Book Title: Agam 02 Suyagado Angsutt 02 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४२
सूपगड़ो २/11-14 विदू नो मागस्स गति-आगतिण्णे नो परकमण्णू जपणं एस पुरिसे अहं देसणो मग्गस्स गतिआगतिण्णे नो परक्कमण्णू जणं एस पुरिसे अहं देसकालण्णे खेतण्णे कुसले [पंडिते विअत्ते मेघावी अदाले मागणे मागविदू मग्गस्स गति-आगतिण्ण परक्कमण्णू अहमेयं पउपवरपोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामि नो य खलु एतं पउपवरपोंडरीयं एवं उण्णिक्खेयव्वं जहा णं एस पुरिसे पण्णे अहमंसि पुरिसे देसकालण्णे खेत्तपणे कसले पंडिते विअत्ते मेघावी अबाले मग्गपणे मागविदू मागस्स गति-आगतिणे परक्कमण्णू अहमेत पउमवरपोंडरीयं उण्णिखिस्सामि त्ति वच्चा से पुरिसे अभिक्कमे तं पोक्खरणिं जाव-जावं चणं अभिक्कमेइ ताव तावं व णं महंते उदए महंते सेए पहीणे तीरं अपत्ते पउमवरपोंडरीयं नो हवाए नो पाराए [अंतरा पोक्खरणीए] सेयंसि विसणे दोच्चे परिसजाते ।।।
(३६) अहावरे तच्चे पुरिसजाते-अह पुरिसे पञ्चस्थिमाओ दिसाओ आगम तं पोक्खरणिं तीसे पोक्खरणीए तीरे ठिचा पासति तं महं एगं पउपवरपोंडरीयं अणुपव्यट्ठियं [ऊसियं रूइलं वण्पर्मतं गंधमंतं रसमंतं फासमंतं पासादियं दरिसणीय अभिरूवं] पडिरूवं ते तत्य दोण्णि परिसजाते पासति पहीणे तीरं अपत्ते पउपवरपोंडरीयं नो हव्वाए नो पाए अंतरा पोक्खरणीए सेयंसि विसणे तए णं से पुरिसे एदं वयासी-अहो णं इमे पुरिसा अदेसकालण्णा अखेतण्णा अकुसला अपंडिया अविअत्ता अमेधावी बाला नो मगाण्णा नो पागविदू नो भागस्स गति-आगतिण्णा नो पर कमण्ण जपणं एते पुरिसा एवं मण्णे-अम्हे तं पउमवरपोंडरीयं उणिक्खिस्सामो नो य खलु एतं पउमवरपोंडरीयं एवं उणिस्खेयध्वं जहा णं एते परिसा मण्मे अहमंसि पुरिसे देसकालण्णे खेतमे कुसले पडिए विअत्ते मेघावी अबाले मागमण्णे मग्गविदू मग्गस्स गति-आगतिणे परक्कमपणू अहमेयं पउमवरपोंडरीयं अण्णिक्खिस्सामि त्ति वच्चा से पुरिसे अभिको तं पोक्खरणिं जाव-जायं च णं अभिक्कोइ ताव-तावं च णं महंते उदए महंते सेए [पहीणे तीरं अपत्ते पउमवरपोंडरीयं, नो हव्वाए नो पाराए, अंतरा पोक्खरणीए] सेयंसि विसपणे-तचे परिसजाते ५। 4
(३७) अहावरे चउत्थे परिसजाते-अह पुरिसे उत्तराओ दिसाओ आगम्म तं पोखरणिं तीसे पोक्खरणीए तीरे ठिया पासति तं महं एगं पउपवरपोंडरीवं अणपुवठियं (ऊसियं इतं वण्णमंतं गंधमंतं रसमंतं फासमंतं पासादिय दरिसणीयं अभिरूयं पडिसवं ते तत्य तिणि पुरिसजाते पासति पहीणे तीरं अपत्ते पउमवरपोंडरीयं नो हव्वाए नो पाराए अंतरा पोक्खरणीए सेयंसि विसण्णे तए गं से पुरिसे एवं वयासी-अहो णं इमे पुरिसा अदेसकालण्णा अखेत्तण्णा [अकुसला अपंडिया अविअत्ता अमेधावी बाला नो मग्गण्णा नो माग विदू नो मग्गस्स गति-आगतिण्णा नो परकमष्णू जणं एते पुरिसा एवं मण्णं-अम्हे एतं पउपवरपोंडरीय उण्णिविक्खस्सामो नो य खलु एतं पउमवरपोंडरीयं एवं उण्णक्खेयध्वं जहा णं एते परिसा मण्णे अहमंसि परिसे देसकालण्णे खेत्तपणे [कुसले पंडिए विअते मेघावी अबाले मग्गवण्णे मग्गविदू मग्गस्स गति-आगतिपणे परक्षाण्णू अहमेयं पउपवापोंडरीयं उण्णिक्खिस्सामि त्ति वच्चा से पुरिसे अभिको तं पोक्खरणिं जाव-जावं च णं अभिक्कमेइ तावतावं च णं महंते उदए महंते सेए पहीणे तीरं अपत्ते पउमवरपोंडरीयं नो हव्याए नो पाए अंतरा पोखरणीए सेयंसि विसपणे-चउत्थो पुरिसजाते 1६1-5
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122