Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 07
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 501
________________ 474 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: सप्तमो विभागः चिंचा पुष्फारामा रोवावित्तए, एवं संपहेति संपेहित्ता कल्लं जाव जलंते वाणारसीए नयरीए बहिया अंबारामे य जाव पुप्फाराम य रोवावेति 2 / तते णं बहवे अंबारामा य जाव पुप्फारामा य अणुपुब्वेणं सारक्खिजमाणा संगोविजमाणा संवड्डिजमाणा श्रारामा जाता किराहा किराहाभासा जाव रम्मा महामेहनिकुरंबभूता पत्तिया पुफिया फलिया हरियगरेरिजमाणसिरिया अतीव 2 उपसोभेमाणा 2 चिट्टांति 3 // सू० 71 / / तते णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स अराणदा कदायि पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि कुटुंवजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अन्झथिए जाव समुप्पजित्था-एवं खलु अहं वाणारसीए णयरीए सोमिले नाम माहणे अच्चंतमाहणकुलप्पसूते, तते णं मए वयाई चिराणाइं जाव जूवा णिक्खित्ता, तते णं मए वाणारसीए नयरीए बहिया बहवे अंबारामा जाब पुष्फारामा य रोवाविया, तं सेयं खलु ममं इदाणिं कल्लं जाव जलते सुबहुं लोहकडाहकडुच्छुयं तबियं तावसभंड घडावित्ता विउलं असणं पाणं खाइमं साइमं मित्तनाइनियगसंबंधि परियां पि य आमंतित्ता तं मित्तनाइनियगसंबंधिपरियणं पि य विउलेणं असण जाव सम्माणित्ता तस्सेव मित्त जाव जेट्टपुत्तं कुडुबे भवेत्ता तं मित्तलाइ जाव यापुच्छित्ता सुबहु लोहकडाहकडुच्छुयं तंबियतावसभंडगं गहाय जे इमे गंगाकूला वाणपत्था तावसा भवंति, तंजहा-होत्तिया पोत्तिया कोत्तिया जंनती सड्डती घालती हुंबउट्टा दंतुक्खलिया उम्मजगा संमजगा निमजगा संपक्खालगा दक्खिणकला उत्तरकूला संखधमा कूलधमा मियलुद्धया हत्थितावसा उद्दडा दिसापोक्खिणो वक्तवासिणो बिलवासिणो जलवासिणो रुखमुलिया अंबुभक्खिणो वायुभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा तयाहरा पत्ताहारा पुष्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडियकंदमूलतयपत्तपुप्फफलाहारा जलाभिसेयकठिणगायभूता बायावणाहिं पंचग्गीतावेहिं इंगालसोल्लियं कंदुसोल्लियं पिव अप्पाणं करेमाणा

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