Book Title: Agam 02 Suyagado Angsutt 02 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १६ सूपगो १/३/३/२१५ (२१५) तुष्भे मुंजह पाएसु गिलाणाभिहडं ति य तं च बीओदगं भोचा तमुद्देस्सादि जं कडं ॥२१५||-12 (२१६) लित्ता तिव्वामितायेण उझिया असमाहिया णाइकंडूइयं सेय अरुयस्सायरज्झई ॥२१६||-13 (२१७) तत्तेण अणुसिट्ठा ते अपडिण्णेण जाणया न एस नियए मग्गे असमिक्खा वई किई ॥२१७]:-14 (२१८) एरिसा जा चई एसा अग्गे वेणु व्व करिसिया गिहिणं अमिहडं सेयं भुंजिउं न उ भिक्खुण ॥२१८11-15 (२१९) धम्मपन्नवणा जा सा सारम्भाण विसोहिया न उ एयाहि दिठीहि पुव्वमासि पगप्पियं ॥२११|1-18 (२२०) सवाहि अणुजुत्तीहिं अचयंता जवित्तए तओ वायं निराकिचा ते भनो वि पगमिया २२०||-17 (२२१) रागदौसाभिभूयप्पा मिच्छत्तेण अभिट्ठया अक्कोसे सरणं जंति टंकणा इव पव्ययं ॥२२१11-18 (२२२) बहुगुणप्पकप्पाई कुजा अत्तसमाहिए जेणपणे न विरुझेझा तेणं तं तं समायरे ||२२२॥-19 (२२३) इमं च धम्ममायाय कासवेण पवेइयं कुजा भिक्खू गिलाणस्स अगिलाए समाहिए ॥२२३||-20 (२२४) संखाय पेसलं धमं दिछिमं परिनिबुडे उवसग्गे नियामित्ता आमोक्साए परिव्वएनासि -तिबेमि ॥२२४||-21 • तइए अझयणे तइओ उहेसो तपत्तो . __ - चउत्यो उद्देसो :(२२५) आहेसु महापुरिसा पुदि तत्ततवोधणा उदएण सिद्धिमावण्णा तत्य मंदो विसीयइ ॥२२५|-1 (२२६) अमुंजिया नमी वेदेही रामउत्ते य मुंजिया बाहुए उदगं भोया तहा तारागणे रिसी ||२२६||-2 (२२७) आसिले देविले चेय दीवायण महारिसी पारासरे दगं मोधा बीयाणि हरियाणि य ॥२२७||-3 (२२८) एए पुवं महापुरिसा आहिया इह संमया भोच्चा बीयोदगं सिद्धा इह मेयमणुस्सुयं |२२८11-4 (२२९) तत्य मंदा विसीयंति चाहच्छिपणा व गद्दमा पिठओ परिसप्पंति पीढसप्पीव संभमे (२३०) इहमेगे उभासंति सातं सातेण विजई जे तत्य आरियं मग्गं परमं च समाहियं १२३०|-6 (२३१) मा एवं अवमण्णंता अप्पेणं लुपहा बहुं एयास अमोक्खाए अयोहारि व्य जूरहा २३१||-7 ॥२२९|1-5 For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122