Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 07
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ 468 / / श्रीमदागमसुधासिन्धुः : सप्तमो विभागः तीसे णं सुकालीए देवीए पुत्ते सुकाले नामं कुमारे होत्था, सुकुमाले 3 / तते णं से सुकाले कुमारे अन्नया कयाति तिहिं दंतिसहस्सेहि जहा कालो कुमारो निरवसेसं तं चेव जाव महाविदेहे वासे अंतं काहिति ४॥सू०५४ // // 2 // एवं सेसा वि अट्ठ अज्झयणा नेयव्वा पढमसरिसा, णवरं मायातो सरिसणामायो॥ 10 // निरयावलियातो समत्तातो। निक्खेवो सव्वेसिं भाणियबो तहा // सू० 55 // // पढमो वग्गो समत्तो // 1 // // अथ कल्पावतंसिकानामको द्वितीयो वर्गः // जति णं भंते ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं उवंगाणं पढमस्स वग्गस्स निरयावलियाण अयम? पन्नत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! वग्गस्स कप्पवडिसियाणं समणेणं जाव संपत्तेणं कइ अभयणा पत्नत्ता ? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं कप्पवडिसियाणं दस , अज्मयणा पन्नत्ता, तंजहा-पउमे 1 महापउमे 2 भद्दे 3 सुभद्दे 4 पउमभद्दे 5 पउमसेणे 6 पउमगुम्मे 7 नलिणिगुम्मे 8 आणंदे 1 नंदणे 10 // सूत्रं 56 // जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं कप्पवडिसियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स कप्पवडिसियाणं समणेणं भगवया जाव के पट्टे पन्नत्ते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था, पुन्नभद्दे चेइए, कूणिए राया, पउमावई देवी 1 / तत्थ णं चंपाए नयरीए सेणियस्स रन्नो भन्जा कूणियस्स रन्नो चुल्लमाउया काली नामं देवी होत्था, सुकुमाला 2 / तीसे णं कालीए देवीए पुत्ते काले नाम कुमारे होत्था, सुकुमाले 3 / तस्स णं कालस्स कुमारस्स पउमावई नामं देवी होत्था, सोमाला जाव विहरति 4 / तते णं सा पउमावई देवी अन्नया कयाई तंसि तारिमगंसि वातघरंसि अभितरतो सचित्तकम्मे जाव सीहं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धा, एवं जम्मणं जहा महाबलस्स, जाव नामधिज्जं, जम्हा णं अम्हं इमे दारए कालस्स

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