Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 07
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 447
________________ 420 ) [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः // सप्तमो विभागः वदेजा 5 / ता कहं ते अंधकारपवखे अंधकारे बहू आहिताति वदेजा ?, ता दोसिणापक्खातो अंधकारपक्खे अंधकारे बहू अाहितेति वदेजा 6 / ता कहं ते दोसिणापक्खातो अंधकारपक्खे अंधकारे बहू अाहिताति वदेजा ?, ता दोसिणापक्खातो णं अंधकारपक्खं अयमाणे चंदे चत्तारि बाताले मुहुत्तसते छायालीसं च बावट्ठिभागे मुहुत्तस्स जाइं चंदे रजति, तंजहा-पढमाए पढमं भागं विदियाए विदियं भागं जाव पराणरसीए पराणरसमं भागं, एवं खलु दोसिणापक्खातो अंधकारपक्खे अंधकारे बहू अाहिताति वदेजा 7 / ता केवतिएणं अंधकारपक्खे अंधकारे बहू अाहियाति वदेजा ?, परित्ता असंखेजा भागा 8 // सूत्रं 82 // चोदसमं पाहुडं समत्तं // // अथ शीघ्रगतिनिर्णयाख्यं पञ्चदशं प्राभृतम् // ता कहं ते सिग्घगती पत्थू अाहितेति वदेजा ?, ता एतेसि णं चंदिम-सूरिय-गहगण-नक्खत्तताराख्वाणं चंदेहितो सूरे सिग्धगती सूरेहितो गहा सिग्धगती गहेहिंतो णक्खत्ता सिग्धगती णक्खत्तेहितो तारा सिग्धगती, सधप्पगती चंदा सव्वसिग्धगती तारा 1 / ता एगमेगेणं मुहुत्तेणं चंदे केवतियाइं भागसताइं गच्छति ?, ता जं जं मंडलं उपसंकमित्ता चारं चरति तस्स 2 मंडलपरिक्खेवस्स सत्तरस अडसट्टि भागसते गच्छति, मंडलं सतसहस्सेणं अट्ठाणउतीसतेहिं छेत्ता 2 / ता एगमेगेणं मुहुत्तेणं सूरिए केवतियाई भागमयाइं गच्छति ?, ता जं जं मंडलं उवसंकमित्ता चार चरति तस्स 2 मंडलपरिक्खेवस्स अट्ठारस तीसे भागसते गच्छति, मंडलं सतसह. स्सेणं अट्ठाणउतीसतेहि छेत्ता 3 / ता एगमेगेणं मुहुत्तेणं णक्खत्ते केवतियाई भागसताई गच्छति ?, ताजं जं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरति तस्स 2 मंडलस्स परिक्खेवस्स अट्ठारस पणतीसे भागसते गच्छति, मंडलं सतसहस्सेणं अट्ठाणउतीसतेहिं छेत्ता 4 // सूत्रं 83 // ता जया णं

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