्क समाप्ति की सूचना भेजेगा। (१०) यदि किसी सदस्य का आचरण अथवा गतिविधि सोसायटी के हितों के प्रतिकूल अथवा सोसायटी के उद्देश्यो की पूर्ति या कार्य में बाधक समझे जाएं तो उसकी सदस्यता कार्यकारिणी के प्रस्ताव पर प्राम सभा में ३।५ बहुमत से, समाप्त की जा सकती है। (११) किसी सदस्य के निधन पर उसकी सदस्यता स्वयमेव ही समाप्त हो जाएगी। ५. सदस्यता(१) प्रत्येक व्यक्ति जो सोसायटी के उद्देश्यों से सह मत हो और कम से कम १८ वर्ष की अव. स्था का हो, सोसायटी का (१) साधारण (२) प्राजीवन, (३) विशिष्ट अथवा (४) संरक्षक सदस्य बन सकता है। (२) सदस्य बनने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति को अघो लिखित उपधारा (३) में वर्णित शुल्क निर्धा रित आवेदन पत्र के साथ देना होगा। (३) सदस्यता शुल्क इस प्रकार होगा। (१) साधारण सदस्य रु. १२ वार्षिक (२) आजीवन सदस्य रु. २५१ एकबार (३) विशिष्ट सदस्य रु. १००० एकबार (४) संरक्षक सदस्य रु. ५००० एकबार (४) सदस्यता आवेदन पत्र कार्यकारिणी समिति द्वारा स्वीकृत होने पर ही कोई व्यक्ति सोसायटी का सदस्य माना जायगा। यदि चार

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