Book Title: Anandghanji tatha Chidanandji Virachit Bahotterio
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 12
________________ (११) पदांक. पदनां नामो. कविनाम. पृष्ठांक. ४ या कुबुद्धि कुमरी कौन जात आनं० ३ए ५ लालन बिन मेरो कुन हवाल. आनं० ४० ६ प्यारे प्रानजीवन ए साच जान. यानं० ४० ७ तुम ज्ञान विनो फूली बसंत आनं० १०० ३० ॥ धमालरागमां गवातां पदो॥ १ नाउकी रात काती सी वहे..... आनं० २६ २ सलूणे साहेब आवेंगे मेरे बालीरी.आनं० ४५ ३ विवेकी वीरा सह्यो न परे. .... यानं० ४५ .४ पूजीयें अाली खबर नहीं आये. यानं० ४६ ३१ ॥ सोयणी रागर्मा गवातां पदो॥ १ सरण तिहारे गही जे. ... .... चि० ए २ अनुजव ज्योति जगीजे. .... .... चि० नए ३॥ केरबा रागमां गवातां पदो॥ १ प्रनु नज ले मेरा दिल राजी. आ० ५४ २ अखियां सफल नइ अलि निरखत. चि० ६५ ३ समज परी मोहे समज परी,जग चि० नए ४ हारे चित्तमें धरो प्यारे चित्तमेंधरो....चि० ए० ३३ ॥ साखीमां बोलाता दोहा ॥ १.आतम अनव रसिकको. ....आनं० ३ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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