Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 07
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 522
________________ धीनिरयावलिकास्त्रं / वह्निदशानामकः वर्गः 5 ) [ 465 २॥सू०११८ // तते णं सा भूया अजा बहूहिं चउत्थछट्ठ जाव बहूई वासाई सामगणपरियागं पाउणित्ता तस्स गणस्स प्रणालोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किचा सोहम्मे कप्पे सिरिवडिसए विमाणे उववायसभाए देवसयणिज्जसि जाव तोगाहणाए सिरिदेवित्ताए उववराणा पंचविहाए पज्जत्तीए भासामणपजत्तीए पजत्ता // सू० 111 // एवं खलु गोयमा! सिरीए देवीए एसा दिव्या देविड्डी लद्धा पत्ता, ठिई एगं पलिश्रोवमं 1 / सिरीणं भंते देवी जाव कहिं गच्छिहिति ? महाविदेहे वासे सिज्झिहिति 2 / एवं खलु जंबू ! निखेवश्रो 3 // सू० 120 // एवं सेसाण वि नवराहं भाणियव्वं, सरिसनामा विमाणा सोहम्मे कप्पे पुव्वभवे नगरचेइयपियमादीणं, अप्पणो य नामादी जहा संगहणीए, सव्वा पासस्स अंतिए निक्खंता है। तातो पुष्फचूलाणं सिस्सिणीयातो सरीरपाश्रोसियायो सव्वाश्रो अणंतरं चयं चइता महाविदेहे वासे सिज्झिहिंति 2 // सूत्रं 121 // // चउत्थवग्गो समत्तो // 4 // // अथ वह्निदशानामकः पञ्चमो वर्गः // ... जइ णं भंते ! उक्खेवो, उवंगाणं चउत्थस्स वग्गस्स पुष्पचूलाणं श्रयम? पराणते, पंचमस्स णं भंते ! वग्गस्स उवंगाणं वह्निदसाणं समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं के श्रद्धे पराणते? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव दुवालस अज्झयणा पराणत्ता, तं जहा-निसढे 1 मानि 2 वह 3 वहे. 4 पगता 5 जुत्ती 6 दसरहे 7 दढरहे 8 य। महाधणू 1 सत्तधणू 10 दसधणू 11 नामे सयधणू 12 य॥ 1 // सूत्रं 122 // जइ णं भंते ! समणेणं जाव दुवालस अज्झयणा पराणत्ता, पढमस्स णं भंते ! उक्खेवो 1 / एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं 2 बारवई नाम नगरी होत्था दुवालसजोयणायामा जाव पचक्खं देवलोयभूया पासादीया दरिस

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