Book Title: Agam 39 Mahanisiham Chattham Cheyasuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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[११४८] गोयमा! पंचसु भरहेसु एरवएसु उस्सप्पिणी ।
अवसप्पिणीए एगेगा सव्वयालं चउवीसिया ।। [११४९] सययमवोच्छित्तिए भूया तह य भविस्सती |
अनाइ-निहणा एत्था एसा धुवं एत्थ जग-द्विई ।। [११५०] अतीय-काले असीइमा तहियं जारिसगे अहयं ।
सत्त-रयणी-पमाणेणं देव-दानव-पणमिओ || [११५१] चरिमो तित्थयरो जइया तया जंबू दाडिमो ।
राया भारिया तस्स सिरिया नाम बह-सया ।। [११५२] अन्नया सह दइएणं धूयत्थं बहू उवाइए करे ।
देवाणं कुल-देवीए चंदाइच्च-गहाण य ।। [११५३] कालक्कमेण अह जाया धूया कुवलय-लोयणा |
तीए तेहिं कयं नामं लक्खणदेवी अहऽन्नया ।। [११५४] जाव सा जोव्वणं पत्ता ताव मक्का सयंवरा |
वरियंतीए वरं पवरं नयनानंद-कलाssलयं ।। [११५५] परिणिय-मेत्तो मओ सो वि भत्ता सा मोहं गया । पयलंतंसु नयनेणं परियणेण य वारिया ।। [११५६] तालियंट-वाएणं दुक्खेणं आसासिया । ताहे हा हाऽऽकंदं करेऊणं हिययं सीसं च पिट्ठिउं । अत्ताणं चोट्ट-फेट्टाहिं घट्टिउं दस-दिसासु सा ।। [११५७] तुण्हिक्का बंधुवग्गस वयणेहिं तु स-सज्झसं | ठियाऽह कइवय-दिनेसुं अन्नया तित्थंकरो ।। [११५८] बोहिंतो भव्व-कमल-वने केवल-नाण-दिवायरो | विहरंतो आगओ तत्थ उज्जाणम्मि समोसढो ।। [११५९] तस्स वंदन-भत्तीए संतेउर-बल-वाहने ।
सव्विड्ढीए गओ राया धम्म सोऊण पव्वइओ ।। [११६०] तहिं संतेउर-सुय-धूओ सुह-परिणामो अमुच्छिओ । उग्गं कहूं तवं घोरं दुक्करं अनुचिट्ठई ।।
अज्झयणं-६, उद्देसो
[११६१] अन्नया गणि-जोगेहिं सव्वे वि ते पवेसिया ।
असज्झाइल्लियं काउं लक्खणदेवी न पेसिया ।। [११६२] सा एगते वि चिटुंती कीडते पक्खिरूल्लए |
दएणेयं विचिंतेइ सहलमेयाण जीवियं ।। [११६३] जेणं पेच्छ चिडयस्स संघटुंती चिट्ठल्लिया ।
समं पिययमंगेसुं निव्वुई परम जने ।। [११६४] अहो तित्थंकरेणम्हं किमटुं चक्ख-दरिसणं ।
दीपरत्नसागर संशोधितः]
[104]
[३९-महानिसीह
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