Book Title: Agam 02 Suyagado Angsutt 02 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 50
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - - - सुयर्खपो-२, अझयणंअणुण्णते नावणते दंते दविए वोसट्ठकाए संविधुणीय विस्वरूवे परीसहोवसगे अज्झ. पजोगसुद्धादाने उवठिए ठिअप्पा संखाए परदत्तभोई मिक्खू ति वच्चे एत्थ वि निग्गंधे एगे एगविदू युद्धे संछिन्नसोए सुसंजए सुसमिए सुसामाइए आतप्पवावपत्ते विऊ दुहओ वि सोयपलिछिन्ने नो पूयासकारलाभट्ठी धम्मट्टी धमविऊ णियागपडिवणे समियं चो दंते दविए वोसट्ठकाए निग्गंथे त्ति बच्चे से एयभेय जाणह जमहं भयंतारो ।। -त्ति वेमि -1 •तोलसपं अन्नयणं समत्तं .पदमो सुयक्खंयो सपत्तो . बीओ सुयक्खंधो | पढमं अजयणं-पोंडरीए (६३३) सुयं मे आउसं तेणं भगवया एवमक्खायं-इह खलु पोंडरीए नामज्झयणे तस्स णं अवपट्टे पण्णत्ते से जहाणामए पोक्खरणी सिया बहुदउदगा बहुसेया वहुपुक्खला लद्धट्ठा पोंडरीकिणी पासादिया दरिसणीया अभिरूवा पडिरूवा तीसे णं पोक्खरणीए तत्थतस्थ देसे-देसे तहिं तहिं बहवे पउमदरपोंडरीया दुइया-अणपन्चठ्ठिया ऊसिया रूडला वण्णमंता गंधमंता रसभंता फासमंता पासादिया दरियसणीया अभिरूवा पडिरूवा तीसे णं पोक्खरणीए बहुमज्झदेसभाए एगे महं पउमरपोंडरीए बुइए अणुपुट्ठिए ऊसिए रूइले वण्णमंते गंधमंते रसमंते फासमंते पासादिए दरिसणीए अभिरूवे]पडिरूवे सब्दावंति च णं तीसे पोक्खरणीए तत्थ-तत्य देसे-देसे तहि-तहिं बहवे फउमवर-पोंडरीया युइया-अणुपुष्यट्ठिया ऊसिया रूइला [वण्णमंता गंधर्मता रसमंता फासमंता पासादिया दरिसणीया अभिरुवा] पडिरूवा सब्यावंति च णं तीसे पोखरणीए बहुमझदेसभाए एगे महं पउमवरपोंडरीए बुइए-अणुपुबठ्ठिए (ऊसिए रूइले वणमंते गंधमंते रसमंते फासमंते पासादिए दरिसणीए अभिरूवे] पडिरूवे ।२। -1 (६३४) अह पुरिसे पुरस्थिमाओ दिसाओ आगप्प तं पुक्खरणिं तीसे पुक्खरणीए तीरे ठिचा पासति तं महं एगं पउपवरपोंडरीयं अणुपुवट्ठियं ऊसियं [रूइलं वण्णमंतं गंधमंतं रसमंतं फासमंतं पासादियं दरिसणीयं अभिरूवा पडिरूवं तए णं से परिसे एवं व्यासीअहमसि पुरिसे देसकालण्णे खेत्तण्णे कसले पंडिते विअते मेघावी अबाले मग्गण्णे मग्गविदू मागस्स गति-आगतिण्णे पर कमपणू अहपेतं पउपवरपोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामि त्ति वच्चा से पुरिसे अभिकमे तं परवरणिं जाव-जावं च णं अभिक मेइ ताव-तावं च णं महंते उदए महंते सेए पहीणे तीरं, अपत्ते पउमयरपोंडरीयं नो हव्वाए नो पाराए अंतरा पोक्खरणीए सेयंसि विसण्णे-पढमे पुरिसजाते ।३। -2 (६३५) अहावरे दोच्चे पुरिसजाते-अह पुरिसे दक्खिणाओ दिसाओ आगम्म तं पुक्खरणिं तीसे पुक्खरणीए तीरे ठिचा पासति तं महं एगं पउमवरपोंडरीयं अणुपुबट्टियं [ऊसियं रूइलं वण्णमंतं गंधमंतं रसमंतं फासमंतं पासादियं दरिसणीयं अभिरूवं] पडिरूवं तं च एत्य एगं पुरिसजाय पासइ पहीणतीरं अपत्तपउमवरपोंडरीयं नो हव्वाए नो पाराए अंतरा पोखरणीए सेयंसि विसण्णं तए णं से पुरिसे तं पुरिसं एवं वयासी-अहो णं इसे पुरिसे अदेसकालण्णे अखेत्तण्णे अकुसले अपंडिए अविअत्ते अमेधावी बाले नो मग्गणे नो मग्ग For Private And Personal Use Only


Page Navigation
1 ... 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122