Book Title: Agam 39 Mahanisiham Chattham Cheyasuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 145
________________ “नमो अरहंताणं " ति एयावसरम्मि उ गोयमा ! सहरिस-रोमंच-कंचुपुलइयसरीराए समुच्चरिऊणं भणिरे गयणट्ठियाए पवयण-देवयाए से कुमारे | तं जहा :अज्झयणं-८ / चूलिका-२ [१४९९] जो दलइ मुट्ठि-पहरेहि मंदरं धरइ करयले वसुहं । सव्वोदहीण वि जलं आयरिसइ एक्क घोट्टेणं ।। [१५००] टाले सग्गाओ हरिं कुणइ सिवं तियणस्स वि खणेणं । अक्खंडिय सीलाणं कुद्धो वि न सो पहप्पेज्जा || [१५०१] अहवा सो च्चिय जाओ गणिज्जए तियणस्स वि स वंदो । पुरिसो वि महिलिया वा कुलुग्गओ जो न खंडए सीलं ।। [१५०२] परम-पवित्तं सप्पुरिस-सेवियं सयल-पाव-निम्महणं । सव्वुत्तम-सुक्ख-निहिं सत्तरसविहं जयइ सीलं ।। [१५०३] ति भाणिऊणं गोयमा ! झत्ति मुक्का कुमारस्सोवरिं कुसुमवुद्धिं पवयण-देवयाए | पुणो वि भणिउमाढत्ता देवया, तं : [१५०४] देवस्स देंती दोसे पवंचिया अत्तणो स-कम्मेहिं । न गुणेसु ठविंतऽप्पं मुहाई मुद्धाए जोएंति ।। [१५०५] मज्झत्थभाववत्ती सम-दरिसी सव्व-लोय-वीसासो | निक्खवय-परियत्तं दिव्वो न करेइ तं ढोए || [१५०६] ता बुज्झिऊण सव्वुत्तमं जणा सील-गुण-महिड्ढीयं । तामसभावं चिच्चा कुमार-पय-पंकयं नमह ।। [१५०७] त्ति भाणिणं असणं गया देवया इति ते छइल्ल-पुरिसे लहुं च गंतूण साहियं तेहिं नरवइणो । तओ आगओ बहु-विकप्प-कल्लोल-मालाहि णं आउरिज्जमाण-हियय-सागरो हरिस-विसायवसेहिं भीऊड्डपायातत्थ चकिर-हियओ सणियं गुज्झ-सुरंग-खडक्किया-दारेणं कंपंत-सव्वगत्तो महया कोहल्लेणं कुमार-दंसणुक्कंठिओ य तमुद्देसं । दिवो य तेणं सो सुगहियनामधेज्जो महायसो महासत्तो महानुभावो कुमार-महरिसी अपडिवाइ महोही पच्चएणं साहेमाणो संखाइयाइ-भवाणुहूयं दुक्ख-सुहं सम्मत्ताइलभं संसार-सहावं कम्मबंध-द्विती-विमोक्खमहिंसा-लक्खण-मनगारे वयरबंधं नरादीणं सुहनिसण्णो सोहम्माहिवई धरिओवरिपंडुरायवत्तो ताहे य तं अदिट्ठपुव्वं अच्छेरगं दर्णं पडिबुद्धो सपरिग्गहो पव्वइओ य गोयमा ! सो राया परचक्काहिवई वि एत्थतरम्मि पहय-सुस्सर-गहिर-गंभीर-दुंदुभिनिग्घोस-पुव्वेणं समुग्घुटुं चउव्विहं देवनिकाएणं [तं जहा] :- | [१५०८] कम्मटुं-गंठि-मुसुमूरण जय जय परमेट्ठी महायस । जय जय जयाहिचारित्त-दंसण-नाण-समण्णिय [१५०९] स च्चिय जननी जगे एक्का वंदनीया खणे खणे । जीसे मंदरगिरि गरुओ उयरे वुत्थो तुम महा मुनि || दीपरत्नसागर संशोधितः] [144] [३९-महानिसीह

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