Book Title: Agam 02 Suyagado Angsutt 02 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org YY Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सूपगझे २/१/-/६४१ धम्मेगं पण्णवइस्लामो से एवमायाणह भयंतारो जहा मे एस धम्म सुथक्खाते सुपण्णाते भवइ तं जहा उड्ढ़ पायतला अहे केसग्गमत्वया तिरियं तयपरियंते जीवे एस आया पञ्चवे कसिणे एस जीवे जीवति एस मए नो जीवति सरीरे घरमाणे धरति विणट्ठम्मि य नो धरति एययंत जीवियं भवति आदहणाए परेहिं निजइ अगणिज्झामिए सरीरे कचोतण्णाणि अट्ठीणि भवंति आसंदीपंचमा पुरिसा गामं पचागच्छंति एवं असंते असंविज्रमाणे जेसिं तं सुयक्खायं भवति - अन्नो भवइ जीवो अन्नं सरीरं तम्हा ते नो एवं विष्पडिवेदेति अयमाउसो आया दीहे ति वा इस्से ति वा परिमंडले ति वा वट्टे ति वा तसे ति वा चउरंसे ति या आयते ति वा छलंसे ति वा किन्हे ति वा नीले ति वा लोहिए ति वा हालिद्दे ति वा सुकिल्ले ति वा सुमिगंधे ति वा दुधेति वा तत्तेति वा कडुए ति वा कसाए ति या अंबिले ति वा महुरे ति वा कक्खड़े ति बामउ ति वा गरुए ति वा लहुए ति या सोए ति वा उसिणे ति वा निद्धे ति या लुक्खे ति वा एवं असंते असविजमाणे जेसिं तं सुयक्खायं भवइ- अन्नो जीवो अन्नं सरीरं तव्हा ते नो एवं उवलमंति से जहानामए केइ पुरिसे कोसीओ असिं अभिणिव्यट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो असी अयं कोसी एवमेव नत्थि केइ पुरिसे अभिणिव्यट्टित्ता णं उददंसेत्तारीअयमाउसो आया अयं सरीरे से जहाणामए केइ पुरिसे मुंजाओ इसियं अभिणिव्यट्टित्ता गं उयदंसेना अयमाउसो मुंजे इमा इसिया इवमेव णत्थि केइ पुरिसे अभिणिव्वट्टित्ता गं उवदंसेत्तारो - अयमाउसो आया अयं सरीरे से जहानामए केइ पुरिसे मंसाओ अट्ठि अभिणिव्यट्टित्ता णं उददंसेज्जा अयमाउसो मंसे अयं अट्ठी एवमेव नत्थि केइ पुरिसे अभिणिव्यट्टित्ता णं उचदंसेत्तारो -अयमाउसो आया अयं सरीरे से जहानामए केइ पुरिसे करतलाओ आमलकं अभिणिव्यट्टित्ता णं उवदंसेज्जा -अयमाउसो करतले अयं आमलए एवमेव नत्थि केइ पुरिसे अभिणिव्यट्टित्ता णं उवदंसेत्तारो - अयमाउसो आया अयं सरीरे से जहानामए केइ पुरिसे दहीओ नवणीयं अभिणिव्वट्टित्ता णं उचदंसेज्जा अयमाउसो णवणीयं अयं दही एवमेव नत्थि केइ पुरिसे अभिणिव्वट्टित्ता णं उवदंसेत्तारो -अयमाउसो आया अयं सरीरे से जहानामए केइ पुरिसे तिलेहिंतो तेल्लं अभिणिव्यट्टित्ता णं उवदंसेज्जा - अयमाउसो तेलं अयं पिणाए एवमेव नत्थि केइ पुरिसे अभिणिच्चट्टित्ता णं उवदंसेत्तारो - अयमाउसो आया अयं सरीरे से जहाणामए केइ पुरिसे इक्खूओ खोयरसं अभिणिव्यट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो खोयरसे अयं छोए एवमेव नत्थि केइ पुरिसे अभिणिव्यट्टित्ता णं उवदंसेतारो - अयमाउइसी आया अयं सरीरे से जहानामए केइ पुरिसे अरणीओ अग्गि अभिणिव्वट्टित्ता गं उवदंसेज्जा अयमाउसो अरणी अयं अग्गी एवमेव नत्थि केइ पुरिसे अभिणिव्वट्टित्ता गं उवदंसेतारो - अयमाउसी आया अयं सरीरे एवं असंते असंविजमाणे जेसिं तं सुयक्खायं भवइ तं जहा - अन्नो जीवो अन्नं सरीरं तम्हा तं मिच्छा से हंता हणह खणह छणह डहह पयह आलुपह विलुपह सहसकारेह विपरामुसह एतावताव जीवे नत्थि परलोए ते नो एवं विष्पडिवेदेतिं तं जहा - किरिया इ वा अकिरिया इ वा सुकडे इ वा दुकडे इ वा कल्लाणे इ वा पावए इ वा साहू इ वा असाहू इ या सिद्धी इ वा असिद्धी इ या निरए या अनिरए या एवं ते दिवखवेहिं कम्मसमारं मेहिं विरूदरूवाई कामभोगाई समारंभंति भोयणाए एवं एगे पागमिया निक्खम्म मागं धम्मं पण्णवेति तं सद्दहमाणा तं पत्तियमाणा तं रोएमाणा साधु For Private And Personal Use Only


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