Book Title: Agam 12 Upang 01 Auppatik Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Devendramuni, Ratanmuni
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ प्रस्तुत आगम के सम्पादक डॉ. छगनलालजी शास्त्री हैं, जिन्होंने पहले उपासकदशांग का शानदार सम्पादन किया है / औपपातिक सूत्र के सम्पादन में भी उनकी प्रबल प्रतिभा यत्र-तत्र मुखरित हुई है। अनुवाद मूल विषय को स्पष्ट करने वाला है / जहाँ कहीं उन्होंने विवेचन किया है, उनके गम्भीर पाण्डित्य को प्रदर्शित कर रहा है। तथा सम्पादनकलामर्मज्ञ पं. शोभाचन्द्रजी भारिल्ल का गहन श्रम भी इसमें उजागर हुआ है। मुझे पूर्ण विश्वास है प्रस्तुत आगम जन-जन के अन्तर्मानस में त्याग-वैराग्य की ज्योति जागृत करेगा। भौतिकवाद की आंधी में स्व-स्वरूप को भूले हुए राहियों का यह सच्चा पथ प्रदर्शन करेगा। पागम में आये हए कितने ही तथ्यों पर मैंने संक्षेप में चिन्तन किया है। जिज्ञासु प्रबुद्ध पाठकवर्ग प्रस्तुत आगम का स्वाध्याय कर विचार-मुक्ताओं को प्राप्त करें, यही मंगल मनीषा ! -देवेन्द्रमुनि शास्त्री जैन स्थानक सिंहपोल जोधपुर (राजस्थान) दि. 4 अगस्त 1982 रक्षाबन्धन [40] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org