Book Title: Anandghanji tatha Chidanandji Virachit Bahotterio
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 10
________________ पदांक. पदनां नामो. कविनाम. टष्ठांक. २३॥ मालकोश रागमां गवातां पदो॥ १ पूरव पुस्य उदय करीचेतन, नीका चि० ए७ २४ ॥ काफी रागमां गवातां पदो॥ १ वारी हुँ बोलडे मीठडे. .... .... आनं० ४४ २ अकल कला जगजीवन तेरी.....चि० एए ३ जौंलो तत्त्व न सूज पडे रे. . .... चि ६० ४ आतम परमातम पद पावे. .... ५ अरज एक गवडीचा स्वामी. .... चि० ६ ए जिनजिके पायलागरे, तुने कथा ७ जौंलों अनुनव ज्ञानरे, घटमें ....चि ७ अकथकथा कुणजाणे हो, तेरी ....चि० ७३ ए अलख लख्या किम जावे हो. ...चि०७३ २५॥ नट रागमां गवातां पदो ॥ १ सारा दिल लागा हे बंसीवारेस्र. आनं० २७ २ किनगुन नयो रे उदासी. आनं० १०० २६ ॥ काफीहोरीमां गवातां पदो ॥ १ मतिमत एम विचारो रे... ...चि०. २ अनुनव मित्त मिलाय दे मोकुं. ....चि०७४ ३ एरि मुखहोरी गावो री. .... .... चि० ७४ FEEEEEEEEEEEEEEEEE Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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