Book Title: Agam 02 Suyagado Angsutt 02 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 55
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सूपगझे २/9/-६४२ भविस्सामो अणगारा अकिंचणा अपुत्ता अपसू परदत्तमोइणो भिक्खुणो पावं कम्मं नो करिस्सामो समुहाए ते अप्पणा अप्पडिविरिया भवंति सयमाइयंति अन्ने वि आइयाति अन्न पि आइयंतं समणुजाणंति एवामेव ते इत्थिकामभोगेहिं मुछिया गिद्धा गढिया अन्झो- ववण्णा लुद्धा रागदोसवसट्टा ते नो अप्पाणं मुच्छेदेति नो परं समुच्छेदेति नो अण्णाई पाणाई भूयाई जीवाई सताई समुच्छेदेति पहीणा पुव्यसंजोगा आरियं मागं असंपत्ता] इति ते नो हव्वाए नो पाराए अंतरा कामभोगेसु विसण्णा पोचे पुरिसजाते पंचमहमूलए त्ति आहिए 1991-10 (६४३) अहावरे तच्चे पुरिसजाते ईसरकारणिए त्ति आहिज्जा इह खलु [पाईणं या पडीणं वा उदीणं वा दाहिणं वा संतेगइया मणुस्सा भवंति अणुपुव्वेणं लोग उववण्णा तं जहाआरिया वेगे अणारिया वेगे, उम्रागोया वेगे नीयागोया वेगे, कायमंता वेगे हस्समंता वेगे सुवण्णा वेगे दुवण्णा वेगे सुरूवा वेगे दुरूवा वेगे तेसिं च णं मणुयाणं एगे राया भवत्तिमहाहिमवंत-मलय-मंदर-महिंदसारे जाव पसंतडिबडमरं रघ्नं पसाहेमाणे विहरति तस्स णं रपणो परिसा भवति-उग्गा उग्गपुता मोगा मोगपुत्ता इक्खागा इक्खागपुता नागा नागपुत्ता कोरव्या कोरच्चपुत्ता मट्टा भट्टपुत्ता माहणा माहणपुत्ता लेच्छई लेच्छइपुता पसत्थारो पसस्थपुत्ता सेणावई सेणावइपुत्ता तेसिं च णं एगइए सड्ढी भवति कामं तं समणा वा माहणा वा संपहारिसुं गमणाए तत्थ अण्णतरेणं घम्मेणं पण्णतारो वयं इमेणं धम्मेणं पण्णवइस्सामो से एवमायाणह मयंतारो जहा मे एस धम्मे] सुयक्खाते सुपण्णत्ते भवति इह खलु धम्मा पुरिसादिया पुरिसोत्तरिया पुरिसप्पणीया पुरिससंभूता पुरिसपजोतिता पुरिसअभिसमण्णागता पुरिसमेव अभिभूय चिट्ठति से जहानामए गंडे सिया सरीरे जाए सरीरे संवुड्ढे सरीरे अमिसपण्णागए सरीरमेव अभीभूय चिट्ठइ एवमेव धमा वि पुरिसादिया [पुरिसोत्तरिया पुरिसप्पणीया पुरिसंसभूता पुरिसपजोतिता पुरिसओभिसमण्णगता पुरिसमेव अभिभूय चिट्ठति से जहानामए वम्मिए सिया पुढविजाए पुढविसंवुड्ढे पुढविअभिसमण्णागए पुढविमेव अभिभूय चिट्ठइ एवमेव धम्मा वि पुरिसादिया [पुरिसोत्तरिया पुरिसप्पणीया पुरिसंभूता पुरिसपजोतिता पुरिसअभिसमण्णागता पुरिसमेव] अभिभूय चिट्ठति से जहानामए रुस्खे सिया पुढविजाए पुढविसवुड़े पुठविअमिसपण्णागए पुढविमेव अभिभूय चिट्ठइ एवमेय धप्मा वि [पुरिसादिया पुरिसोत्तयिरा पुरिसप्पणीया पुरिससंमूता पुरिसपनोतिता पुरिसअभिसमण्णागता पुरिसमेय अभिभूय चिठ्ठति] से जहानामए पुक्खरिणी सिया पुढविजाया पुढविसंवुड्ढा पुढविअभिसमण्णगया पुढविमेव अभिभूय चिट्ठइ एवमेव धम्मा वि पुरिसादिया [पुरिसोत्तरिया पुरिसप्पणीया पुरिसंभपूता पुरिसपज्जोतिता पुरिसअभिसमण्णगता पुरिसमेव अभिमूय विठ्ठति से जहानामए उदगपुक्खले सिया उदगजाए उदगसंवुड्ढे उदगअभिसपण्णागए उदगमेव अभिभूय चिट्ठइ एवमेव धप्मा वि पुरिसादिया पुरिसोत्तरिया पुरिसप्पणीया पुरिससंभूता पुरिसपजोतिता पुरिसअभिसमण्णामता पुरिसमेव अभिभूय चिठ्ठति से जहाणामए उदगबुब्बुए सिया उदगजाए उदगसंवुड्ढे उदगअभिसमण्णागए उदगमेव अभिभूय चिट्ठइ एवमेव धम्मा वि पुरिसादिया पुरिसोत्तरिया पुरिसप्पणीया पुरिससंमूता पुरिसपञ्जोतिता पुरिसअभिसमण्णागता परिसमेव अमिभूय चिट्ठति जंपिय इमं समणाणं निग्गंयाणं उद्दिळं पणीयं विअंजियं दुवालसंगं गणिपिडगं तं जहा-आयारो For Private And Personal Use Only

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