Book Title: Agam 39 Mahanisiham Chattham Cheyasuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 153
________________ [1527] ॐ नमो चउवीसाए तित्थंकराणं, ॐ नमो तित्थस्स, ॐ नमो सुयदेवयाए भगवईए, ॐ नमो सुयकेवलीणं ॐ नमो सव्वसाहूणं ॐ नमो [सव्वसिद्धाणं] ॐ नमो भगवओ अरहओ सिज्झउ मे भगवई महइ महाविज्जा व इ इ र ए म ह अ अ व इ इ र ए, ज य व इ इ र ए स् ए ण व इ इ र ए वद्ध म् अ अ ण् अ व इ इ र ए ज य अ इ त् ए अ प् अ र अ अ ज् इ ए स् व् अ अ अ अ / [वीरे महावीरे जयवीरे सेणवीरे वद्धमाणवीरे जयइ ते अपराजिए स्वाहा) उपचारो चउत्थभत्तेणं सहिज्जइ एसा विज्जा सव्वगओ ण इत्थ् अ अ र ग प अ अ र अज्झयणं-८ / चूलिका-२ अ ओ होइ उवट्ट अ अ व ण् अ अ गणस्स वा अ ण उ ण ण आ ए एसा सत्तवारा परिजवेयव्वा नित्थारगो पारगो होइ] / जे णं कप्पसमत्तीए विज्जा अभिमंतिऊणं विग्घविणाइगा आराहंति सूरे संगामे पविसंतो अपराजिओ होइ जिनकप्प-समत्तीए विज्जा अभिमंतिऊण खेमवहणी मंगलवहणी भवति / [1528] चत्तारि सहस्साइं पंचसयाओ तहेव चत्तारि / सिलोगा वि य महानिसीहंमि पाएण || * अद्वमं अज्झयणं [बिइया चूलिया समत्तं . मुनि दीपरत्नसागरेण संशोधिताः सम्पादिताश्च “महानिसीहं छेयसुत्तं” सम्मत्तं || 39 | महानिसीहं- छटुं छेयसुत्तं सम्मत्तं | दीपरत्नसागर संशोधितः] [152] [३९-महानिसीह

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