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श्रेष्ठि-देवचन्द्र लालभाई-जैनपुस्तकोद्धारे-प्रन्थाङ्कः १८. श्रीदशाश्रुतस्कन्धे, श्रीपर्युषणाकल्पाख्यं श्रीभद्रबाहुस्वामिविरचितम्
श्रीकल्पसूत्रम्,
युगप्रधानकालिकाऽऽचार्यकथासँयुक्तम्. . विख्यातिकारकः-शाह नगीनभाई घेलाभाई-जव्हेरी, अस्यैकः कार्यवाहकः। इदं पुस्तकं मुम्बय्यां शाह नगीनभाई घेलाभाई जव्हेरी बाजार इत्यनेन 'निर्णयसागर'मुद्रणास्पदे कोलभाटवीथ्यां
२३ तमे मन्दिरे रामचन्द्र येसू शेडगेद्वारा मुद्रापितं प्रकाशितं च । प्रथमसँस्कारे प्रति १०००. [All rights reserved.] मोहमयीपत्तने. वीरसंवत् २४४०. विक्रमसंवत् १९७०. क्राइष्टस्य सन् १९१४.
पण्यं ८.आणकाः। -
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Kalpasutra.
1
Sheth Devchand Lalbhai Jain Pustakoddhar Fund Series. No. 18. PREFACE.
Autor
This is the 18th Vol. of our series and comprises two books, one Kalpa Sutra, and the other Yuga Pradhan Kalikacharya Katha.
The subject matter of this volume was written by Shree Bhadra Bâhu Swami, Sixth in descent from Lord Mahavir, as the Eighth chapter of "Shree Dasha Shruta Skandha Sutra." It is generally known as Kalpa Sutra.
This being a well-known work we do not think it necessary to say much about it, except that it was once customary with the Sadhus or the Jain Monks to read it before an assembly of Sadhus only. Later this custom has been altered in the year 510 Vikrama Era, and it is now read by the Sadhus before the laymen also.
Preface.
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DASHURIA GAGNAMAGUSANAX
There are the following commentaries on this work:Name.
Author. Kalpa Sutra Subodhika Shree Vinayavijaya Mahopadhyâya Kalpa Kiranåvali
Dharma Sågaropadhyaya Kalpa Lata
Shree Samaya Sundaropadhyâya Kalpa Manjari
Shree Ratna Sågar Kalpa Druma Kalika
Shree Luxmi Vallabha Kalpa Dipika
Shree Jaya Vijaya Kalpa Laghutika
(not known) Kalpântar Váchya
Shree Kula Mandana Shree Soma Sundar
(not known)
Number of Verses.
6000 4814 7700
6000 (4500) 4109
3532 1000 2500 1800 1900 1500
1000 (not known)
3300 2085
Kalpåntarishrita Vritti Kalpa Charcha Pradipika Avachuri Rupa Vritti
Shree Sangha Vijaya Shree Udaya Sågar
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Kalpasutra.
Preface.
Starthi
Name. Author.
Number of Verses. Avachuri Lesha Shree Mahi Meru
700 Avachuri (not known)
2200 Niryukti Shree Bhadra Bahu Swami
95 Nirukta Shree Vinaya Chandra
158 Tippana Shree Prithivi Chandra
640 Sandeha Vishaushadhi Vritti Shree Jina Prabha
3041 Out of these we have ere now published Kalpa Subodhika of Shree Vinaya Vijaya Mahopadhyaya, as our seventh Volume.
We are thankful to Puniasa Shree Anand Sagar Gani for correcting the proof-sheets of this work, and to Puniasa Shree Siddhi Vijaya Gani, Puniasa Shree Anand Sagar Gani, Puniasa Shree Riddhi Muni, and Sha Maganbhai Dharamchand Javeri, for supplying us with the manuscripts. 325, JAVERI BAJAR,
NAGINBHAI GHELABHI JAVERI, BOMBAY,
for the Trustees of August, 1974. J
The Sheth Devachand Lalbhai Pustakoddhar Fund.
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' श्रेष्ठि-देवचन्द्र लालभाई-जैनपुस्तकोद्धारे-ग्रन्थाङ्कः-१६. श्रीदशाश्रुतस्कन्धे, श्रीपर्युषणाकल्पाख्यं खामिश्रीभद्रबाहुविरचितम्
श्रीकल्पसूत्रम्..
AUSOSASSIC
ॐ श्रीवर्धमानाय नमः॥ॐ॥ अहं ॥ नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो आयरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सवसाहूणं ॥ एसो पंचनमुक्कारो, सवपावप्पणासणो, मंगलाणं च सवेसि, पढ़मं हवइ मंगलं॥ १॥तेंणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्थुत्तरे हुत्या; तंजहा, हत्थुत्तराहिं चुए-चइत्ता गम्भं वक्ते ?, हत्थुत्तराहिं ।।
१ सूत्रद्वयमेतदीयं संख्यातम्
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कल्प
गब्भाओ गम्भं साहरिए २ हत्थुत्तराहिं जाए ३ हत्थुत्तराहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ। बारसो ॥ १॥1 अणगारिअं पवइए ४ हत्थुत्तराहि अणते अणुत्तरे निवाघाए निरावरणे कसिणे पडि
पुन्ने केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने ५ साइणा परिनिछुए भयवं ६॥२॥ तेणं कालेणं तेणं । समएणं समणे भगवं महावीरे जे से गिम्हाणं चउत्थे मासे अट्ठमे पक्खे आसाढसुद्धे । तस्सणं आसाढसुद्धस्स छट्ठीपक्खेणं महाविजयपुप्फुत्तरपवरपुंडरीयाओ महाविमाणा
ओ वीसंसागरोवमट्ठिइयाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता है इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे दाहिणड्डभरहे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए
समाए विइक्वंताए १ सुसमाए समाए विइक्वंताए २ सुसमदुसमाए समाए विइकंताए ३ दुसमसुसमाए समाए बहुविइकंताए-सागरोवमकोडाकोडीए बायालीसवा
॥१
॥
RECASTEG44
१-३ साए
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655645***SAKS
ससहस्सेहिं ऊणिआए पंचहत्तरिवासेहिं अद्धनवमेहि य मासेहिं सेसेहिं-इक्कवीसाए । तित्थयरेहिं इक्खागकुलसमुप्पन्नेहिं कासवगुत्तेहिं, दोहि य हरिवंसकुलसमुप्पन्नेहिं ३ गोअमसगुत्तेहिं, तेवीसाए तित्थयरेहिं विइकंतेहिं, समणे भगवं महावीरे चरमतित्थयरे पुवतित्थयरनिद्दिढे, माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स। भारिआए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्थुत्तराहिं . नक्खत्तेणंजोगमुवागएणं आहारवक्कंतीए भववकंतीए सरीरवक्तीए कुच्छिसि गब्भत्ताए । वकंते॥३॥समणे भगवं महावीरे तिन्नाणोवगए आविहुत्था-चइस्सामित्ति जाणइ, 3 चयमाणे न याणइ, चुएमि त्ति जाणइ ॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे देवाणं-12 दाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए वक्ते, तं रयणिं च णं सा देवाणं
१ चरिमे
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CASTO
बारसो
॥
२
॥
दामाहणी सयणिजंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ इमेआरूवे उराले कल्लाणे सिवे धन्ने | मंगल्ले सस्सिरीए चउद्दस महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा, गये-वसह-सीहअभिसेरों-दाम-ससि-दिणयर-झयं-कुंभं । पउमसर-सागर-विमाणभवणे-रयणुच्चय -सिहिं चें ॥१॥॥४॥तएणं सा देवाणंदा माहणी इमे एयारूवे उराले कल्लाणे सिवे || धण्णे मंगल्ले सस्सिरीए चउद्दस महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा समाणी, हट्ठतुट्ठचित्तमादिआ पीअमणा परमसोमणसिआ, हरिसवसविसप्पमाणहियया, धाराहयकलंबुर्ग पिव । समुस्ससिअरोमकूवा सुमिणुग्गहं करेइ, सुमिणुग्गहं करित्ता सयणिजाओ अब्भुटेइ, | अब्भुट्टित्ता अतुरिअमचवलमसंभंताए अविलंबिआए रायहंससरिसीए गईए, जेणेव / ॥२॥ उसभदत्ते माहणे, तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता उसभदत्तं माहणं जएणं विजएणं वद्धा-8
१-२ कयंबपुष्फगंपिव
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वेइ, वद्धावित्ता सुहाँसणवरगया आसत्था वीसत्था करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं . - मत्थए अंजलिं कटु एवं वयासी ॥५॥ एवं खलु अहं देवाणुप्पिआ ! अन्ज सयणिजंसि |
सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ इमेआरूवे उराले जाव सस्सिरीए चउद्दस महासुमिणे पा-१ सित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा, गय-जाव-सिहिं च ॥६॥ एएसिं णं उरोलाणं जाव चउदसण्हं महासुमिणाणं के मन्ने कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? तएणं से उसभदत्ते । माहणे देवाणंदाए माहणीए अंतिए एअमटुं सुच्चा निसम्म हट्टतुट्ठ जाव हिअए धाराहय-5 कलंबुअंपिव समुस्ससियरोमकूवे सुमिणुग्गहं करेइ, करित्ता ईहं अणुपविसइ, अणुपविसि-5 त्ता अप्पणो साभाविएणं मइपुत्वएणं बुद्धिविन्नाणेणं तेसिं सुमिणाणं अत्थुग्गहं करेइ, . करित्ता देवाणंदं माहणिं एवं वयासी॥७॥ओरालाणं तुमे देवाणुप्पिए! सुमिणा दिट्ठा,
१-२ भद्दासण १-२ सुहासणवरगया क० १-२ देवाणुपिआ! उ०
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कल्प०
कल्लाणा सिवा धन्ना मंगल्ला सस्सिरिआ आरोग्गतुट्ठिदीहाउकल्लाणमंगलकारगाणं, तुमे रसो देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, तंजहा-अत्थलाभो देवाणुप्पिए ! भोगलाभो देवाणुप्पिए ! पुत्तलाभो देवाणुप्पिए ! सुक्खलामो देवाणुप्पिए ! एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! नवण्हं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं अट्ठमाणं राइंदिआणं विइक्वंताणं सुकुमालपाणिपायं अहीणपडिपुन्नपंचिंदियसरीरं लक्खणवंजणगुणोववेअं माणुम्माणपमाणपडिपुन्नसुजायसवंगसुं-3
दरंगं, ससिसोमाकारं कंतं पिअदंसणं सुरूवं देवकुमारोवमं दारयं पयाहिसि ॥८॥ हा सेविअ णं दारए उम्मुक्कबालभावे विन्नायपरिणयमित्ते जुवणगमणुपत्ते, रिउवेअ-ज-13 उक्वेअ-सामवेअ-अथव्वणवेअ-इतिहासपंचमाणं निघंटुछट्ठाणं संगोवंगाणं सरहस्साणं , चउण्हं वेआणं सारए पारए धारए, सडंगवी, सद्वितंतविसारए, संखाणे सिक्खाणे सि-2॥३॥ क्खाकप्पे वागरणे छंदे निरुत्ते जोइसामयणे अन्नेसु अबहुसु बंभण्णएसु परिवायएसु नएसु
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सुपरिनिदिए आविभविस्सइ॥९॥तं उराला णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, जाव।। आरुग्गतुहिदीहाउयमंगल्लकल्लाणकारगाणं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिद्रुत्ति कटु भुजो । भुजो अणुव्हइ ॥ १०॥तएणं सा देवाणंदा माहणी उसभदत्तस्स अंतिए एअमट्टं सुच्चा । निसम्म हद्वतुट्ठ जाव हियया जाव करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट उसभदत्तं माहणं एवं वयासी ॥११॥ एवमेयं देवाणुप्पिआ ! तहमेयं देवाणुप्पिआ! अवितहमेयं देवाणुप्पिआ! असंदिद्धमेयं देवाणुप्पिआ! इच्छियमेअं देवाणुप्पिआ! पडिच्छिअमेअं देवाणुप्पिआ! इच्छियपडिच्छियमेअंदेवाणुप्पिआ! सच्चे णं एसमढे, से जहेयं ।। तुब्भे वयहत्ति कट्ठ ते सुमिणे सम्म पडिच्छइ, पडिच्छित्ता उसभदत्तेणं माहणेणं सद्धिं । उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणी विहरइ ॥ १२॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं सक्के देविंदे देवराया वजपाणी पुरंदरे सयुक्कऊ सहस्सक्खे मघवं पागसासणे दाहिणड्ड-|
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कल्प०
॥४॥
+
| लोगाहिवई बत्तीसविमाणसयसहस्साहिवई एरावणवाहणे सुरिंदे अरयंबरवत्थधरे आलइअमालमउडे नवहेमचारुचित्तचंचलकुंडलविलिहिज्जमाणगल्ले महिड्डिए महजुइए महाबले महायसे महाणुभावे महीसुक्खे भासुंरबुंदी पलंबवणमालधरे सोहम्मे कप्पे सो|हम्मवर्डिस विमाणे सुहम्माए सभाए सक्कंसि सीहासणंसि, से णं तत्थ बत्तीसार विमा - णवाससयसाहस्सीणं, चउरासीए सामाणिअसाहस्सीणं, तायत्तीसाए तायत्तीसगाणं, चउन्हं लोगपालाणं, अट्ठण्हं अग्गमहिसीणं सपरिवाराणं, तिन्हं परिसाणं, सत्तण्हं अणी आणं, सत्तण्हं अणीआहिवईणं, चउण्हं चउरासीएं' आयरक्खदेवसाहस्सीणं, अन्नेसिं च बहूणं सोहम्मकप्पवासीणं वेमाणिआणं देवाणं देवीण य आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महत्तरगत्तं आणाईसरसेणावच्चं कारेमाणे पालेमाणे महयाहयनट्टगीयवाइअतं
१ वर्डस १-२ णं
बारसो
॥ ४॥
7.
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तीतलतालतुडियघणमुइंगपडपडहवाइयरवेणं दिवाइं भोगभोगाइं भुंजमाणे विहरइ|४|| ॥ १३॥ इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे २ विहरइ.15 तत्थणं समणं भगवं महावीरं जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे दाहिणड्डभरहे माहणकुंडगामे 51 नयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए वकंतं पासइ, पासित्ता हटुतुट्ठचित्तमाणंदिए णदिए परमा-15 नंदिए पीअमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए धाराहयनीवसुरभिकुसुम-18 चंचुमालइयऊससियरोमकूवे विकसियवरकमलनयणवयणे,पयलियवरकडगतुडियकेऊरमउडकुंडलहारविरायंतवच्छे पालंबपलंबमाणघोलंतभूसणधरे ससंभमं तुरिअं चवलं , सुरिंदे सीहासणाओ अब्भुटेइ, अब्भुद्वित्ता पायपीढाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता वेरुलिय-1
१-२ कर्यब
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RESEOSESSISSES
वरिट्ररिटुंजणनिउणोवि(वचि)अमिसिमिसिंतमणिरयणमंडिआओ पाउयाओ ओमुअइ,
बारसो ओमुइत्ता एगसाडिअं उत्तरासंगं करेइ, करित्ता अंजलिमउलिअग्गहत्थे तित्थयराभिमुहे । सत्तट्ठ पयाई अणुगच्छइ,सत्तटुपयाई अणुगच्छित्ता वामं जाणुं अंचेइ,अंचित्ता दाहिणं जाणुं । धरणिअलंसि साहड तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणियलंसि निवेसेइ, निवेसित्ता ईसिं पञ्चुन्नमइ, पञ्चुण्णमित्ता कडगतुडिअर्थभिआओ भुआओ साहरेइ, साहरित्ता करयलपरिग्गहि। दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासी ॥१४॥नमुत्थु णं अरिहंताणं भग-3 वंताणं, आइगराणं तित्थयराणं सयंसंबुद्धाणं, पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवरपुंडरीयाणं पुरिसवरगंधहत्थीणं, लोगुत्तमाणं लोगनाहाणं लोगहियाणं लोगपईवाणं लोगपजोअगराणं, अभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं, धम्मदयाणं धम्मदेसयाणं धम्मनायगाणं धम्मसारहीणं धम्मवरचाउरतचक्कवट्टीणं, दीवो
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SANSACASSESAR
ताणं सरणं गई पइट्ठा अप्पडिहयवरनाणदसणधराणं विअट्टछउमाणं, जिणाणं जावयाणं | तिन्नाणं तारयाणं बुद्धाणं बोहयाणं मुत्ताणं मोअगाणं, सवण्णूणं सबदरिसीणं, सिवमयलमरुअमणंतमक्खयमवाबाहमपुणरावत्तिसिद्धिगइनामधेयं ठाणं संपत्ताणं, नमो जिणाणं जि-12 यभयाणं ॥ नमुत्थुणं समणस्स भगवओ महावीरस्स आइगरस्स चरमतित्थयरस्स पुव-* तित्थयरनिद्दिद्वस्स जाव संपाविउकामस्स ॥ वंदामि णं भगवंतं तत्थगयं इहगए, पासइ - मे भगवं तत्थगए इहगयंति कटु समणं भगवं महावीरं वंदइ नमसइ, वंदित्ता नमंसित्ता सीहासणवरंसि पुरत्याभिमुहे सन्निसन्ने ॥ तएणं तस्स सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो अयमेआरूवे अन्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पजिया ॥ १५॥ न खलु एवं भूअं, न एयं भवं, न एयं भविस्स, जं णं अरिहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासु
१ असोऽपिकोन
*
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कल्प०
॥ ६ ॥
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देवा वा अंतकुलेसु वा पंतकुलेसु वा तुच्छकुलेसु वा दरिद्दकुलेसु वा किवणकुलेसु वा भिक्खागकुलेसु वा माहणकुलेसु वा, आयाइंसु वा, आयाइंति वा, आयाइस्संति वा ॥१६॥ एवं खलु अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा, उग्गकुलेसु वा भोगकुलेसु वा राइष्णकुलेसु वा इक्खागकुलेसुवा खत्तियकुलेसु वा हरिवंसकुलेसु वा अन्नयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्धजाइकुलवंसेसु आयाइंसु वा आयाइंति वा आयाइस्संति वा ॥ १७ ॥ अत्थि पुण एसे वि भावे लोगच्छेरयभूए अणंताहिं उस्सपिणीओसप्पिणीहिं विइक्कताहिं समुप्पञ्जइ, (ग्रं. १००) नामगुत्तस्स वा कम्मस्स अक्खीणस्स अवेइअस्स अणिज्जिण्णस्स उदरणं जंणं अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा, अंतकुलेसु वा पंतकुलेसु वा तुच्छ ० दरिद्द ० भिक्खाग० किवण०, आयाइंसु वा आयाइंति वा आयाइस्संति वा, कुच्छिसि गब्भत्ताए वक्कमिंसु वा वक्कमंति वा वक्कमिस्संति वा, नो चेव णं जोणीजम्मणनिक्खमणेणं नि
बारसो
॥ ६ ॥
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क्वमिंसु वा निक्खमंति वा निक्खमिस्संति वा ॥१८॥ अयं च णं समणे भगवं महावीरे । जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे माहणकुंडग्गामेनयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स * भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गम्भत्ताए वक्ते ॥ १९॥ तं ? जीअमेअं तीअपचुप्पन्नमणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवरायाणं, अरहंते भगवंते तहप्पगारेहितो अन्तकुलेहितो पंत तुच्छ० दरिद्द० भिक्खाग० किवणकुलेहिंतो तहप्पगारेसु । उग्गकुलेसु वा भोगकुलेसु वा रायन्न० नायखत्तियहरिवंसकुलेसु वा अन्नयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्धजाइकुलवंसेसु वा साहरावित्तए, तं सेयं खलु ममवि समणं भगवं महावीरं । चरमतित्थयरं पुवतित्थयरनिद्दिटुं माहणकुंडग्गामाओं नयराओ उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ खत्तिय
२ जाव रजसिरिं कारेमाणेसु पालेमाणेसु
ॐॐ**
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बारसो
॥७॥
कल्प० कुंडग्गामे नयरे नायाणं खत्तियाणं सिद्धत्थस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स भारियाए ।
तिसलाए खत्तिआणीए वासिट्ठसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरावित्तए । जेवियणं । से तिसलाए खत्तियाणीए गन्भे तंपियणं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए ।
कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरावित्तएत्तिकट्टु एवं संपेहेइ, एवं संपेहित्ता हरिणेगमेसिं अंग्गा-3 हैणीयाहिवइं देवं सद्दावेइ, सद्दावेत्ता एवं वयासी॥२०॥ एवं खलु देवाणुप्पिआ! न एअंई।
भूअं, न एअं भवं, न एअं भविस्सं, जंणं अरिहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा । है वा अंत० पंत० किवण० दरिद्द० तुच्छ० भिक्खाग०, आयाइंसु वा ३, एवं खलु अरि-11 हंता वा चक्क० बल० वासुदेवा वा उग्गकुलेसु वा भोग० राइन्न० नाय० खत्तिय इक्खाग० हरिवंसकुलेसु वा अन्नयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्धजाइकुलवंसेसु आयाइंसु
१-२ पायत्ताणीया०
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३ ॥ २१ ॥ अत्थि पुण एसे वि भावे लोगच्छेरयभूए अणंताहिं उस्सप्पिणीओसप्पिणीहिं विइक्कंताहिं समुप्पज्जति, नामगुत्तस्स वा कम्मस्स अक्खीणस्स अवेइअस्स अणिञ्जिण्णस्स उदरणं, जंणं अरिहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा अंतकुलेसु वा पंतकुलेसु वा तुच्छ० किवण ० दरिद्द० भिक्खागकुलेसु वा आयाइंसु वा ३, नो चेव णं जोणीजम्मणनिक्खमणेणं निक्खमिंसु वा ३ ॥२२॥ अयं च णं समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे दीवे भारहे। वासे माहणकुंडग्गामे नयरे उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंदाए ||माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए वक्कते ॥२३॥ तं जीअमेअंती अपच्चुप्पण्णमणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवराईणं अरहंते भगवंते तहप्पगारेहिंतो अन्तकुलेहिंतो पंत ० तुच्छ० किवण ० दरिद्द ० वणीमग० जाव माहणकुलेहिंतो तहप्पगारेसु उग्गकुलेसु वा भोगकुलेसु वा राइण्ण० नाय • खत्तिय० इक्खाग ० हरिवं ० अन्नयरेसु वा तहप्पगारेसु विसुद्ध -
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कल्प
॥८॥
जाइकुलवंसेसु साहरावित्तए॥२४॥ तं गच्छणं तुमं देवाणुप्पिआ! समणं भगवं महावीरं बारसो माहणकुंडग्गामाओ नयराओ उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारियाए देवाणंअदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिओ खत्तियकुंडग्गामे नयरे नायाणं खत्तियाणं सिद्धत्थस्स खत्तियस्स कासवगुत्तस्स भारियाए तिसलाए खत्तियाणीए वासिद्धसगुत्ताए कुच्छिसि ।। गब्भत्ताए साहराहि, जेविअणं से तिसलाए खत्तियाणीए गम्भे तंपिअणं देवाणंदाए माह-5 णीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गम्भत्ताए साहराहि,साहरित्ता ममेयमाणत्तिअंखिप्पामेव । पञ्चप्पिणाहि ॥२५॥ तएणं से हरिणेगमेसी अग्गोणीयाहिवई देवे सक्केणं देविंदेणं देवरना एवं वुत्ते समाणे हटे जाव यहियए करयल जावत्तिकटु एवं जं देवो आणवेइति ॥८॥ आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ, पडिसुणित्ता उत्तरपुरच्छिमं दिसीभागं अवक्कमइ, अ.
१-२ पायताणीया०
GLISH
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वक्कमित्ता वेउविअसमुग्घाएणं समोहणइ, वेउविअसमुग्घाएणं समोहणित्ता संखिज्जाई । जोअणाई दंडं निसिरइ, तंजहा-रयणाणं वइराणं वेरुलिआणं लोहिअक्खाणं मसारगलाणं । हंसगब्भाणं पुलयाणं सोगंधियाणं जोईरसाणं अंजणाणं अंजणपुलयाणं रयणाणं जायरूवाणं सुभगाणं अंकाणं फलिहाणं रिट्ठाणं अहाबायरे पुग्गले परिसाडेई, परिसाडित्ता । अहासुहुमे पुग्गले परिआदियइ ॥ २६॥ परियाइत्ता दुच्चंपि वेउविअसमुग्घाएणं समो-13 हणइ, समोहणित्ता उत्तरवेउवियरूवं विउच्वइ, विउवित्ता ताए उक्किट्ठाए तुरियाए चव-13 लाए चंडाए जइणाए उडुआए सिग्घौए दिवाए देवगईए वीईवयमाणे २ तिरिअमसं-18 खिजाणं दीवसमुदाणं मझमझेणं जेणव जंबुद्दीवे दीवे, जेणेव भारहे वासे,जेणेव माहण-18 कुंडग्गामे नयरे,जेणेव उसभदत्तस्स माहणस्स गिहे,जेणेव देवाणंदा माहणी, तेणेव उवा
१ परिसाडिअक० २ छेआए क०
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कल्पक
॥९
॥
LOCAISASHISAISAIAGASIN
गच्छइ, उवागच्छित्ता आलोए समणस्स भगवओ महावीरस्स पणामं करेइ, करित्ता देवा-2 बारसो णंदाए माहणीए सपरिजणाए ओसोवणिं दलइ,ओसोवणिं दलित्ता असुभे पुग्गले अवहरइ, अवहरित्ता सुभे पुग्गले पक्खिवइ, पक्खिवित्ता अणुजाणउ मे भयवंतिकट्ठ समणं भगवं महावीरं अवाबाहं अवाबाहेणं दिवेणं पहावेणं करयलसंपुडेणं गिलइ, समणं भगवं महा-3 वीरं गिण्हित्ता जेणेव खत्तिअकुंडग्गामे नयरे, जेणेव सिद्धत्थस्स खत्तिअस्स गिहे,जेणेव 3 तिसला खत्तियाणी, तेणेव उवागच्छइ, तेणेव उवागच्छित्ता तिसलाए खत्तिआणीए सप-13 रिजणाए ओसोअणिं दलइ, ओसोअणि दलित्ता असुभे पुग्गले अवहरइ, अवहरित्ता सुभे ।
पुग्गले पक्खिवेइ, पक्खिवित्ता समणं भगवं महावीरं अवाबाहं अवाबाहेणं तिसलाए । है खत्तिआणीए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरई, जेविअणं से तिसलाए खत्तिआणीए गम्भे तंपि-3॥९॥
१इ, साहरिचा
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अणं देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरइ, साहरित्ता जामेव । दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए ॥२७॥उक्किट्ठाए तुरिआए चवलाए चंडाए जवPणाए उडुआए सिग्घाए दिवाए देवगईए, तिरिअमसंखिजाणं दीवसमुद्दाणं मझमज्झेणं ।
जोअणसाहस्सिएहिं विग्गहेहिं उप्पयमाणे २ जेणामेव सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिंसए विमाणे सक्कंसि सीहासणंसि सक्के देविंदे देवराया, तेणामेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता । सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो एअमाणत्ति खिप्पामेव पच्चप्पिणइ ॥ २८ ॥ तेणं कालेणं , तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे तिन्नाणोवगए आवि हुत्था, तंजहा साहरिजिस्सामित्ति । जाणइ, साहरिजमाणे न जाणइ, साहरिएमित्ति जाणइ ॥२९॥ तेणं कालेणं तेणं सम-21 एणं समणे भगवं महावीरे जेसे वासाणं तच्चे मासे पंचमे पक्खे आसोअबहुले, तस्सणं अस्सोअबहुलस्स तेरसीपक्खेणं बासीइराइंदिएहिं विइक्कंतेहिं तेसीइमस्स राइंदिअस्स /
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कल्प०
॥ १० ॥
अंतरा वट्टमाणे हिआणुकंपरणं देवेणं हरिणेगमिसिणा सक्कवयणसंदिट्टेणं माहणकुंडग्गा| माओ नयराओ उसभदत्तस्स माहणस्स कोडालसगुत्तस्स भारिआए देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ खत्तियकुंडग्गामे नयरे नायाणं खत्तिआणं सिद्धत्थस्स खत्तिअस्स कासवगुत्तस्स भारिआए तिसलाए खत्तिआणीए वासिसगुत्ताए पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्थुत्तराहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं अबाबाहं अबाबाहेणं कुच्छिसि गब्भ| ताए साहरिए ॥ ३० ॥ जं रयणिं चणं समणे भगवं महावीरे देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ तिसलाए खत्तिआणीए वासिट्ठसगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साह - रिए, तं रयणि चणं सा देवाणंदा माहणी सयणिज्जंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ इमेयारूवे उराले कल्लाणे सिवे धन्ने मंगल्ले सस्सिरीए चउद्दस महासुमिणे तिसलाए खत्तियाणीए
१ वट्टमाणस्स क० सु०
बारसो
॥ १० ॥
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हडेत्ति पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा गय० गाहा ॥३१॥ जं रयणिं चणं समणे भगवं महावीरे देवाणंदाए माहणीए जालंधरसगुत्ताए कुच्छीओ तिसलाए खत्तिआणीए वासि
सगुत्ताए कुच्छिसि गब्भत्ताए साहरिए, तं रयणिं च णं सा तिसला खत्तिआणी तंसि ।। तारिसगंसि वासघरंसि अभितरओ सचित्तकम्मे बाहिरओ दूमिअघट्टमद्वे विचित्तउल्लो-15 अचिल्लियतले मणिरयणपणासिअंधयारेबहुसमसुविभत्तभूमिभागेपंचवन्नसरससुरभिमुक्क-15 पुप्फपुंजोवयारकलिए कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कडझंतधूवमघमघंतगंधुडुयाभिरामे सुगं-6 धवरगंधिए गंधवट्टिभूए तंसि तारिसगंसि सयणिजंसि सालिंगणवट्टिए उभओ बिब्बोअणे उभओ उन्नए मझे णयगंभीरे गंगापुलिणवालुअउद्दालसालिसए ओअविअख़ोमिअदुगुल्लपट्टपडिच्छन्ने, सुविरइअरयत्ताणे रत्तंसुयसंवुए सुरम्मे आईणगरूयबूरनवणीअतूलतुल्लफासे सुगंधवरकुसुमचुन्नसयणोवयारकलिए, पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि सुत्तजागरा है।
153
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कल्प०
X***
॥११॥
-SAIRAUSSURSLARLISLESAISAISAI
ओहीरमाणी २ इमेआरूवे उराले जाव चउद्दस महासुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, तंजहा- बारसो गर्य-वसह-सीह-अभिसेर्ये-दाम-ससि-दिणयरं झयं कुंभ । पउमसर-सागर-विमाणभवणे-रयणुच्चय-सिहिं . ॥ १॥ तएणं सा तिसला खत्तिआणी तप्पढमयाए तओअचउइंतमूसिअविपुलजलहरहारनिकरखीरसागरससंककिरणदगरयरययमहासेलपंडुरतरं, समागयमहुयरसुगंधदाणवासियकपोलमूलं देवरायकुंजरं, (र) वरप्पमाणं पिच्छइ सजलघणविपुलजलहरगजियगंभीरचारुघोसं इभं सुभं सवलक्षणकयंबिअं,वरोरुं १॥३३॥तओ पुणो धवलकमलपत्तपयराइरेगरूवप्पभं ,पहासमुदओवहारेहिं सवओ चेव दीवयंतं अइसिरिभरपिल्लणाविसप्पंतकंतसोहंतचारुककुहं तणुसुइसुकुमाललोमनिद्धच्छविं, थिरसुबद्धमंसलोवचिअलट्ठसुविभत्तसुंदरंगं पिच्छइ घणवठ्ठलट्ठउक्किट्ठविसिद्वतुप्पग्गतिक्खसिंगंदंतं ॥
१ नास्तीदं क० सु० २ सुद्ध क० सु०
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सिवं समाणसोहंतसुद्धदंतं, वसहं अमिअगुणमंगलमुहं २ ॥ ३४ ॥ तओ पुणो हारनिकरखीरसागरससंककिरणद्गरयरययमहासेलपुंडुरंगं, (ग्रं० २०० ) रमणिञ्जपिच्छणिज्जं थिरलट्ठपट्ट्वट्टपीवरसुसिलिट्ठ विसिट्ठतिक्खदाढा विडंविअमुहं, परिकम्मिअजच्चकमलकोमलप्रमाणसोहंतलट्टउट्टं, रत्तुप्पलपत्तमउ सुकुमालतालुनिल्लालियग्गजीहं मूसागयपवरकणगताविअ आवत्तायंतवट्टतडियविमलसरिसनयणं, विसालपीवरवरोरुं, पडिपुन्नविमलखंधं, | मिडविसयसुहमलक्खणपसत्यविच्छिन्नकेसराडोवसोहिअं, ऊसिअसुनिम्मि असुजाय अप्फोडिअलंगूलं, सोमं सोमाकारं, लीलायंतं, नहयलाओ, ओवयमाणं नियगवयणमइवयंतं पिच्छइ सा. गाढतिक्खग्गनहं सीहं वयणसिरीपल्लेवपत्तचारुजीहं ३ ॥ ३५ ॥ तओ पुणो पुन्नचंदवयणा,उच्चागयठाणलट्ठसंठिअं, पसत्थरूवं, सुपइट्ठि अकणगं कुम्मसरिसोवमाणचलणं, अच्चुन्न
१ पलंब० क० कि० २ कणगमय० क० कि०
+++++++++
२
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कल्प०
58-694
जयपीणरइअमंसलउन्नयतणुतंबनिधनहं,कमलपलाससुकुमालकरचरणकोमलवरंगुलिं,कुरु-5 बारसो ॥१२॥ विंदावत्तवट्टाणुपुत्वजंघ,निगूढजाणुं गयवरकरसरिसपीवरोरुं,चामीकररइअमेहलाजुत्तकंत-21
विच्छिन्नसोणिचक्वं, जच्चंजणभमरजलयपयरउज्जुअसमसंहिअतणुअआइजलडहसुकुमाल-1|| मउअरमणिज्जरोमराइं नाभीमंडलसुंदरविसालपसत्थजघणं करयलमाइअपसत्थतिवलियमझं नाणामणिकणगरयणविमलमहातवणिज्जाभरणभूसणविराइयंगोवंगिं, हारविरायंतकुं
दमालपरिणद्धजलजलिंतथणजुअलविमलकलसं आइयपत्तिअविभूसिएणंसुभगजालुजलेपण मुत्ताकलावएणं उरत्थदीणारमालियविरइएण,कंठमणिसुत्तएण य कुंडलजुअलुल्लसंतों
सोवसत्तसोभंतसप्पभेणं,सोभागुणसमुदएणं आणणकुटुंबिएणं, कमलामलविसालरमणिजलोअणं कमलपज्जलंतकरगहिअमुक्कतोयं लीलावायकयपक्खएणं सुविसदकसिणघणसण्ह
१ मतुवंगि क० कि०
ROCHIRASHIPAJISAIAIAIAIA
| ॥ १२॥
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लंबतकेसहत्थं पउमद्दहकमलवासिणि सिरिं भगवई पिच्छइ हिमवंतसेलसिहरे, दिसागइं-12 दोरुपीवरकराभिसिच्चमाणिं ४॥३६॥ तओ पुणो सरसकुसुममंदारदामरमणिजभूअंचंपगासोगपुन्नागनागपिअंगुसिरीसमुग्गरगमल्लिआजाइजूहिअंकोल्लकोजकोरिटपत्तदमणयन- ३
वमालिअबउलतिलयवासंतिअपउमुप्पलपाडलकुंदाइमुत्तसहकारसुरभिगंधिं अणुवममणो-al । हरेणं गंधेणं दस दिसाओ वि वासयंतसवोउअसुरभिकुसुममल्लधवलविलसंतकंतबहुवन्नभत्तिचित्तं छप्पयमहुअरिभमरगणगुमगुमायंतनिलितगुंजतदेसभागं,दामं पिच्छइ नहंगणत
लाओ,ओवयंतं,५॥३७॥ ससिं च गोखीरफेणदगरयरययकलसपंडुरं सुभं हिअयनयणहै कंतं पडिपुन्नं, तिमिरनिकरघणगुहिरवितिमिरकर पमाणपक्खंतरायलेहं, कुमुअवणविबो । हगं,निसासोहगं सुपरिमट्ठदप्पणतलोवमं हंसपड्डुवन्नं जोइसमुहमंडगं, तमरिपुं मयणसरा
१ मंदारपरिजातियचंपगविउलमचकुंदपाडलजायजूहियसुगंधगंधपुप्फमालासहकार०
24-06524
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कल्प०
॥ १३ ॥
पूरगं, समुद्ददगपूरगं, दुम्मणं जणं, दइअवजिअं, पायएहिं, सोसयंतं पुणो सोमचारुरूवं पिच्छइ सा गगणमंडलविलाससोमचं कम्ममाणतिलगं, रोहिणिमणहि अय्वल्लहं देवी, पुन्नचंदं समुल्लसंतं, ६ ॥३८॥ तओ पुणो तमपडलपरिष्फुडं चेव तेअसा पजलंतरूवं, रत्तासोगपगासकिंसुअसुअमुह गुंजद्धरागसरिसं कमलवणालंकरणं, अंकणं जोइसस्स, अंबरतलपईवं हिमपडलगलग्गहं गहगणोरुनायगं, रत्तिविणासं, उदयत्थमणेसु मुहुत्त सुहदंसणं, दुन्निरिक्खरूवं, रत्तिसुद्धंतदुप्पयारपमद्दणं, सीअवेगमहणं, पिच्छइ मेरुगिरिसययपरियद्दयं विसालं सूरं रस्सीसहस्सपयलियदित्तसोहं ७ ॥ ३९ ॥ तओ पुणो जच्चकणगलट्ठिपइट्ठिअं, समूहनीलरत्तपीयसुक्किल्लसुकुमालुल्लसियमोरपिच्छकयमुद्धयं, धयं अहियसस्सिरीयं, फालिअसंखंककुंददुगरयरययकलसपंडुरेण मत्थयत्थेण, सीहेण रायमाणेण, रायमाणं भित्तुं गगणतलमंडलं, चेव ववसिएणं, पिच्छइ, सिवमउयमारुयलयाहयुकंपमाणं, अइप्पमाणं जणपिच्छ
"
बारसो
॥ १३ ॥
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18|णिजरूवं ८॥४०॥तओ पुणो जच्चकंचणुज्जलंतरूवं निम्मलजलपुण्णमुत्तमं दिप्पमाण
सोहं कमलकलावपरिरायमाणं पडिपुण्णसवमंगलभेयसमागमं पवररयणपरायंतकमलट्रियं नयणभूसणकरं पभासमाणं सबओ चेव दीवयंतं सोमलच्छीनिभेलणं, सवपावपरिवजिअं ।
सुभं भासुरं सिरिवरं सवोउयसुरभिकुसुमआसत्तमल्लदाम,पिच्छइ सा रययपुण्णकलसं.९ है॥४१॥ तओ पुणो पुणरवि रविकिरणतरुणबोहियसहस्सपत्तसुरभितरपिंजरजलं जलचरप-31
हकरपरिहत्थगमच्छपरिभुजमाणजलसंचयं महतं,जलंतमिव कमलकुवलयउप्पलतामरस-31 Rपुंडरीयउरुसप्पमाणसिरिसमुदएणं रमणिजरूवसोहं, पमुइयंतभमरगणमत्तमहुयरिंगणुक्क
रोलि(ल्लि)जमाणकमलं २५०कायंबगबलाहयचक्ककलहंससारसंगविअसउणगणमिहुणसे-४ विजमाणसलिलं पउमिणिपत्तोवलग्गजलबिंदुनिचयचित्तं पिच्छइ सा हिययनयणकंतं पउ-15
१ नेदम् क सु०
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कल्प०
॥ १४॥
SKRSHRSHASHREASSASSES
मसरं नाम सरं सररुहाभिरामं १०॥४२॥तओ पुणो चंदकिरणरासिसरिससिरिवच्छसोहं , बारसो चउगमणपवड्डमाणजलसंचयं चवलचंचलुच्चायप्पमाणकल्लोललोलंततोयं पडुपवणाहयचलियचवलपागडतरंगरंगंतभंगखोखुब्भमाणसोभंतनिम्मलुक्कड़उम्मीसहसंबंधधावमाणोनियत्तभासुरतराभिरामं महामगरमच्छतिमितिसिंगिलनिरुद्धतिलितिलियाभिघायकप्पूर-. फेणपसरं महानईतुरियवेगसमागयभमगंगावत्तगुप्पमाणुच्चलंतपच्चोनियत्तभममाणलोलसलिलंपिच्छइखीरोयसायरं सा रयणिकरसोमवयणा ११॥४३॥ तओ पुणोतरुणसूरमंडलसमप्पहं दिप्पमाणसोभं उत्तमकंचणमहामणिसमूहपवरतेयअट्ठसहस्सदिप्पंतनहप्पईवं कणगपयरलंबमाणमुत्तासमुज्जलं जलंतदिवदामं ईहावि(मि)गउसभतुरगनरमगरविहगवाल-॥ १४ ॥ गकिन्नररुरुसरभचमरसंसत्तकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं गंधवोपवजमाणसंपुण्णघोसं
SARA
-१ चउगुण.
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निच्चं सजलघणविउलजलहरगज्जियसबाणुणाइणा देवदुंदुहिमहारवेणं सयलमवि जीव-है। लोयं पूरयंतं, कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कडझंतधूववासंगउत्तममघमघंतगंधुडुयाभिरामं है। निच्चालोयं सेयं सेयप्पभं सुरवराभिरामं पिच्छइ सा साओवभोगं वरविमाणपुंडरीयं १२॥ &॥४४॥ तओ पुणो पुलगवेरिंदनीलसासगकक्केयणलोहियक्खमरगयमसारगल्लपवालफ-11 लिहसोगंधियहंसगन्भअंजणचंदप्पहवररयणेहिं महियलपइट्ठिअं, गगणमंडलंतंपभासयंतं, तुंगं मेरुगिरिसंनिकासं पिच्छइ सा रयणनिकररासिं १३॥४५॥ सिहिं च-सा विउलुजलपिंगलमहुघयपरिसिच्चमाणनिडूमधगधगाइयजलंतजालुजलाभिरामं तरतमज़ोगजुत्तेहिं जालपयरेहिं अण्णुण्णमिव अणुप्पइण्णं पिच्छइ जालुजलणगअंबरं व कत्थइ पयंतंअ-11 इवेगचंचलं सिहिं ॥१४॥४६॥ इमे एयारिसे सुभेसोमे पियदंसणेसुरूवे सुविणे दळूण सय-13
१ धूवसारसंगयं (क० कि० वृत्तौ पाठान्तरम् )
***
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कल्प०
॥ १५ ॥
णमज्झे पडिबुद्धा अरविंदलोयणा हरिसपुलइ अंगी ॥ एए चउदस सुमिणे, सवा पासेइ | तित्थयरमाया । जं रयणिं वक्कमई, कुच्छिास महायसो अरहा ॥ ४७ ॥ तरणं सा तिसला खत्तियाणी इमे एयारूवे उराले चउद्दस महासुविणे पासित्ता णं पडिबुद्धा समाणी हट्टतुट्ठ- जाव-हियया धाराहयकयंबपुप्फगं पिव समूस्ससिअरोमकूवा सुविणुग्गहं करेइ, करित्ता सयणिजाओ अब्भुट्टेइ, अब्भुट्टित्ता पायपीढाओ पच्चरुहइ, पंच्चोरुहित्ता अतुरिअमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणेव सयणिजे जेणेव सिद्धत्थे खत्तिए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सिद्धत्थं खत्तिअं ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं | मणुन्नाहिं मणोरमाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धन्नाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं | हिययगमणिजाहिं हिययपल्हायणिजाहिं मिउमहुरमंजुलाहिं गिराहिं संलवमाणी २ पडिबोइ ॥ ४८ ॥ तरणं सा तिसला खत्तिआणी सिद्धत्थेणं रण्णा अब्भणुण्णाया समाणी
**% *%
बारसो
।। १५ ।।
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नाणामणिकणगरयणभत्तिचित्तंसि भद्दासणंसि निसीयइ, निसीइत्ता आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया सिद्धत्थं खत्तिअंताहिं इटाहि जाव संलवमाणी २ एवं वयासी ॥४९॥ एवं खलु अहं सामी? अज्ज तंसि तारिसगंसि सयणिजंसि वण्णओ जाव पडिबुद्धा, तंजहा । -गयउसभ० गाहा। तं एएसिं सामी ! उरालाणं चउदसहं महासुमिणाणं के मन्ने कल्लाणे : ६ फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ?॥५०॥ तएणं से सिद्धत्थे राया तिसलाए खत्तिआणीए ।
अंतिए एयमटुं सुच्चा निसम्म हद्वतुदृचित्ते आणदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिस-3 वसविसप्पमाणहियए धाराहयनीवसुरभिकुसुमचंचुमालइयरोमकूवे ते सुमिणे ओगि-3 हेइ, ते सुमिणे ओगिण्हित्ता ईहं अणुपविसइ, ईहं अणुपविसित्ता अप्पणो साहाविएणं । मइपुवएणं बुद्धिविण्णाणेणं तेसिं सुमिणाणं अत्थुग्गहं करेइ, करित्ता तिसलं खत्तिआणिं : ताहि इट्ठाहिं जाव मंगल्लाहिं मियमहुरसस्सिरीयाहिं वग्गूहिं संलवमाणे २ एवं वयासी ।
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बारसो
कल्प
॥५१॥ उराला णं तुमे देवाणुप्पिए! सुमिणा दिट्ठा, कल्लाणा णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा । ॥१६॥ दिट्ठा, एवं सिवा, धन्ना, मंगल्ला, सस्सिरीया, आरुग्ग-तुट्ठि-दीहाउ-कल्लाण-(ग्रं.३००)
मंगल्ल-कारगा णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणा दिट्ठा, तंजहा,-अत्थलाभो देवाणुप्पिए ! भोगलाभो०, पुत्तलाभो० सुक्खलाभो० रजलाभो०-एवं खलु तुमे देवाणुप्पिए ! नवण्हं | मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं विइक्वंताणं अम्हं कुलकेउं, अम्हं कुलदीवं, कुलपवयं, कुलवडिंसयं, कुलतिलयं, कुलकित्तिकर, कुलवित्तिकर, कुलदिणयरं, कुला-18 धारं, कुलनंदिकर, कुलजसकरं, कुलपायवं, कुलविवडणकरं, सुकुमालपाणिपायं, अहीण-15 संपुण्णपंचिंदियसरीरं लक्खणवंजणगुणोववेयं, माणुम्माणप्पमाणपडिपुण्णसुजायसवंग-8 सुंदरंगं, ससिसोमाकारं, कंतं, पियदसणं, दारयं पयाहिसि ॥५२॥ सेविअ णं दारए । उम्मुक्कबालभावे विन्नायपरिणयमित्ते जुवणगमणुपत्ते सूरे वीरे विकंते विच्छिन्नविउलब
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लवाहणे रज्जवई राया भविस्सइ ॥ ५३ ॥ तं उराला णं तुमे देवाणुप्पिया ! जाव दुश्चंपि तच्चंपि अणुवूहइ ॥ तरणं सा तिसला खत्तियाणी सिद्धत्थस्स रण्णो अंतिए एयमट्टं सुच्चा निसम्म हट्ठतुट्ठा जाव - हियया करयलपरिग्गहिअं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं वयासी ॥५४॥ एवमेयं सामी ! तहमेयं सामी ! अवितहमेयं सामी ! असंदिद्धमेयं सामी ! इच्छिअमेअं सामी ! पडिच्छिअमेयं सामी! इच्छिअपडिच्छिअमेयं सामी ! सच्चेणं एसमट्ठे-से जहेयं तुब्भे वयह त्तिकट्टु ते सुमिणे सम्मं पडिच्छइ, पडिच्छित्ता सिद्धत्थेणं रण्णा अब्भणुण्णाया समाणी नाणामणिरयणभत्तिचित्ताओ भद्दासणाओ अब्भुट्ठेइ, अब्भुट्टेत्ता अतुरियमचवलमसं|भंताए अविलंबिआए रायहंससरिसीए गईए, जेणेव सए सयणिजे, तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता एवं वयासी ॥ ५५ ॥ - मा मे ते उत्तमा पहाणा मंगल्ला सुमिणा दिट्ठा | अन्नेहिं पावसुमिणेहिं पडिहम्मिस्संति त्तिकट्टु देवयगुरुजणसंबद्धाहिं पसत्थाहिं मंगल्लाहिं
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A
कल्प०
॥१७॥
RRASSACRA
धम्मियाहिं लट्ठाहिं कहाहिं सुमिणजागरिअं जागरमाणी पडिजागरमाणी विहरइ ॥५६॥ बारसो तएणं सिद्धत्थे खत्तिए पञ्चूसकालसमयंसि कोडुंबिअपुरिसे सहावेइ, सहावित्ता एवं वयासी॥५७॥-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिआ! अज्ज सविसेसं बाहिरिअं उवट्ठाणसालं गंधोदयसित्तं सुइअसंमजिओवलित्तंसुगंधवरपंचवण्णपुप्फोवयारकलिअंकालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कडझंतधूवमघमघंतगंधुडुयाभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूअं करेह कारवेह, करित्ता कारवित्ता यसीहासणं रयावेह, रयावित्ता ममेयमाणत्तियं खिप्पामेव पञ्चप्पिणह :
॥५८॥ तएणं ते कोडंबिअपुरिसा सिद्धत्थेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हवा जाव हियया : है करयल जाव कट्ट एवं सामित्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणंति, पडिसुणित्ता : सिद्धत्थस्स खत्तिअस्स अंतिआओ पडिनिक्खमंति, पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिआ, उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छंति, तेणेव उवागच्छित्ता खिप्पामेव सविसेसं बाहिरियं
४ा॥१७॥
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उवदाणसालं गंधोदगसित्तं जाव-सीहासणं रयाविंति, रयावित्ता जेणेव सिद्धत्थे खत्तिए तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिंक कट्ट सिद्धत्थस्स खत्तिअस्स तमाणत्ति पञ्चप्पिणंति ॥ ५९॥ तएणं सिद्धत्थे खत्तिए है। कलं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मीलियंमि अहापंडुरे पभाए, रत्तासोगप्पगासकिंसुअसुअमुहगुंजदरागबंधुजीवगपारावयचलणनयणपरहुअसुरत्तलोअणजासुअणकुसुमरासिहिंगुलनिअरातिरेअरेहंतसरिसे कमलायरसंडबोहए उठ्ठिअंमि . सूरे सहस्सरसिमि दिणयरे तेअसा जलंते, तस्स य करपहरापरखैमि अंधयारे बालायवकुंकुमेणं खचिअ व जीवलोए, सयणिज्जाओ अब्भुढेइ ॥ ६० ॥ अब्भुट्टित्ता पायपीढाओ
पच्चोरुहइ पच्चोरुहित्ता जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता अट्टणसालं 1 अणुपविसइ, अणुपविसित्ता अणेगवायामजोगवग्गणवामद्दणमल्लजुद्धकरणेहिं संते परि
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कल्प० । स्संते सयपागसहस्सपागेहिं सुगंधवरतिल्लमाइएहिं पीणणिजेहिं दीवणिज्जेहिं मयणिजेहिं । बारसो ॥१८॥ विहणिज्जेहिं दप्पणिजेहिं सबिंदियगायपल्हायणिज्जेहिं अब्भंगिए समाणे तिल्लचम्मंसि है।
निउणेहिं पडिपुण्णपाणिपायसुकुमालकोमलतलेहिं पुरिसेहिं अब्भंगणपरिमद्दणुवलणकर-* णगुणनिम्माएहिं छेएहिं दक्खेहिं पटेहिं कुसलेहिं मेहावीहिं जिअपरिस्समेहिं अद्विसुहाए है मंससुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चउविहाए सुहपरिकम्मणाए संवाहिए समाणे अवगयपरिस्समे अट्टणसालाओ पडिनिक्खमइ ॥६१ ॥ पडिनिक्खमित्ता जेणेव मजणघरे है। तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता मजणघरं अणुपविसइ, अणुपविसित्ता समुत्तजालाकुलाभिरामे विचित्तमणिरयणकुट्टिमतले रमणिज्जे पहाणमंडवंसि नाणामणिरयणभत्तिचि-" तंसि ण्हाणपीढंसि सुहनिसण्णे पुप्फोदएहि अगंधोदएहि अ उण्होदएहि अ सुहोदएहि ।
१ खेयपरिस्समे
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अ सुद्धोदएहि अ, कल्लाणकरणपवरमजणविहीए मन्जिए, तत्थ कोउअसएहिं बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमजणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासाइअहिअंगे अहयसुमहग्घदूसरयणसुसंवडे सरससुरभिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते सुइमालावण्णगविलेवणे आविद्यमणिसुवण्णे ।। कप्पियहारहारतिसरयपालंबपलंबमाणकडिसुत्तसुकयसोभे पिणद्धगेविन्जे अंगालजग-5 ललियकयाभरणे वरकडगतुडिअथंभिअभए अहिअरूवसस्सिरीए कुंडलउज्जोइआणणे , मउडदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइअवच्छे मुद्दिआपिंगलंगुलीए पालंबपलंबमाणसुकयप- है डउत्तरिजे नाणामणिकणगरयणविमलमहरिहनिउणोचिअमिसिमिसिंतविरइअसुसिलिटुविसिट्ठलट्ठआविद्धवीरवलए, किंबहुणा ?कप्परुक्खए चैव अलंकिअविभूसिए नरिंदे, सकोशारिंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणें सेअवरचामराहिं उडुबमाणीहिं मंगलजयसद्दकया-2
१ नासानीसासवायवज्झचक्खुहरवण्णफरिसजुत्तयलालापेलवाइरेगधवलकणगखचिअंतकम्मदूसरयणमुसंवुए (क० कि०) २ एगावलिपिणद्धे इत्यादि क० कि०
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बारसो
कल्प० लोए अणेगगणनायगदंडनायगराईसरतलवरमाडंबिअकोडंबिअमंतिमहामंतिगणगदोवा॥ १९॥ रियअमच्चचेडपीढमदनगरनिगमसिट्ठिसेणावइसत्थवाहदूअसंधिवाल सद्धिं संपरिवुडे धव
लमहामेहनिग्गए इव गहगणदिप्पंतरिक्खतारागणाण मज्झे ससिव पिअदंसणे नरवई । नरिंदे नरवसहे नरसीहे अब्भहिअरायतेअलच्छीए दिप्पमाणे मजणघराओ पडिनिक्खमइ । ॥६२॥ मजणघराओ पडिनिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिआ उवदाणसाला तेणेव उवाग-2 च्छइ, उवागच्छित्ता सीहासणंसि पुरत्याभिमुहे निसीअइ, निसीइत्ता अप्पणो उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए अट्ट भद्दासणाइं सेअवत्थपञ्चुत्थयाइं सिद्धत्थयकयमंगलोवयाराई रयावेइ, रयावित्ता अप्पणो अदूरसामंते नाणामणिरयणमंडिअं अहिअपिच्छणिजं महग्घवर-3/॥ १९॥ पट्टणुग्गयं सहपट्टभत्तिसयचित्तताणं ईहामिअउसभतुरगनरमगरविहगवालगकिन्नररु
१ पुरत्थिमे (क० कि०)
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HASSASXSXSSAS
रुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं अभितरिअं जवणिअं अंछावेइ, अंगावेत्ता । नाणामणिरयणभत्तिचित्तं अत्थरयमिउमसूरगुत्थयं सेअवत्थपञ्चुत्थअं सुमउअं अंगसुह-६) फरिसं विसिटुं तिसलाए खत्तिआणीए भद्दासणं रयावेइ ॥६३ ॥रयावित्ता कोडंबिअपु-11 रिसे सहावेइ, सदावेत्ता एवं वयासी॥६४॥-खिप्पामेव भी देवाणुप्पिआ ! अटुंगमहानि-12 मित्तसुत्तत्थधारए विविहसत्थकुसले सुविणलक्खणपाढए सद्दावेह ॥ तएणं ते कोडुंबिअ-2 पुरिसा सिद्धत्थेणं रण्णा एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठ जाव-हियया, करयल जाव-पडिसुणंति है। ॥६५॥ पडिसुणित्ता सिद्धत्थस्स खत्तियस्स अंतिआओ पडिनिक्खमंति, पडिनिक्खमित्ता कुंडपुरं नगरं मझमझेणं जेणेव सुविणलक्खणपाढगाणं गेहाइं, तेणेव उवाग-2 च्छंति, उवागच्छित्ता सुविणलक्खणपाढए सहाविंति ॥६६॥तएणं ते सुविणलक्षण
१ कुंडग्गामं ( क० कि० क० सु०)
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कल्प०
॥ २० ॥
पाढया सिद्धत्थस्स खत्तिअस्स कोडुंबिअपुरिसेहिं सद्दाविआ समाणा हट्टतुट्ठ जाव| हियया व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउअमंगलपायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाई वत्थाई | पवराई परिहिआ अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा सिद्धत्थयहरिआलिआकयमंगलमुद्दाणा सएहिं २ गेहेहिंतो निग्गच्छंति, निग्गच्छित्ता खत्तियकुंडग्गामं नगरं मज्झंमज्झेणं जेणेव सिद्धत्थस्स रण्णो भवणवरवडिंसगपडिदुवारे, तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता भवणवरवर्डिसगपडिदुवारे एगओ मिलंति, मिलित्ता जेणेव बाहिरिआ उवट्टाणसाला, जेणेव सिद्धत्थे खत्तिए, तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहिअं जाव कट्टु, सिद्धत्थं खत्तिअं जणं विजएणं वद्धाविंति ॥ ६७ ॥ तरणं ते सुविणलक्खणपाढगा सिद्धत्थेणं रण्णा वंदियपूई असक्कारिअसम्माणिआ समाणा पत्तेअं २ पुवन्नत्थेसु भद्दासणेसु
१ अचिअनंदिअमाणिअपूहुआ (क० कि० )
वारसो
॥ २० ॥
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***********FRANCAISASSI
निसीयंति॥६८॥तएणं सिद्धत्थे खत्तिए तिसलं खत्तियाणिं जवणिअंतरियं ठावेइ, ठावित्ता ।
पुप्फफलपडिपुण्णहत्थे परेणं विणएणं ते सुविणलक्खणपाढए एवं वयासी ॥६९॥ 15-एवं खलु देवाणुप्पिया! अज्ज तिसला खत्तियाणी तंसि तारिसगंसि जाव सुत्तजागरा है
ओहीरमाणी २ इमे एयारूवे उराले चउद्दस महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धा ॥७०॥ तंजहा, गयगाहा-तं एएसिं चउद्दसहं महासुमिणाणं देवाणुप्पिया ! उरालाणं के मन्ने है। कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ ? ॥७१ ॥ तएणं ते सुमिणलक्खणपाढगा सिद्धत्थस्स खत्तियस्स अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म हद्वतुट्ठ जाव-हयहियया, ते सुमिणे ओगिण्हंति, ओगिण्हित्ता ईहं अणुपविसंति, अणुपविसित्ता अन्नमन्नेणं सद्धिं संचालति', संचालित्ता तेसिं सुमिणाणं लट्ठा गहिअट्ठा पुच्छिअट्ठा विणिच्छियट्ठा अभिगयट्ठा
१ संलावंति (क० कि०) .
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कल्प०
*SAGARLS
॥२१॥
* सिद्धत्थस्स रण्णो पुरओ सुमिणसत्थाइं उच्चारेमाणा २ सिद्धत्थं खत्तियं एवं वयासी॥७२॥ बारसो -एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं सुमिणसत्थे बायालीसं सुमिणा तीसं महासुमिणा बावत्तरि सव्वसुमिणा दिट्ठा, तत्थ णं देवाणुप्पिया ! अरहंतमायरो वा चक्कवट्टिमायरो वा अरहतंसि (ग्रं०४००) वा चक्कहरंसि वा गब्भं वक्कममाणंसि एएसिं तीसाए महासुमिणाणं इमे चउद्दस महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुझंति ॥७३॥ तंजहा, गयगाहा-॥७४॥ वासुदेवमायरो वा वासुदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरे सत्त महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुझंति ॥७५॥ बलदेवमायरो वा बलदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं चउद्दसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुझंति ॥७६ ॥ मंडलियमायरो वा मंडलियंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं चउदसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरं एगं महासुमिणं पासित्ता णं पडिबुझंति ॥७७॥ इमे य णं |
२१॥
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देवाणुप्पिया ! तिसलाए खत्तिआणीए चोइस महासुमिणा दिट्ठा,तं उराला णं देवाणुप्पिया! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा दिट्ठा, जाव मंगल्लकारगाणं देवाणुप्पिआ ! तिसलाए । खत्तिआणीए सुमिणा दिट्ठा, तंजहा- अत्थलाभो देवाणुप्पिया ! भोगलाभो० पुत्तलाभो० सुक्खलाभो देवाणुप्पिया! रजलाभो देवाणु० एवं खलु देवाणुप्पिया! तिसला खत्तियाणी । नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदिआणं वइक्वंताणं, तुम्हें कुलकेउं कुलदीवं, कुलपवयं कुलवडिंसगं कुलतिलयं कुलकित्तिकरं कुलवित्तिकरं कुलदिणयरं कुलाहारं । कुलनंदिकरं कुलजसकरं कुलपायवं कुलतन्तुसंताणविवद्धणकरं सुकुमालपाणिपायं अहीण-13/
पडिपुण्णपंचिंदियसरीरं लक्खणवंजणगुणोववेअं माणुम्माणपमाणपडिपुण्णसुजायसवंग-13 है सुंदरंगं ससिसोमाकारं कंतं पियसणं सुरूवंदारयं पयाहिसि॥७॥सेविय णं दारए उम्मु-3
कबालभावे विन्नायपरिणयमित्ते जुषणगमणुप्पत्ते सूरे वीरे विकंते विच्छिन्नविपुलबलवाहणे *
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कल्प० चाउरंतचक्कवट्टी रजवई राया भविस्सइ, जिणे वा तिलोगनायगे धम्मवरचाउरंतचक्क- बारसो ॥ २२ ॥ वट्टी ॥७९॥ तं उराला णं देवाणुप्पिया ! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा दिट्ठा, जाव ।
आरुग्गतुद्विदीहाऊकल्लाणमंगल्लकारगा णं देवाणुप्पिआ! तिसलाए खत्तियाणीए सुमिणा : दिवा॥०॥तएणं सिद्धत्थे राया तेसिं सुमिणलक्खणपाढगाणं अंतिए एयमटुं सोचा निसम्म हटे तुटे चित्तमाणंदिते पीयमणे परमसोमणसिए हरिसवसविसप्पमाणहिअए करयलजाव ते सुमिणलक्खणपाढगे एवं वयासी॥ ८१॥ एवमेयं देवाणुप्पिया! तहमेयं देवाणुप्पिया! अवितहमेयं देवाणुप्पिया ! इच्छियमेयं० पडिच्छियमेयं० इच्छियपडिच्छियमेयं ।। । देवाणुप्पिया ! सच्चे णं एसमटे से जहेयं तुब्भे वयह त्तिकद्दु ते सुमिणे सम्म पडिच्छह, पडि-5 च्छित्ता ते सुविणलक्खणपाढए विउलेणं असणेणं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ, सक्कारिता सम्माणित्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलइ, दलइत्ता पडिविसब्जेइ
॥२२॥
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En|तएणं से सिद्धत्थे खत्तिए सीहासणाओ अब्भुट्टेइ, अब्भुट्टित्ता जेणेव तिसला खत्ति
याणी जवणिअंतरिया तेणेव उवागच्छइ, उवाच्छित्ता तिसलं खत्तियाणी एवं वयासी॥८३॥ -एवं खलु देवाणुप्पिया! सुमिणसत्थंसि बायालीसं सुमिणा तीसं महासुमिणा जाव एग महासुमिणं पासित्ता णं पडिबुझंति॥८४॥ इमे अणं तुमे देवाणुप्पिए! चउद्दस महासु-13 मिणा दिवा, तं उराला णं तुमे जाव-जिणे वा तेलुक्कनायगे धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी ॥८॥ तएणं सा तिसला खत्तिआणी एअमटुं सुच्चा निसम्म हदुतुट्ट जाव-हयहिअया, करयल-15 जाव ते सुमिणे सम्म पडिच्छइ ॥८६॥ पडिच्छित्ता सिद्धत्थेणं रण्णा अब्भणुनाया समाणी || नाणामणिरयणभत्तिचित्ताओ भद्दासणाओ अब्भुटेइ, अब्भुद्वित्ता अतुरिअं अचवलं असं-IEI भंताए अविलंबिआए रायहंससरिसीए गईए जेणेव सए भवणे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता सयं भवणं अणुपविद्वा॥८॥जप्पभिई चणं समणे भगवं महावीरे तंसि नायकुलंसि
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कल्प
बारसो
॥२३॥
OCASSASSICAISSEUSEGA
साहरिए,तप्पभिई चणं बहवे वेसमणकुंडधारिणो तिरियजंभगा देवा सक्कवयणेणं से जाई इमाइं पुरापोराणाई महानिहाणाइं भवंति, तंजहा-पहीणसामिआइंपहीणसेउआई पहीणगुत्तागाराइं, उच्छिन्नसामिआई उच्छिन्नसेउआई उच्छिन्नगुत्तागाराई, गामागरनगर-2 डकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणासमसंबाहसन्निवेसेसु सिंघाडएसु वा तिएसु वा चउक्केसु वा । चच्चरेसु वा चउम्मुहेसु वा महापहेसु वा गामट्ठाणेसु वा नगरट्ठाणेसु वा गामणिद्धमणेसु वा नगरनिदमणेसु वा आवणेसु वा देवकुलेसु वा सभासु वा पवासु वा आरामेसु वा उजाणेसु वा वणेसु वा वणसंडेसु वा सुसाणसुन्नागारगिरिकंदरसंतिसेलोवट्ठाणभवण-31 गिहेसु वा सन्निक्खित्ताई चिटुंति, ताइं सिद्धत्थरायभवणंसि साहरंति ॥ ८८॥3
जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे नायकुलंसि साहरिए, तं रयणिं च णं नायकुलं है हिरण्णेणं वड्डित्था सुवण्णेणं वड्डित्था धणेणं धन्नेणं रजेणं रटेणं बलेणं वाहणेणं कोसेणं है।
॥२३॥
SAAS
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कोटागारेणं पुरेणं अंतेउरेणं जणवएणं जसवाएणं वड्डित्था, विपुलधणकणगरयणमणि-11 मोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाइएणं संतसारसावइज्जेणं पीइसक्कारसमुदएणं अईव २ अभिवड्डित्था, तएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अम्मापिऊणं अयमेयारूवे अब्भत्थिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था ॥८९॥ जप्पभिइं च णं अम्हं, एस दारए कुच्छिसि गन्भत्ताए वकंते, तप्पभिई च णं अम्हे हिरण्णेणं वड्डामो सुवण्णेणं । धणेणं धन्नेणं रजेणं रटेणं बलेणं वाहणेणं कोसेणं कुट्ठागारेणं पुरेणं अंतेउरेणं । जणवएणं जसवाएणं वड्डामो, विपुलधणकणगरयणमणिमुत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयण-12 माइएणं संतसारसावइज्जेणं पीइसक्कारेणं अईव २ अभिवड्डामो, तं जया णं अम्हं एस दारए । जाए भविस्सइ, तया णं अम्हे एयस्स दारगस्स एयाणुरूवं गुण्णं गुणनिप्फन्नं नामधिज्ज करिस्सामो वडमाणुत्ति॥९०॥ तएणं समणे भगवं महावीरे माउअणुकंपणट्ठाए निच्चले ॥
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SASA
कल्प०
॥२४॥
1 निप्फंदे निरेयणे अल्लीणपल्लीणगुत्ते आवि होत्था ॥९१॥ तएणं तीसे तिसलाए खत्ति-1 बारसो
याणीए अयमेयारूवे जाव संकप्पे समुप्पन्जित्था-हडे मे से गन्भे, मडे मे से गम्भे, चुए मे है से गब्भे, गलिए मे से गम्भे, एस मे गब्भे पुत्विं एयइ, इयाणि नो एयइ तिकडे ओहयमण-है संकप्पा चिंतासोगसागरसंपविट्ठा करयलपल्हत्थमुही अट्टज्झाणोवगया भूमीगयदिद्विया । झियायइ, तंपि य सिद्धत्थरायवरभवणं उवरयमुइंगतंतीतलतालनाडइजजणमणुलं दीण-1 विमणं विहरइ ॥९२॥ तएणं से समणे भगवं महावीरे माऊए अयमेयारूवं अब्भत्थि पत्थिअंमणोगयं संकप्पं समुप्पन्नं वियाणित्ता एगदेसेणं एयइ, तएणं सा तिसला खत्तियाणी हद्वतुट्ठा जाव हयहिअया एवं वयासी ॥९३॥-नो खलु मे गन्भे हडे जाव नो गलिए, मेगब्भे पुविनो एयइ,इयाणिं एयइ तिकडे हटु जाव एवं विहरइ, तएणं समणे भगवंमहा-2 वीरे गब्भत्थे चेव इमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ- नो खलु मे कप्पइ अम्मापिउहिं|
454545454505605645457
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SARASWAAAC-%AC%CA
जीवंतेहिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारिअं पवइत्तए ॥९४॥ तएणं सा तिसला खत्तियाणी व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता सवालंकारविभूसिया तं गब्भं । नाइसीएहिं नाइउण्हेहिं नाइतित्तेहिं नाइकडुएहिं नाइकसाइएहिं नाइअंबिलेहिं नाइमहु-181 रेहिं नाइनिहिं नाइलुक्खेहिं नाइउल्लेहिं नाइसुक्केहिं सबत्तुगभयमाणसुहेहिं भोयणच्छा-5/ यणगंधमल्लेहिं ववगयरोगसोगमोहभयपरिस्समा जं तस्स गम्भस्स हिअं मियं पत्थं है। गब्भपोसणं तं देसे अ काले अ आहारमाहारेमाणी विवित्तमउएहिं सयणासणेहिं पइरिकसुहाए मणोऽणुकूलाए विहारभूमीए पसत्थदोहला संपुण्णदोहला संमाणियदोहला अवि-है। माणिअदोहला वुच्छिन्नदोहला ववणीअदोहला सुहंसुहेणं आसइ सयइ चिट्ठइ निसीअइ है। तुयट्टइ विहरइ सुहंसुहेणं तं गब्भं परिवहइ॥९॥तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं
१ जाव (क० कि०)
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कल्प
बारसो
॥२५॥
REPARIKSHAKAKARSANS
। महावीरे जे से गिम्हाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे चित्तसुद्धे तस्स णं चित्तसुद्धस्स तेरसीदिवसेणं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदियाणं विइकंताणं उच्चट्ठाणगएसु गहेसु पढमे चंदजोए सोमासु दिसासु वितिमिरासु विसुद्धासु जइएसु सबसउणेसु । पयाहिणाणुकूलंसि भूमिसप्पिंसि मारुयंसि पवायंसि निप्फन्नमेइणीयंसि कालंसि पमुइयपक्कीलिएसु जणवएसु पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि हत्थुत्तराहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आरुग्गा आरुग्गं दारयं पयाया॥जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे जाए, साणं रयणी बहूहिं देवेहिं देवीहि य ओवयंतेहिं उप्पयंतेहि य उप्पिजलमाणभूआ कहकहग-4 भूआ आवि हुत्था॥९६॥जरयणिं च णं समणे भगवं महावीरे जाए तं रयणिं च णं बहवे ॥२५॥ वेसमणकुंडधारी तिरियजंभगा देवा सिद्धत्थरायभवणंसि हिरण्णवासंच सुवण्णवासंचवय-3
१० लमाला० (क० कि० ) देवुजोए एगालोए देवसन्निवाए उप्पिंजल० (क० कि०), .
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र वासं च वत्थवासं च आभरणवासं च पत्तवासं च पुप्फवासं च फलवासं च बीअवासं चमल्लवासं च गंधवासं च चुण्णवासं च वण्णवासं च वसुहारवासं चे वासिंसु ॥९७॥ तेएणं से सिइत्थे खत्तिए भवणवइवाणमंतरजोइस वेमाणिएहिं देवेहिं तित्थयरजम्मणाभिसेयमहिमाए कयाए समाणीए पच्चूसकालसमयंसि नगरगुत्तिए सद्दावेइ सद्दावित्ता एवं वयासी ॥ ९८ ॥ - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! कुंडपुरे नगरे चारगसोहणं करेह, करित्ता माणुम्माणवद्दणं करेह, माणुम्माणवडणं करिता कुंडपुरं नगरं सम्भितरबाहिरियं आसियसम्मजिओवलित्तं संघाडगतिगचउक्कचच्चरंचउम्मुहमहापहपहेसु सित्तसुइसंमट्ठरत्थंरावणवीहियं मंचा|इमंचकलिअं नाणाविहरागभूसि अज्झयपडागमंडिअं लाउल्लोइयमहिअं गोसीससरसरत्तचंदणदद्दरदिन्नपंचंगुलितलं उवचियचंदणकलसं चंदणघडसुकयतोरणपडिदुवारदेसभागं
१ घण्णवासं च (क० कि०) २ पिअहयाए पिअं निवेएमो, पिअं मे भवउ मउडवज्जं जहामालिअं ओमयं मत्थए घोअइ (क० कि०)
***%*+6+6 16++++
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A
कस्प०
॥२६॥
CCORGARH
आसत्तोसत्तविपुलवट्टवग्धारियमल्लदामकलावं पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारक- बारसो लिअं कालागुरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कडज्झंतधूवमघमघंतगंधुडुआभिरामं सुगंधवरगंधि है गंधवट्टिभूअं नडनट्टगजल्लमल्लमुट्ठियवेलंबगकहगपाढगेलासगआरक्खगलंखमंखतूणइल्लतुंबवीणियअणेगतालायराणुचरिअं करेह कारवेह, करित्ता कारवेत्ता य जूअसहस्सं मुसलसहस्सं च उस्सवेह, उस्सवित्ता मम एयमाणत्तियं पच्चप्पिणेह ॥ ९९॥ तएणं ते । कोडुंबियपुरिसा सिद्धत्थेणं रण्णा एवंवुत्ता समाणा हट्ठा जाव हिअया करयल-जाव-पडि-2 सुणित्ता खिप्पामेव कुंडपुरे नगरे चारगसोहणंजाव उस्सवित्ता जेणेव सिद्धत्थे राया (खत्तिए) तेणेव उवागच्छंति, उवागच्छित्ता करयल जाव कट्ठ सिद्धत्थस्स रण्णो एयमाणत्तियं ॥ २ पञ्चप्पिणंति ॥१०॥तएणं से सिद्धत्थे राया जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ, उवा
१० पवग० (क० कि० ) २ आइखग० (क० कि० )
AAAष्टमा
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गच्छित्ता जाव सबोरोहेणं सवपुप्फगंधवत्थमल्लालंकारविभूसाए सवतुडिअसद्दनिनाएणं हैं। महया इड्डीए महया जुइए महया बलेणं महया वाहणेणं महया समुदएणं महया वरतुडि-18] अजमगसमगपवाइएणं संखपणवभेरिझल्लरिखरमुहिहुडुक्कमुरजमुइंगदुंदुहिनिग्घोसना-2 इयरवेणं उस्सुक्कं उक्करं उक्किट्ठ अदिजं अमिजं अभडप्पवेसं अदंडकोदंडिमं अधरिमं । गणिआवरनाडइजकलियं अणेगतालायराणुचरिअं अणुडुअमुइंगं,(मं.५००) अमिलायमल्लदामं पमुइअपक्कीलियसपुरजर्णजाणवयंदसदिवसं ठिईवडियं करेइ॥तएणं से सिद्धत्थे 2|| राया दसाहियाए ठिईवडियाए वट्टमाणीए सइए य साहस्सिए य सयसाहस्सिए य जाए। य दाए य भाए अ दलमाणे अ दवावेमाणे अ, सइए अ साहस्सिए अ सयसाहस्सिए । य लंभे पडिच्छमाणे य पडिच्छावेमाणे य एवं विहरइ.॥ १०१॥ तएणं समणस्स भग
१ अहरिमं (क० कि० ) २ अगणिअवरनाडइज्जकलिअं (क० कि० ) ३ जणाभिरामं (क० कि०)
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कल्प० ॥ २७ ॥
वओ महावीरस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे ठिइवडियं करिंति, तइए दिवसे चंदसुरदंसणिअं करिंति, छट्ठे दिवसे धम्मजागरियं करिंति, इक्कारसमे दिवसे विइक्कंते निवत्तिए असुइजम्मकम्मकरणे, संपत्ते बारसाहे दिवसे, विउलं असणपाणखाइमसाइमं उवक्खडाविंति, उवक्खडावित्ता मित्तनाइनिययसयणसंबंधिपरिजणं नाए य खत्तिए अ आमंतित्ता तओ पच्छा पहाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंगल्लाई पवराई वत्थाई परिहिया अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा भोअणवेलाए भोअणमंडवंसि सुहासणवरगया तेणं मित्तनाइनिययसंबंधिपरिजणेणं नायएहिं खत्तिएहिं सद्धिं तं | विउलं असणपाणखाइमसाइमं आसाएमाणा विसाएमाणा परिभाषमाणा परिभुंजेमाणा | एवं वा विहरंति ॥ १०२ ॥ जिमिअत्तुत्तरा गयाविअ णं समाणा आयंता चुक्खा परम
१ जागरिंति (क० कि० क०सु० )
बारसो
॥ २७ ॥
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SCACCCCCCCCX
सुइभूआ तं मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरिजणं नायए खत्तिए य विउलेणं पुप्फगंधवत्थमल्लालंकारेणं सक्कारिति संमाणिति सक्कारित्ता संमाणित्ता तस्सेव मित्तनाइनिययसयणसंबंधिपरियणस्स नायाणं खत्तिआण य पुरओ एवं वयासी ॥ १०३॥-पुषिंपिणं । देवाणुप्पिया! अहं एयंसि दारगंसि गम्भं वकंतंसि समाणंसि इमेयारूवे अब्भत्थिए । चिंतिए जाव समुप्पज्जित्था-जप्पभिई च णं अम्हं एस दारए कुच्छिसि गब्भत्ताए । वकंते, तप्पभिई च णं अम्हे हिरण्णेणं वड्ढामो सुवण्णेणं धणेणं जाव सावइन्जेणं 3 पीइसक्कारेणं अईव २ अभिवड्डामो, सामंतरायाणो वसमागया य, तं जया णं अम्हं एस.) दारए जाए भविस्सइ, तया णं अम्हे एयस्स दारगस्स इमं एयाणुरूवं गुण्णं गुणनिप्फन्न । नामधिज्जं करिस्सामो वडमाणुत्ति ॥ १०४॥ता अज अम्ह मणोरहसंपत्ती जाया, तं . है होउ णं अम्हं कुमारे वडमाणे नामेणं ॥ १०५॥ समणे भगवं महावीरे कासवगुत्तेणं,
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बारसो
कल्प ॥ २८ ॥
HASHA
तस्स णं तओ नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-अम्मापिउसंतिए वदमाणे, सहसमुइआए समणे, अयले भयभेरवाणं परीसहोवसग्गाणं खंतिखमे पडिमाण पालगे : धीमं अरइरइसहे दविए वीरिअसंपन्ने देवेहिं से नाम कयं 'समणे भगवं महावीरे'
१०६॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पिआ कासवगुत्तेणं, तस्स णं तओ। नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-सिद्धत्थे इ वा, सिजंसे इ वा, जसंसे इ वा ॥ समण-3 स्स णं भगवओ महावीरस्स माया वासिट्ठी गुत्तेणं, तीसे तओ नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-तिसला इवा, विदेहदिन्ना इवा, पिअकारिणी इ वा ॥ समणस्स णं भगवओs महावीरस्स पितिले सुपासे, जिट्टे भाया नंदिवडणे, भगिणी सुदंसणा, भारिया /
P जसोआ कोडिन्ना गुत्तेणं॥समणस्स णं भगवओ महावीरस्स धूआ कासवी गुत्तेणं, तीसे दो नामधिज्जा एक्माहिअंति, तंजहा-अणोजा इ वा, पियदसणा इ वा ॥ समणस्स णं
॥२८॥
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554545
भगवओमहावीरस्स नत्तुई कोसिअ(कासव)गुत्तेणं, तीसे णंदुवे नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-सेसवई इवा, जसवई इ वा ॥ १०७॥ समणे भगवं महावीरे दक्खे दक्खपइन्ने । पडिरूवे आलीणे भद्दए विणीए नाए नायपुत्ते नायकुलचंदे विदेहे विदेहदिन्ने विदेहजच्चे हैं। विदेहसमाले तीसं वासाइं विदेहंसि कट्ठ अम्मापिउहिं देवत्तगएहिं गुरुमहत्तरएहिं अब्भ-3 गुन्नाए समत्तपइन्ने पुणरवि लोगंतिएहिं जीअकप्पिएहिं देवेहिं ताहिं इटाहि कंताहि | पिआहिं मणुन्नाहिं मणामाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धन्नाहिं मंगल्लाहिं मिअमहुरस-15 स्सिरीआहिं हिययगमणिजाहिं हिययपल्हायणिजाहिं गंभीराहिं अपुणरुत्ताहिं वग्गूहि । अणवरयं अभिनंदमाणा य अभिथुवमाणा य एवं वयासी॥१०८॥-" जय २ नंदा!, जय ।। २ भद्दा!, भदंते, जय २ खत्तिअवरवसहा!, बुज्झाहि भगवं लोगनाहा!, सयलजगजीव-18 हियं पवत्तेहि धम्मतित्थं, हियसुहनिस्सेयसकरं सवलोए सबजीवाणं भविस्सइत्तिकद्दु जय-61
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कल्प०
॥ २९ ॥
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जयसद्दं पउंजंति ॥ १०९ ॥ पुबिंपिणं समणस्स भगवओ महावीरस्स माणुस्सगाओ गिहत्थधम्माओ अणुत्तरे आभोइए अप्पडिवाई नाणदंसणे हुत्था, तरणं समणे भगवं महावीरे तेणं अणुत्तरेणं आभोइएणं नाणदंसणेणं अप्पणो निक्खमणकालं आभोएइ, आभोइत्ता चिच्चा हिरण्णं, चिच्चा सुवण्णं, चिच्चा धणं, चिच्चा रजं, चिच्चा रखूं, एवं बलं वाहणं कोसं कुट्ठागारं, चिच्चा पुरं, चिच्चा अंतेउरं, चिच्चा जणवयं, चिच्चा विपुलधणकणगरयणमणिमुत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणमाइयं संतसारसावइजं, विच्छड्डइत्ता, विगोवइ - त्ता, दाणं दायारेहिं परिभाइत्ता दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता ॥११०॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे जे से हेमंताणं पढमे मासे पढमे पक्खे मग्गसिरबहुले, तस्स णं मग्गसिरबहुलस्स दसमीपक्खेणं पाईणगामिणीए छायाए पोरसीए अभिनिवट्टाए पमाणपत्ताए सुवएणं दिवसेणं विजएणं मुहुत्तेणं चंदप्पभाए सीआए सदेवमणु आसुराए परिसाए सम
बारसो
॥ २९ ॥
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ARABAEX%*%*%AARS
णुगम्ममाणमग्गे संखियचक्कियनंगलिअमुहमंगलियवद्रमाणपूसमाणघंटियगणेहिं, ताहिं इटाहिं कताहिं पियाहिं मणुन्नाहिंमणामाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहिं धन्नाहिं मंगल्लाहिं । |मिअमहुरसस्सिरीआहिं वग्गूहिं अभिनंदमाणा अभिथुवमाणा य एवं वयासी ॥१११॥" जय २ नंदा!, जय २ भद्दा!, भदं ते खत्तियवरवसहा! अभग्गेहिं नाणदंसणचरित्तेहिं, अजियाइं जिणाहि इंदियाइं, जिअं च पालेहि समणधम्मं, जियविग्घोवि य वसाहि तं । देव ! सिद्धिमज्झे, निहणाहि रागहोसमल्ले तवेणं धिइधणिअबद्दकच्छे, महाहि अट्ठकम्म-2 सत्तू झाणेणं उत्तमेणं सुक्केणं, अप्पमत्तो हराहि आराहणपडागं च वीर ! तेलुक्करंगमज्झे, पावय वितिमिरमणुत्तरं केवलवरनाणं, गच्छ य मुक्खं परं पयं जिणवरोवइटेणं मग्गेणं । अकुडिलेणं हंता परीसहचमू, जय २ खत्तिअवरवसहा ! बहुइं दिवसाइं बहूई पक्खाई। बहूई मासाई बहूई उऊई बहूई अयणाई बहूई संवच्छराई, अभीए परीसहोवसग्गाणं,
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कल्प० खेतिखमे भयभेरवाणं, धम्मे ते अविग्धं भवउ "त्तिकद्दु जयजयसदं पउंजंति ॥ ११२॥ बारसो ॥३०॥तएणं समणे भगवं महावीरे नयणमालासहस्सेहिं पिच्छिजमाणे २, वयणमालासह
स्सेहिं अभिथुपमाणे २, हिययमालासहस्सेहिं उन्नंदिज्जमाणे २, मणोरहमालासहस्सेहिं है। विच्छिप्पमाणे २, कंतिरूवगुणेहिं पत्थिन्जमाणे २, अंगुलिमालासहस्सेहिं दाइजमाणे २, दाहिणहत्थेणं बहूणं नरनारीसहस्साणं अंजलिमालासहस्साइं पडिच्छमाणे २, भवणपंतिसहस्साई समइच्छमाणे २, तंतीतलतालतुडियगीयवाइअरवेणं महुरेण य मणहरेणं । जयजयसद्दघोसमीसिएणं मंजुमंजुणाघोसेणय पडिबुज्झमाणे २,सविड्डीए सव्वजुईए सबबलेणं सववाहणेणं सबसमुदएणं सवायरेणं सबविभूईए सबविभूसाए सवसंभमेणं सवसंगमेणं सवपगईहिं सघनाडएहिं सव्वतालायरेहिं सबोरोहेणं सवपुप्फगंधमल्लालंकारविभू
१ अभिभविअ गामकंटए (क० कि० ) २ आपुच्छिजमाणे (क० कि० ) ३ वत्थमल्ला.
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साए सवतुडियसद्दसन्निनाएणं महया इड्डीए महया जुइए महया बलेणं महया वाहणेणं | महया समुद एणं महया वरतुडियजमगसमगप्पवाइएणं संखपणवपडह भेरिझल्लरिखरमुहिहुडुक्कदुंदुहिनिग्घोसनाइयरवेणं कुंडपुरं नगरं मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता जेणेव नायसंडवणे उज्जाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ ॥ ११३ ॥ उवागच्छित्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ, ठावित्ता सीयाओ पच्चोरुहइ, पच्चरुहित्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुअइ, ओमुइत्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोअं करेइ, करित्ता छट्टेणं भत्तेणं अपाणएणं हत्थुत्तराहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदुसमादाय एगे अबीए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारिअं पवइए ॥ ११४ ॥ समणे भगवं महावीरे संवच्छरं साहियं मासं जाव चीवरधारी होत्था, तेण परं अचेलए पाणिपडिग्गहिए । समणे भगवं महावीरे साइरेगाई दुवालस वासाईं निच्चं वोसट्टकाए चियत्तदेहे जे केइ
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कल्प०
वारसो
उवसग्गा उप्पजंति, तंजहा-दिवा वा माणुसा वा तिरिक्खजाणिआ वा, अणुलोमा ॥३१॥ वा पडिलोमा वा, ते उप्पन्ने सम्मं सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ ॥ ११५॥
तएणं समणे भगवं महावीरे अणगारे जाए, इरियासमिए भासासमिए एसणासमिए । आयाणभंडमत्तनिक्खेवणासमिए उच्चारपासवणखेलसंघाणजल्लपारिद्वावणियासमिए मणसमिए वयसमिए कायसमिए मणगुत्ते वयगुत्ते कायगुत्ते गुत्ते गुत्तिदिए गुत्तबंभयारी ।
अकोहे अमाणे अमाए अलोहे संते पसंते उवसंते परिनिवुडे अणासवे अममे । 18 अकिंचणे छिन्नगंथे निरुवलेवे, सपाई इव मुक्कतोए, संखे इव निरंजणे, जीवे इव 15 अप्पडिहयगई, गगणमिव निरालंबणे, वाऊ इव अप्पडिबद्धे, सारयसलिलं व सुद्धहियए, पुक्खरपत्तं व निरुवलेवे, कुम्मे इव गुत्तिदिए, खग्गिविसाणं व एगजाए, विहग
१ छिण्णसोए (क० कि०)
॥३१॥
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इव विप्पमुक्के, भारंडपक्खी इव अप्पमत्ते, कुंजरे इव सोंडीरे, वसहे इव जायथामे, सीहे इव दुद्धरिसे, मंदरे इव "निक्कंपे, सागरे इव गंभीरे, चंदे इव सोमलेसे, सूरे इव दित्ततेए, जच्चकणगं व जायरूवे, वसुंधरा इव सबफासविसहे, सुहुयहुयासणे इव तेयसा जलंते ॥ ११६ ॥ इमेसिं पयाणं दुन्नि संगहणिगाहाओ - "कंसे संखे जीवे, गगणे वाऊ य सरयसलिले अ । पुक्खरपत्ते कुम्मे, विहगे खग्गे य भारंडे ॥ १ ॥ कुंजर वसहे सीहे, नगराया चेव सागर - मखोहे | चंदे सूरे कणगे, वसुंधरा चेव हूयवहे ॥ २ ॥ नत्थि णं तस्स भगवंतस्स कत्थइ पडिबंधे - से अ पडिबंधे चउविहे पन्नत्ते, तंजहा - दवओ, खित्तओ, कालओ, भावओ । दवओ णं सचित्ताचित्तमीसेसु दवेसु, खित्तओ णं गामे वा नगरे वा अरण्णे वा खित्ते वा खले वा घरे वा अंगणे वा नहे वा, काल
१-२ अप्पकंपे १ नेमे तत्र गाथे
*% *%*
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कल्प०
RANAGANAS
ओ णं समए वा आचलिआए वा आणापाणुए वा थोवे वा खणे वा लवे वा मुहुत्ते बारसो वा अहोरत्ते वा पक्खे वा मासे वा उउऐ वा अयणे वा संवच्छरे वा अन्नयरे वा । दीहकालसंजोए, भावओ णं कोहे वा माणे वा मायाए वा लोभे वा भए वा पिज्जे वा है। दोसे वा कलहे वा अब्भक्खाणे वा पेसुन्ने वा परपरिवाए वा अरइरई वा मायामोसे है वा मिच्छादसणसल्ले वा (ग्रं० ६००) तस्स णं भगवंतस्स नो एवं भवइ ॥ ११७॥ से णं भगवं वासावासवजं अट्ठ गिम्हहेमंतिए मासे गामे एगराइए नगरे पंचराइए । वासीचंदणसमाणकप्पे समतिणमणिलेटुकंचणे समदुखसुहे इहलोगपरलोगअप्पडिबद्धे जीवियमरणे अ निरवकंखे संसारपारगामी कम्मसत्तुनिग्घायणटाए अब्भुट्ठिए ॥ ३२ ॥ एवं च णं विहरइ ॥ ११८ ॥ तस्स णं भगवंतस्स अणुत्तरेणं नाणेणं अणुत्तरेणं दसणेणं १ उऊ वा (क० कि०, क० सु०) २ समसुहदुक्खे (क० कि०, क० मु० ) ३० मरणा नि० (क० कि०, क० सु० ॥
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अणुत्तरेणं चरित्तेणं अणुत्तरेणं आलएणं अणुत्तरेणं विहारेणं अणुत्तरेणं वीरिएणं अणुत्तरेणं अजवेणं अणुत्तरेणं मद्दवेणं अणुत्तरेणं लाघवेणं अणुत्तराए खंतीए अणुत्तराए मुत्तीए अणुत्तरा गुत्तीए अणुत्तराए तुट्ठीए अणुत्तरेणं सच्चसंजमतवसुचरिअसोवचिअफलनिवाणमग्गेणं, अप्पाणं भावेमाणस्स दुवालस संवच्छराई विइक्कं| ताई तेरसमस्स संवच्छरस्स अंतरा वट्टमाणस्स जे से गिम्हाणं दुच्चे मासे चउत्थे पक्खे वइसाहसुद्धे तस्स णं वइसाहसुद्धस्स दसमीपक्खेणं पाईणगामिणीए छायाए | पोरिसीए अभिनिविट्टाए पमाणपत्ताए सुवएणं दिवसेणं विजएणं मुहुत्तेणं जंभियगामस्स नगरस्स बहिआ उज्जुवालियाए नईए तीरे वेयावत्तस्स चेइअस्स अदूरसामंते सामागस्स गाहावईस्स कटुकरणंसि सालपायवस्स अहे गोदोहिआए उक्कडुअनिसिजाए आयावणाए आयावेमाणस्स छट्टेणं भत्तेणं अपाणएणं हत्थुत्तराहिं नक्खत्तेणं जोग
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बारसो
कल्प० मुवागएणं झाणंतरिआए वट्टमाणस्स अणंते अणुत्तरे निवाघाए निरावरणे कसिणे । ॥३३॥ पडिपुण्णे केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने ॥ ११९ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे :
भगवं महावीरे अरहा जाए, जिणे केवली सवन्नू सवदरिसी सदेवमणुआसुरस्स लोगस्स . परिआयं जाणइ पासइ सबलोए सबजीवाणं आगइं गई ठिई चवणं उववायं तकं मणो, माणसि भुत्तं कडं पडिसेवियं आवीकम्मं रहोकम्मं, अरहा अरहस्स भागी, तं तं कालं है 2 मणवयकायजोगे वट्टमाणाणं सबलोए सबजीवाणं सवभावे जाणमाणे पासमाणे है विहरइ ॥ १२०॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे अद्वियगामं नीसाए । पढमं अंतरावासं वासावासं उवागए, चंपं च पिट्ठचंपं च नीसाए तओ अंतरावासे । वासावासं उवागए, वेसालिं नगरिं वाणियगामं च नीसाए दुवालस अंतरावासे वासावासं
१ तएणं समणे भगवं महावीरे (क० कि०, क० सु०)
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उवागए, रायगिहं नगरं नालंदं च बाहिरियं नीसाए चउद्दस अंतरावासे वासावासं उवागए, छ मिहिलाए दो भहिआए एगं आलंभियाए एगं सावत्थीए पणिअभूमीए । एगं पावाए मज्झिमाए हत्थिघालस्स रण्णो रज्जुगसभाए अपच्छिमं अंतरावासं वासावास
उवागए ॥ १२१॥ तत्थ णं जे से पावाए मज्झिमाए हत्थिवालस्स रण्णो रज्जुगसभाए 1 अपच्छिमं अंतरावासं वासावासं उवागए ॥ १२२ ॥ तस्स णं अंतरावासस्स जे से
वासाणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे कत्तिअबहुले, तस्स णं कत्तियबहुलस्स पन्नरसीप-.
क्खेणं जा सा चरमा रयणी, तं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए विइक्कंते । है समुजाए छिन्नजाइजरामरणबंधणे सिद्ध बुद्धे मुत्ते अंतगडे परिनिवुडे सवदुक्खप्पहीणे, चंदे नाम से दुच्चे संवच्छरे पीइवद्धणे मासे नंदिवद्धणे पक्खे अग्गिवेसे नाम से ,
१-२ मिहिलियाए.
PAESARROSASSASSAN
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कल्प०
बारसो
दिवसे उवसमित्ति पवुच्चइ, देवाणंदा नाम सा रयणी निरतित्ति पवुच्चइ, अच्चे लवे । ॥३४॥ मुहुत्ते पाणू थोवे सिद्धे नागे करणे सवठ्ठसिद्धे मुहुत्ते साइणा नक्खत्तेणं जोगमुवागए
णं कालगए विइक्वंते जाव सम्बदुक्खप्पहीणे ॥ १२३ ॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे सा णं रयणी बहुहिं देवेहिं देवीहि य ओवय-३ माणेहि य उप्पयमाणेहि य उज्जोविया आवि हुत्था ॥ १२४॥जं रयणिं च णं समणे | भगवं महावीरे कालगए जाव सबदुक्खप्पहीणे, सा रयणी बहुहिं देवेहि य देवीहि य । ओवयमाणेहिं उप्पयमाणेहि य उप्पिजलगभूआ कहकहगभूआ आवि हुत्था ॥ १२५॥ जं रयणिं च णं समणे भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे, तं रयणिं च णं ॥३॥ जिट्ठस्स गोअमस्स इंदभूइस्स अणगारस्स अंतेवासिस्स नायए पिजबंधणे वुच्छिन्ने, अणंते अणुत्तरे जाव केवलवरनाणदसणे समुप्पन्ने ॥ १२६ ॥जं रयणिं च णं समणे ।।
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भगवंमहावीरे कालगए जाव सबदुक्खप्पहीणे, तं रयणिं च णं नवमल्लई नवलेच्छई कासीकोसलगा अट्ठारसवि गणरायाणो अमावासाए पाराभोयं पोसहोववासं पट्टविंसु, गए से | भावुञ्जोए, दवुजोअंकरिस्सामो॥१२७॥ जं रयणिं च णं समणे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे, तं रयणिं च णं खुदाए भासरासी नाम महग्गहे दोवाससहस्सठिई समणस्स भगवओ महावीरस्स जम्मनक्खत्तं संकंते॥ १२८॥ जप्पभिइं च णं से खुद्दाए भासरासी मह-| ग्गहे दोवाससहस्सठिई समणस्स भगवओ महावीरस्स जम्मनक्खत्तं संकंते, तप्पभिई । च णं समणाणं निग्गंथाणं निग्गंथीण य नो उदिए २ पूआसक्कारे पवत्तइ ॥ १२९॥5 जया णं से खुद्दाए जाव जम्मनक्खत्ताओ विइक्वंते भविस्सइ, तया णं समणाणं निग्गंथाणं निग्गंथीण य उदिए २ पूआसक्कारे भविस्सइ ॥ १३० ॥ जं रयणिं च णं समणे ।
१ बाराभोए (क० कि०)
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कस्प०
भगवं महावीरे कालगए जाव सव्वदुक्खप्पहीणे,तं रयणिं च णं कुंथू अणुद्धरी नाम समु
बारसो ॥३॥प्पन्ना, जा ठिया अचलमाणा छउमत्थाणं निग्गंथाणं निग्गंथीण य नो चक्खुफास
हवमागच्छति, जा अठिआ चलमाणा छउमत्थाणं निग्गंथाणं निग्गंथीण य चक्खुफासं हधमागच्छइ ॥ १३१ ॥ जं पासित्ता बहुहिं निग्गंथेहिं निग्गंथीहि य भत्ताई। पच्चक्खायाई, से किमाहु भंते ? अन्जप्पभिई संजमे दुराराहे भविस्सइ ॥ १३२॥3 तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स इंदभूइपामुक्खाओ चउद्दस समणसाहस्सीओ उक्कोसिआ समणसंपया हुत्था ॥ १३३॥ समणस्स भगवओ महाहै वीरस्स अज्जचंदणापामुक्खाओ छत्तीसं अज्जियासाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हत्था ॥ १३४॥ समणस्स भगवओ० संखसयगपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा
१ दुराराहए (क० सु०, क० कि०)
CARA GARATGAISASSASSA
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सयसाहस्सी अउणष्टुिं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासगाणं संपया हुत्था है। ॥ १३५॥ समणस्स भगवओ० सुलसारेवईपामुक्खाणं समणोवासिआणं तिन्नि सयसाहस्सीओ अट्ठारससहस्सा उक्कोसिआ समणोवासियाणं संपया हुत्था ॥ १३६॥ समणस्स णं भगवओ० तिन्नि सया चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सबक्खर
सन्निवाईणं जिणो विव अवितहं वागरमाणाणं उक्कोसिआ चउद्दसपुवीणं संपया हुत्था , 15॥ १३७॥ समणस्स० तेरस सया ओहिनाणीणं अइसेसपत्ताणं उक्कोसिया ओहिनाणि
संपया हुत्था ॥१३८॥ समणस्स णं भगवओ० सत्त सया केवलनाणीणं संभिण्णवरनाण-2 |दसणधराणं उक्कोसिया केवलनाणिसंपया हुत्था ॥ १३९॥ समणस्स णं भ० सत्त सया । वेउवीणं अदेवाणं देविड्डिपत्ताणं उक्कोसिया वेउवियसंपया हुत्था ॥ १४०॥ समणस्स
१ साहस्सीओ (क० कि०)
CROSAROSPESALSAROKA
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कल्पणं भ० पंच सया विउलमईणं अड्डाइजेसु दीवेसु दोसु अ समुद्देसु सन्नीणं पंचिंदियाणं । बारसो ॥३६॥ पजत्तगाणं मणोगए भावे जाणमाणाणं उक्कोसिआ विउलमईणं संपया हुत्था ॥ १४१॥
समणस्स णं भ० चत्तारि सया वाईणं सदेवमणुआसुराए परिसाए वाए अपराजियाणं है उक्कोसिया वाइसंपया हुत्था ॥ १४२॥ समणस्स णं भगवओ० सत्त अंतेवासिसयाइं है सिद्धाइं जाव सबदुक्खप्पहीणाई, चउद्दस अजियासयाइं सिद्धाइं॥१४३॥ समणस्स णं भग० अट्ट सया अणुत्तरोववाइयाणं गइकल्लाणाणं ठिइकल्लाणाणं आगमेसिभदाणं उक्कोसिआ अणुत्तरोववाइयाणं संपया हुत्था ॥ १४४॥ समणस्स भ० दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतगडभूमी य, परियायंतगडभूमी य, जाव तच्चाओ पुरिसजु-२ गाओ जुगंत०, चउवासपरियाए अंतमकासी ॥ १४५॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं । समणे भगवं महावीरे तीसं वासाइं अगारवासमझे वसित्ता साइरेगाइं दुवालस वा-2
ॐSE
Gr॥३६॥
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CHECRENC
६साइं छउमत्थपरियागं पाउणित्ता देसूणाई तीसं वासाइं केवलिपरियागं पाउणित्ता,81
बायालीसं वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता बावत्तरि वासाइं सवाउयं पालइत्ता खीणे । वेयणिज्जाउयनामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए दूसमसुसमाए समाए बहुविइक्वंताए तिहिं । वासेहिं अद्धनवमेहि य मासेहिं सेसेहिं पावाए मज्झिमाए हत्थिवालस्स रण्णो रज्जुयसभाए है
एगे अबीए छटेणं भत्तेणं अपाणएणं साइणा नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं पच्चूसकालसम-है। दयसि संपलिअंकनिसण्णे पणपन्नं अज्झयणाई कल्लाणफलविवागाइं पणपन्नं अज्झयणाई ।
पावफलविवागाइं छत्तीसं च अपुट्रवागरणाइं वागरित्ता पहाणं नाम अज्झयणं विभा-2 वेमाणे २ कालगए विइक्कंते समुज्जाए छिन्नजाइजरामरणबंधणे सिद्धे बुद्धे मुत्ते अंतगड़े परिनिवुडे सबदुक्खप्पहीणे ॥ १४६ ॥ समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव २ सबदुक्खप्पहीणस्स नव वाससयाई विइकंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असी-2
CCCESCRISAR
ॐ
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कल्प० 1 इमे संवच्छरे काले गच्छइ, वायणंतरे पुण अयं तेणउए संवच्छरे काले गच्छइ बारसो ॥ ३७॥ इइ दीसइ ॥ १४७॥ (क० कि०, क० सु० १४८) ,
8 ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए पंचविसाहे हुत्था, तंजहाविसाहाहिं चुए चइत्ता गम्भं वकंते, विसाहाहिं जाए, विसाहाहिं मुंडे भवित्ता अगा राओ अणगारिअं पवइए, विसाहाहिं अणंते अणुत्तरे निवाघाए निरावरणे कसिणे । |पडिपुण्णे केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने, विसाहाहिं परिनि ए॥१४९॥ तेणं कालेणं तेणं ।। 18 समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले,
तस्स णं चित्तबहुलस्स चउत्थीपक्खे णं पाणयाओ कप्पाओ वीसंसागरोयमद्विइयाओ | अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे वाणारसीए नयरीए आससेणस्सा
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ॐ**-*-
दरण्णो वामाए देवीए पुत्वरत्तावरत्तकालसमयंसि विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं ॥
आहारवक्कंतीए (ग्रं.७००) भववकंतीए सरीरवकंतीए कुच्छिसिगब्भत्ताए वर्कते ॥१५॥ पासे णं अरहा पुरिसादाणीए तिन्नाणोवगए आवि हुत्था, तंजहा-चइस्सामित्ति जाणइ, ॐ चयमाणे न जाणइ, चुएमित्ति जाणइ, तेणं चेव अभिलावेणं सुविणदंसणविहाणेणं सवंजाव-निअगं गिहं अणुपविट्ठा, जाव सुहंसुहेणं तं गन्भं परिवहइ ॥१५१ ॥ तेणं कालेणं है तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसादाणीए जे से हेमंताणं दुच्चे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले, तस्स णं पोसबहुलस्स दसमीपक्खे णं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राइंदिआणं विइकंताणं पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं आरोग्गा आरोग्गं दारयं पयाया॥१५२॥ जं रयणि च णं पासे० जाए, सा रयणी बहुहिं देवेहिं ।
१ तं स्यपि च (क० कि०, क. सु.)
LOCTOCCASIOSLAMSAKS"
*-*--5
453
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कल्प.
॥१८॥
देवीहि य जाव उप्पिजलगभूया कहकहगभूया यावि हुत्था ॥ १५३॥ सेसं तहेव, नवरं बारसो जम्मणं पासाभिलावणं भाणिअचं, जाव तं होउ णं कुमारे पासे नामेणं ॥१५४॥ पासे अरहा पुरिसादाणीए दक्खे दक्खपइन्ने पडिरूवे अल्लीणे भद्दए विणीए, तीसं । वासाइं अगारवासमझे वसित्ता पुणरवि लोगंतिएहिं जिअकप्पेहिं देवेहिं ताहिं इट्टाहि || जाव एवं वयासी ॥ १५५॥-" जय जय नंदा, जय जय भद्दा, भदं ते" जाव जयजयसदं पउंजंति ॥ १५६ ॥ पुविंपिणं पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स माणुस्सगाओ गिहत्थधम्माओ अणुत्तरे आभोइए तं चेव सवं-जाव दाणं दाइयाणं परिभाइत्ता, जे से हेमंताणं दुच्चे मासे तच्चे पक्खे पोसबहुले, तस्स णं पोसबहुलस्स इक्कारसीदिवसे । णं पुवण्हकालसमयंसि विसालाए सिबिआए सदेवमणुआसुराए परिसाए, तं चेव । सवं, नवरं वाणारसिं नगरिं मझमझेणं निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता जेणेव आसमपए 3
॥३८॥
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***HIRISHA
उजाणे. जेणेव असोगवरपायवे, तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ, ठावित्ता सीयाओ पच्चोरुहइ, पच्चोरुहित्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुअइ, ओमुइत्ता सयमेव पंचमुट्ठियं लोअं करेइ, करित्ता अट्टमेणं भत्तेणं : अप्पाणएणं विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं एगं देवदूसमादाय तिहिं पुरिससएहिं । सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पवइए ॥ १५७ ॥ पासे णं अरहा पुरिसादा-15 णीए तेसीइं राइंदियाइं निच्चं वोसटकाए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा उप्पजंति, तंजहा-दिवा वा माणुस्सा वा तिरिक्खजोणिआ वा अणुलोमा वा पडिलोमा वा, ते है उप्पन्ने सम्मं सहइ खमइ तितिक्खइ अहियासेइ ॥१५८॥ तएणं से पासे भगवं अणगारे । जाए इरियासमिए भासासमिए-जाव अप्पाणं भावेमाणस्स तेसीइं राइंदियाई विइक-2 ताई, चउरासीइम राइंदिए अंतरा वट्टमाणे जे से गिम्हाणं पढम मासे पढमे पक्खे ,
१ चउरासीइमस्स राइदिअस्स अंतरा वट्टमाणस्स ( क० कि०, क• सु०)
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कल्प० चित्तबहुले, तस्स णं चित्तबहुलस्स चउत्थीपक्खे णं पुषण्हकालसमयंसि धायइपायवस्स
बारसो ॥३९॥ अहे छट्टेणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं झाणंतरिआए वट्ट
माणस्स अणते अणुत्तरे निघाघाए निरावरणे जाव केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने, जाव है। जाणमाणे पासमाणे विहरइ ॥ १५९॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स अट्ठ गणा 5 अट्ठ गणहरा हुत्था, तंजहा-सुभे य १ अजघोसे य २, वसिढे ३ बंभयारि य४। सोमे ५ सिरिहरे ६ चेव, वीरभद्दे ७ जसेऽविय ८॥ ९॥ १६० ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिस्सादाणीयस्स अजदिण्णपामुक्खाओ सोलससमणसाहस्सीओ उक्कोसिआ समणसंपया हुत्था ॥ १६१ ॥ पासस्स णं अ० पुप्फचूलापामुक्खाओ अदृत्तीसं अजियासाहस्सीओ उक्कोसिआ अजियासंपया हुत्था ॥ १६२॥ पासस्स० सुव्वयपामुक्खाणं समणोवासगाणं । एगा सयसाहस्सीओ चउसटुिं च सहस्सा उक्कोसिआ समणोवासगाणं संपया हुत्था
॥३९।।
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१६३॥ पासस्स० सुनंदापामुक्खाणं समणोवासियाणं तिणि सयसाहस्सीओ सत्तावीस च सहस्सा उक्कोसिआ समणोवासियाणं संपया हुत्था ॥ १६४ ॥ पासस्स० अट्ठसया ||
चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सवक्खर-जाव-चउद्दसपुवीणं संपया हुत्था । 15/॥ १६५॥ पासस्स गं० चउद्दससया ओहिनाणीणं, दससया केवलनाणीणं, इक्कारससया |
वेउधियाणं, छस्सया रिउमईणं, दससमणसया सिद्धा, वीसं अजियासया सिद्धा, अट्ठमसया विउलमईणं, छसया वाईणं, बारससया अणुत्तरोववाइयाणं ॥ १६६ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतगडभूमी, परियायंतगडभूमी य, जाव चउत्थाओ पुरिसजुगाओ जुगंतगडभूमी, तिवा-3 सपरिआए अंतमकासी ॥ १६७॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसा-12 दाणीए तीसं वासाइं अगारवासमझे वसित्ता, तेसीइं राइंदिआइं छउमत्थपरिआयं
ERRERRASSASISAK
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HSSSSSHASHANKS
पाउणित्ता, देसूणाई सत्तरि वासाइं केवलिपरिआयं पाउणित्ता, पडिपुण्णाई सत्तरि । बारसो वासाइं सामण्णपरिआयं पाउणित्ता, एक्कं वाससयं सवाउयं पालइत्ता खीणे वेयणिज्जा-3 उयनामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए दूसमसुसमाए समाए बहुविइक्कंताए जे से वासाणं ।। पढमे मासे दुच्चे पक्खे सावणसुद्धे, तस्स णं सावणसुद्धस्स अटुमीपक्खे णं उप्पि संमे-8 असेलसिहरंसि अप्पचउत्तीसइमे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं विसाहाहिं नक्खत्तेणं । जोगमुवागएणं पुवण्हंकालसमयंसि वग्धारियपाणी कालगए विइक्कंते जाव सवदुक्खप्पहीणे ॥ १६८॥ पासस्स णं अरहओ जाव सवदुक्खप्पहीणस्स दुवालस वासस-II याई विइक्वंताई, तेरसमस्स य अयं तीसइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १६९॥
का॥४०॥
...१. पुन्चरत्तावरत्त० (क० कि०, क. सु०)
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45.49%+
तेणें कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठनेमी पंचचित्ते हुत्था, तंजहा - चित्ताहिं चुए चइत्ता गब्भं वक्कंते, तहेव उक्खेवो - जाव चित्ताहिं परिनिबुए ॥ १७० ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठनेमी जे से वासाणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे कत्तिअबहुले, तस्स णं कत्तियबहुलस्स बारसीपक्खे णं अपराजिआओ महाविमाणाओ बत्तीससागरोवमठिइआओ अनंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे सोरियपुरे नयरे समुद्दविजयस्स रण्णो भारिआए सिवाएं देवीए पुवरत्तावरत्तकालसमयंसि जाव चित्ताहिं गब्भत्ताए वक्कंते, सवं तहेवं सुमिणदंसणदविणसंहरणाइअं इत्थ भाणियां ॥ १७१ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं अरहा अरिट्ठनेमी जे से वासाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे सावणसुद्धे, तस्स णं सावणसुद्धस्स पंचमीपक्खे णं नवण्हं मासाणं १ सिवादेवीए (क० कि०, क०सु० ) २ तमेव
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कल्प० जाव चित्ताहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं जाव आरोग्गा आरोग्गं दारयं पयाया ॥ जम्मणं । वारसो ४१॥ समुहविजयाभिलावेणं नेयवं, जाव तं होउ णं कुमारे अरिदुनेमी नामेणं ॥ अरहा।
अरिद्वनेमी दक्खे जाव तिण्णि वाससयाई कुमारे अगारवासमज्झे वसित्ता णं पुणरवि लोगंतिएहिं जिअकप्पिएहिं देवेहिं तं चेव सवं भाणियवं, जाव दाणं दाइयाणं परिभा-|| इत्ता ॥ १७२॥जे से वासाणं पढमे मासे दुच्चे पक्खे सावणसुद्धे, तस्स णं सावणसु-13 दस्स छट्ठीपक्खे णं पुवण्हकालसमयंसि उत्तरकुराए सीयाए सदेवमणुआसुराए परिसाए | अणुगम्ममाणमग्गे जाव बारवईए नयरीए मज्झंमज्झेणं निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता जेणेव . रेवयए उजाणे, तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता असोगवरपायवस्स अहे सीयं ठावेइ, 3 ठावित्ता सीयाओ पच्चोरुहइ, पञ्चोरुहित्ता सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ, सयमेव । पंचमुट्ठियं लोयं करेइ, करित्ता छट्टेणं भत्तेणं अपाणएणं चित्तानक्खत्तेणं जोगमुवागएणं ।
॥४१॥
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#ASAPPEACESSASSAK
एगं देवदूसमादाय एगेणं पुरिससहस्सेणं सद्धिं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं । पवइए ॥ १७३॥ अरहा णं अरिट्ठनेमी चउपन्नं राइंदियाइं निच्चं वोसटकाए चियत्तदेहे, तं चेव सवं जाव पणपन्नगस्स राइंदियस्स अंतरा वट्टमाणस्सजे से वासाणं तच्चे मासे . पंचमे पक्खे आसोयबहुले, तस्सणं आसोयबहुलस्स पन्नरसीपक्खे णं दिवसस्स पच्छिमे भाए उजिंतसेलसिहरे वेडसपायवस्स अहे छटेणं भत्तेणं अपाणएणं चित्तौनक्खत्तेणं । जोगमुवागएणं झाणंतरियाए वट्टमाणस्स जाव अणंते अणुत्तरे-जाव सवलोए सबजीवाणं भावे जाणमाणे पासमाणे विहरइ ॥ १७४ ॥ अरहओ णं अरिटुनेमिस्स अट्ठारस गणा अट्ठारस गणहरा हुत्था ॥ १७५॥ अरहओ णं अरिट्ठनेमिस्स वरदत्तपामुक्खाओ अट्ठारस समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था ॥ १७६ ॥ अरहओ णं अरि-3 . १ अट्टमेणं (क० कि०, क० सु०) २ चित्ताहिं नक्सचेणं (क० कि०, क० सु०)
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हुनेमिस्स अज्जजक्खिणिपामुक्खाओ चत्तालीसं अजियासाहस्सीओ उक्कोसिया अजि- बारसो ॥४२॥ यासंपया हुत्था ॥१७७॥ अरहओ णं अरिटुनेमिस्स नंदपामुक्खाणं समणोवासगाणं एगा |
सयसाहस्सीओ अउणत्तरं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासगाणं संपया हुत्था ॥१७॥ अरहओणं अरिद्व०महासुधयापामुक्खाणं समणोवासिगाणं तिण्णिसयसाहस्सीओ छत्तीसं है। च सहस्सा उक्कोसिआ समणोवासिआणं संपया हुत्था ॥१७९॥ अरहओणं अरिटुनेमिस्स . चत्तारि सया चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सबक्खर० जाव हुत्था ॥ १८०॥ पन्नरससया ओहिनाणीणं, पन्नरससया केवलनाणीणं, पन्नरससया वेउविआणं, दससया । विउलमईणं, अट्ठसया वाईणं, सोलससया अणुत्तरोववाइआणं, पन्नरस समणसया ।
॥४२॥ सिद्धा, तीसं अजियासयाई सिद्धाइं ॥ १८१ ॥ अरहओ णं अरिद्वनेमिस्स दुविहा । अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतगडभूमी परियायंतगडभूमी य-जाव अट्ठमाओ
CASSACANCCCCCACACAL
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SASSASSASSASSA
पुरिसजुगाओ जुगंतगडभूमी, दुवासंपरिआए अंतमकासी ॥ १८२॥ तेणं कालेणं तेणं । समएणं अरहा अरिठ्ठनेमी तिण्णि वाससयाइं कुमारवासमझे वसित्ता चउपन्नं राइंदियाई है। छउमत्थपरिआयं पाउणित्ता देसूणाई सत्त वाससयाइं केवलिपरिआयं पाउणित्ता है। परिपुग्णाई सत्तवाससयाइं सामण्णपरिआयं पाउणित्ता एगं वाससहस्सं सवाउअं पालइत्ता खीणे वेयणिज्जाउयनामगुत्ते इमीसे ओसप्णिीए दूसमसुसमाए समाए बहुविइकताए जे से गिम्हाणं चउत्थे मासे अट्ठमे पक्खे आसाढसुद्धे तस्स णं आसाढसुद्धस्स अट्ठमीपक्खे णं उप्पि उजिंतसेलसिहरंसि पंचहिं छत्तीसेहिं अणगारसएहिं सद्धिं | मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं चिंत्तानक्खत्तेणं जोगमुवागएणं पुत्वरत्तावरत्तकालसमयंसि । नेसज्जिए कालगए (ग्रं. ८००) जाव सम्बदुक्खप्पहीणे ॥ १८३॥ अरहओ णं अरि
१ दुवालस० (क० कि०, क० सु०) १-२ पडिपुण्णाई ३ चित्ताहिं नक्खत्तेणं (क. सु०) ।
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कल्प छैनेमिस्स कालगयस्स जाव सबदुक्खप्पहीणस्स चउरासीइं वाससहस्साई विइक्वंताई,
बारसो ॥४३॥ पंचासीइमस्स वाससहस्सस्स नव वाससयाई विइकंताई, दसमस्स वाससयस्स अयं ।
असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १८४॥२२॥
नमिस्स णं अरहओ कालगयस्स जाव सवदुक्खप्पहीणस्स पंच वाससयसहस्साई, चउरासीइं च वाससहस्साइं नव य वाससयाई विइक्कंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं ।
असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १८५॥२१॥ ६ मुणिसुवयस्स णं अरहओ कालगयस्स इक्कारस वाससयसहस्साई चउरासीइं च । वाससहस्साइं नव वाससयाई विइकंता, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे । काले गच्छइ ॥ १८६॥२०॥
मल्लिस्स णं अरहओ जाव सवदुक्खप्पहीणस्स पन्नहिँ वाससयसहस्साई चउरासीई
SAMANSAREAKCIAXASS
॥४३॥
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च वाससहस्साई नव वाससयाइं विइकंताई, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे | संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १८७॥ १९॥ __ अरस्स णं अरहओ जाव सवदुक्खप्पहीणस्स एगे वासकोडिसहस्से विइक्वंते, सेसं जहा मल्लिस्स-तं च एयं-पंचसटुिं लक्खा चउरासीइं सहस्सा विइक्वंता, तंमि समए । महावीरो निवुओ, तओ परं नव वाससया विइक्कंता दसमस्स य वाससयस्स अयं । असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ।एवं अग्गओ जाव सेयंसो ताव ददुवं ॥१८८॥१८॥ | कुंथुस्स णं अरहओ जाव सबदुक्खप्पहीणस्स एगे चउभागपलिओवमे विइक्कते, पंचसद्धिं वाससयसहस्सा, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १८९॥ १७॥ al संतिस्स णं अरहओ जाव सबदुक्खप्पहीणस्स एगे चउभागूणे पलिओवमे विइ-3
ते पन्नटुिं च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९० ॥ १६॥ ..
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कल्प०
॥ ४४ ॥
धम्मस्स णं अरहओ जाव सबदुक्खप्पहीणस्स तिण्णि सागरोवमाइं विइक्कताई, पन्नट्ठि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९१ ॥ १५ ॥
अणंतस्स णं अरहओ जाव सबदुक्खप्पहीणस्स सत्त सागरोवमाई विइक्कंताई पन्नट्ठि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९२॥ १४ ॥
विमलस्स णं अरहओ जाव सबदुक्खप्पहीणस्स सोलस सागरोवमाई विइक्कताई, पन्नठिं च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९३ ॥ १३ ॥
वासुपुज्जस्स णं अरहओ जाव सबदुक्खप्पहीणस्स छायालीसं सागरोवमाइं विइक्कं - ताइं पन्नट्ठि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९४ ॥ १२ ॥ सिजंसस्स णं अरहओ जाव सबदुक्खप्पहीणस्स एगे सागरोवमसए विइक्कंते पन्नट्ठि च, सेसं जहा मल्लिस्स ॥ १९५॥ ११ ॥
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बारसो
॥ ४४ ॥
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सीअलस्स णं अरहओ जाव सबदुक्खप्पहीणस्स एगा सागरोवमकोडी तिवासअधनवमासाहिअबायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिआ विइक्कंता, एयंमि समए वीरे|| निषुओ, तओऽविय णं परं नव वाससयाई विइकंताई, दसमस्स य वाससयेस्स अयं || असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥ १९६॥ १०॥ । सुविहिस्स णं अरहओ पुप्फदंतस्स जाव सवदुक्खप्पहीणस्स दस सागरोवमको3डीओ विइक्वंताओ, सेसं जहा सीअलस्स, तंच इमं-तिवासअनवमासाहिअबायालीसवाससहस्सेहिं ऊणिओ विइक्वंता इच्चाइ ॥ १९७॥९॥ चंदप्पहस्स णं अरहओ जाव-प्पहीणस्स एगं सागरोवमकोडिसयं विइकंतं, सेसं १ ऊणिआई विइकताई इचाइअं (क० सु०)
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बारसो
कल्प. जहा सीअलस्स, तंच इमं-तिवासअद्धनवमासाहियबायालीससहस्सेहिं ऊणगमि-८ ॥४५॥ चाइ॥ १९८॥८॥ MAIL सुपासस्स णं अरहओ जाव-प्पहीणस्स एगे सागरोवमकोडिसहस्से विइंक्वते,
सेसं जहा सीअलस्स, तंच इम-तिवासअघनवमासाहिअबायालीससहस्सेहिं ऊणिआ इच्चाइ ॥ १९९ ॥७॥
पउमप्पहस्सणं अरहओ जावप्पहीणस्स दस सागरोवमकोडिसहस्सा विइक्कंता, तिवासअद्धनवमासाहियबायालीससहस्सेहिं इच्चाइयं, सेसं जहा सीअलस्स ॥२००॥६॥
सुमइस्स णं अरहओ जाव०प्पहीणस्स एगे सागरोवमकोडिसयसहस्से विइकंते, सेसं जहा सीअलस्स, तिवासअनवमासाहियबायालीससहस्सेहिं इच्चाइयं ॥ २०१॥५॥ . अभिनंदणस्स णं अरहओ जाव०प्पहीणस्स दस सागरोवमकोडिसयसहस्सा विज्ञकंता,
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॥४५॥
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ASSASALARISAKASSARIS
सेसं जहा सीअलस्स तिवासअद्धनवमासाहियवायालीसवाससहस्सेहिं इच्चाइय॥२०२॥ ४ s संभवस्स णं अरहओ जाव०प्पहीणस्स वीसं सागरोवमकोडिसयसहस्सा विइकंता, सेसं जहा सीअलस्स, तिवासअनवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहि इच्चाइयं ॥ २०३॥ ३॥ | अजियस्स णं अरहओ जावप्पहीणस्स पन्नासं सागरोवमकोडिसयसहस्सा विइक्वंता, 1 सेसंजहा सीअलस्स, तिवासअद्धनवमासाहियबायालीसवाससहस्सेहिंइच्चाइयं॥२०४॥२॥
तेणं कालेणं तेणं समएणं उसमे णं अरहा कोसलिए चउउत्तरासाढे अभीइपंचमे । हुत्था, तंजहा-उत्तरासाढाहिं चुए-चइत्ता गब्भं वक्कंते जाव अभीइणा परिनिबुए ॥२०५॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं उसभे अरहा कोसलिए जेसे गिम्हाणं चउत्थे मासे
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कल्प० सत्तमे पक्खे आसाढबहुले तस्स णं आसाढबहुलस्स चउत्थीपक्खे णं सवसिद्धाओ 5 बारसो ॥४६॥ महाविमाणाओ तित्तीसंसागरोवमद्विइआओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे 8
भारहेवासे इक्खागभूमीए नाभिस्स कुलगरस्स मरुदेवीए भारिआए पुत्वरत्तावरत्तकाल-13 समयंसि आहारवक्कंतीए जाव गब्भत्ताए वकंते ॥२०६॥ उसमेणं अरहा कोसलिए तिन्ना-8 णोवगए आविहुत्था, तंचहा-चइस्सामित्ति जाणइ-जाव-सुमिणे पासइ, तंजहा-गयगाहा। सवं तहेव-नवरं पढमं उसभं मुहेणं अइंतं पासइ-सेसाओ गयं । नाभिकुलगरस्स साहई, है
सुविणपाढगा नत्थि, नाभिकुलगरो सयमेव वागरेइ ॥ २०७ ॥ तेणं कालेणं तेणं है 18 समएणं उसभे णं अरहा कोसलिए जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले है। तस्स णं चित्तबहुलस्स अट्ठमीपक्खे णं नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाणं राई
१ मरुदेवाए (क० कि०, क० सु०) २ साहेइ (क० कि०, क० सु०)
ESPAISASPIRADORASRISAISAIAK
॥४६॥
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दियाणं जाव आसाढाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं जाव आरोग्गा आरोग्गं दारयं ।। पयाया॥२०८॥तं चेव सवं-जाव देवा देवीओ य वसुहारवासं वासिंसु, सेसं तहेव ।। चारगसोहणं माणुम्माणवड्डणं-उस्सुक्कमाइयट्ठिइवडिययवजं सवं भाणिअवं ॥२०९॥६ उसमे णं अरहा कोसलिए कासवगुत्ते णं, तस्स णं पंच नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-उसमे इवा, पढमराया इ वा, पढमभिक्खायरे इ वा, पढमजिणे इ वा, पढमतित्थयरे इ वा ॥२१० ॥ उसमे णं अरहा कोसलिए दफ्खे दक्खपइण्णे पडिरूवे अल्लीणे है। भद्दए विणीए वीसं पुत्वसयसहस्साइं कुमारवासमझे वसइ, वसित्ता तेवढेि पुवसय-* सहस्साइं रजवासमझे वसइ, तेवढेि च पुवसयसहस्साइं रजवासमझे वसमाणे है। लेहाइआओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपज्जवसाणाओ बावत्तरि कलाओ, चउसद्धिं महिलागुणे, सिप्पसयं च कम्माणं, तिन्निवि पयाहिआए उवदिसइ, उवदिसित्ता
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कल्प०
पुत्तसयं रजसए अभिसिंचइ, अभिसिंचित्ता पुणरवि लोअंतिएहिं जिअकप्पिएहिं । बारसो देवेहिं ताहिं इट्ठाहिं जाव वम्गूहि, सेसं तं चेव सवं भाणिअवं, जाव दाणं दाइआणं । परिभाइत्ता जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले, तस्स णं चित्तबहुलस्स अट्ठमीपक्खे णं दिवसस्स पच्छिमे भागे सुदंसणाए सीयाए सदेवमणुआसुराए ।
परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे जाव विणीयं रायहाणि मज्झंमज्झेणं णिग्गच्छइ, ६/णिग्गच्छित्ता जेणेव सिद्धत्थवणे उज्जाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ,
उवागच्छित्ता असोगवरपायवस्स जाव सयमेव चउमुद्विअं लोअं करेइ, करित्ता छद्रेणं । भत्तेणं अपाणएणं आसाढाहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं उग्गाणं भोगाणं राइण्णाणं * खत्तियाणं च चउहिं पुरिससहस्सेहिं सद्धिं एगं देवदूसमादाय मुंडे भवित्ता अगाराओ। अणगारियं पवइए॥२११॥ उसमे णं अरहा कोसलिए एगं वाससहस्सं निच्चं वोसट्ट
।
॥४७॥
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450-456
% 80-%-2
काए चियत्तदेहे जे केइ उवसग्गा जाव० अप्पाणं भावमाणस्स इकं वाससहस्सं । विइक्वंतं, तओ णं जे से हेमंताणं चउत्थे मासे सत्तमे पक्खे फग्गुणबहुले,तस्सणं फग्गु-12 णबहुलस्स इक्कारसीपक्खेणं पुचण्हकालसमयंसि पुरिमतालस्स नयरस्स बहिआ | सगडमुहंसि उजाणंसि नग्गोहवरपायवस्स अहे अट्टमेणं भत्तेणं अपाणएणं आसाढाहिं । नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं झाणंतरिआए वट्टमाणस्स अणंते जाव० जाणमाणे पासेमाणे विहरइ ॥२१२॥ उसभस्स णं अरहओ कोसलिअस्स चउरासीई गणा, चउरासीई गणहरा हुत्था॥२१३॥ उसभस्स णं उसभसेणपामुक्खाणं चउरासीइओ समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया हुत्था ॥२१४॥ उसभस्स f० बंभिसुंदस्पिामुक्खाणं । अज्जियाणं तिण्णिः सयसाहस्सीओ उक्कोसिया अज्जियासंपया हुत्था ॥२१५॥ उसभस्स। ण सिजंसपामुक्खाणं. समणोवासगाणं तिण्णि सयसाहस्सीओ पंचसहस्सा उछोसिया
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कल्प०
॥ ४८ ॥
समणोवासगसंपया हुत्था ॥ २१६ ॥ उसभस्स णं० सुभद्दापामुक्खाणं समणोवासियाणं पंचसयसाहस्सीओ चउपण्णं च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया हुत्था ॥ २१७ ॥ उसभस्स णं० चत्तारि सहस्सा सत्तसया पण्णासा चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं जाव उक्कोसिया चउदसपुविसंपया हुत्थां ॥ २१८ ॥ उसभस्स णं नव सहस्सा ओहिनाणीणं उक्कोसिया० ॥ २१९ ॥ उसभस्स णं वीससहस्सा केवलनाणीणं | उक्कोसिया ० ॥ २२० ॥ उसभस्स णं० वीससहस्सा छच्च सया वेडव्वियाणं० उक्कोसिया ० ॥ २२१ ॥ उभस्स ० बारस सहस्सा छच्च सया पण्णासा विउलमईणं अड्डाइजेस दीवसमुद्देसु सन्नीणं पंचिंदियाणं पज्जतगाणं मणोगए भावे जाणमाणाणं पासमाणाणं उक्कोसिआ विउलमइसंपया हुत्था ॥ २२२ ॥ उसभस्स णं० बारस सहस्सा छच्च सया १ दीवेसु दो अ समुद्देसु (क० कि०, क०सु० )
बारसो
11 82 11
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***SESSO
पण्णासा वाईणं०॥ २२३ ॥ उसभस्स f० वीसं अंतेवासिसहस्सा सिद्धा, चत्तालीसं । अज्जियासाहस्सीओ सिद्धाओ ॥ २२४ ॥ उसभस्स पं० अरहओ बावीससहस्सा | नवसया अणुत्तरोववाइयाणं गइकल्लाणाणं जाव भदाणं उक्कोसिआ० ॥ २२५ ॥3 उसभस्स गं० अरहओ दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतगडभूमी य परियायं-18 तगडभूमी य, जाव असंखिजाओ पुरिसजुगाओ जुगंतगडभूमी, अंतोमुहुत्तपरिआए अंतमकासी ॥ २२६ ॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं उसमे अरहा कोसलिए है वीसं पुत्वसयसहस्साइं कुमारवासमझे वसित्ता णं तेवढेि पुवसयसहस्साइं रजवासमझे वसित्ता णं तेसीइं पुवसयसहस्साई अगारवासमझे वसित्ता णं एगं वाससहस्सं छउमत्थपरिआयं पाउणित्ता एगं पुवसयसहस्सं वाससहस्सूणं केवलिपरिआयं पाउणित्ता पडि
१ सहस्साओ (क० सु०, क० कि०)
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कल्प०
॥४९॥
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पुण्णं पुश्वसयसहस्सं सामण्णपरियागं पाउणित्ता चउरासीई पुवसयसहस्साइं सवाउयं बारसो धापालइत्ता खीणे वेयणिज्जाउयनामगुत्ते इमीसे ओसप्पिणीए सुसमदुसमाए समाए बहुविइक्वंताए तिहिं वासेहिं अद्धनवमेहि य मासेहिं सेसेहिं जे से हेमंताणं तच्चे मासे पंचमे । पक्खे माहबहुले, तस्स णं माहबहुलस्स (ग्रं० ९००) तेरसीपक्खे णं उप्पि अट्रावयसेलसिहरंसि दसहिं अणगारसहस्सेहिं सद्धिं चोद्दसमेणं भत्तेणं अपाणएणं अभीइणा नक्खत्तेणं जोगमुवागएणं पुवण्हकालसमयंसि संपलियंकनिसण्णे कालगए विइक्कते।
जाव सव्वदुक्खप्पहीणे ॥२२७॥ उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स कालगयस्स जाव: है सवदुक्खप्पहीणस्स तिण्णि वासा अद्धनवमा य मासा विइक्कंता, तओवि परं एगा। सागरोवमकोडाकोडी तिवासअदनवमासाहियवायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणिया विइ-13/
१ संपुण्णं ( क० कि०)
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कंता, एयंमि समए समणे भगवं महावीरे परिनिवुडे, तओवि परं नववाससया विइक्वंता, दसमस्स य वाससयस्स अयं असीइमे संवच्छरे काले गच्छइ ॥२२८॥
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तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस गण-18 हरा हुत्था ॥ १॥ से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-समणस्स भगवओ महावीरस्स नव ) गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था ? ॥२॥ समणस्स भगवओ महावीरस्स जिट्टे इंदभूई। अणगारे गोयमगुत्ते णं पंच समणसयाइं वाएइ, मज्झिमए अग्गिभूई अणगारे गोयमगुत्ते णं पंचसमणसयाइं वाएइ, कणीअसे अणगारे वाउभूई गोयमगुत्तेणं पंच समणस-2 याइं वाएइ, थेरे अजवियत्ते भारदाए गुत्तेणं पंच समणसयाइं वाएइ, थेरे अजसुहम्मे
१ गोयमसगोत्तेणं (क० कि०, क० मु० ) २ नामेणं ( क० कि० )
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कल्प
वारको
॥५०॥
AAAAAGARIGANGANAGAR
अग्गिवेसायणे गुत्तेणं पंच समणसयाई वाएइ, थेरे मंडितपुत्ते वासिटे गुत्तेणं अडट्ठाई है।
समणसयाई वाएइ, थेरे मोरिअपुत्ते कासवे गुत्तेणं अडुट्ठाइं समणसयाई वाएइ, थेरे है। * अकंपिए गोयमे' गुत्तेणं-थेरे अयलभाया हारिआयणे गुत्तेणं-पत्तेयं एते दुण्णिवि थेरा तिण्णि तिणि समणसयाइं वाएंति, थेरे अजमेइज्जे-थेरे पभासे-एए दुण्णिवि थेरा कोडिन्ना है गुत्तेणं तिण्णि तिण्णि समणसयाइं वाएंति । से तेणटेणं अज्जो! एवं वुच्चइ-समणस्स . भगवओ महावीरस्स नव गणा, इक्कारस गणहरा हुत्था ॥ ३॥ सवेवि णं एते समणस्स। भगवओ महावीरस्स एक्कारसवि गणहरा दुवालसंगिणो चउदसपुविणो समत्तगणिपिडगधारगारायगिहे नगरे मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं कालगया जाव सव्वदुक्खप्पहीणा ॥ थेरे इंदभूई', थेरे अजसुहम्मे य सिद्धिगए महावीरे पच्छा दुण्णिवि थेरा परिनिवुया ॥जे
१ गोयमसगुत्तेणं (क० कि०, क० सु०) २ इकारस (क० कि०, क० सु०)
॥५०॥
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इमे अज्जत्ताए समणा निग्गंथा विहरंति, एए णं सवे अन्जसुहम्मस्स अणगारस्स आवचिजा, अवसेसा गणहरा निरवच्चा वुच्छिन्ना ॥४॥ समणे भगवं महावीरे कासवगुत्ते णं.।। समणस्सणं भगवओ महावीरस्स कासवगुत्तस्स अज्जसुहम्मे थेरे अंतेवासी अग्गिवेसायणगुत्ते १, थेरस्स णं अजसुहम्मस्स अग्गिवेसायणगुत्तस्स अजजंबुनामे थेरे अंतेवासी है कासवगुत्तेणं २, थेरस्सणं अजजंबुणामस्स कासवगुत्तस्स अजप्पभवेथेरे अंतेवासी कच्चायणसगुत्ते ३, थेरस्स णं अजप्पभवस्स कच्चायणसगुत्तस्स अजसिजंभवे थेरे अंतेवासी मणगपिया वच्छसगुत्ते ४, थेरस्स णं अजसिजंभवस्स मणगपिउणो वच्छसगुत्तस्स अज्ज-2 जसभद्दे थेरे अंतेवासी तुंगियायणसगुत्ते ॥५॥ संखित्तवायणाए अजजसभद्दाओ अग्गओ एवं थेरावली भणिया, तंजहा-थेरस्स णं अज्जजसभहस्स तुंगियायणसगुत्तस्स अंतेवासी दुवे थेरा-थेरे अजसंभूअविजए माढरसगुत्ते, थेरे अजभद्दबाहू पाईणसगुत्ते, थेरस्स णं
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कल्प०
| वारसो
॥५१॥
अजसंभूअविजयस्स माढरसगुत्तस्स अंतेवासी थे अजथूलभद्दे गोयमसगुत्ते, थेरस्स णं । अजथूलभद्दस्स गोयमसगुत्तस्स अंतेवासी दुवे थेरा-थेरे अजमहागिरी एलावच्चसगुत्ते, थेरे अन्जसुहत्थी वासिट्ठसगुत्ते, थेरस्स णं अजसुहत्थिस्स वासिद्धसगुत्तस्स अंतेवासी * दुवे थेरा सुट्ठियसुप्पडिबुद्धा कोडियकाकंदगा वग्यावच्चसगुत्ता, थेराणं सुट्ठियसुप्पडिबुद्धाणं कोडियकाकंदगाणं वग्घावच्चसगुत्ताणं अंतेवासी थेरे अजइंददिन्ने कोसियगुत्ते,
थेरस्स णं अजइंददिन्नस्स कोसियगुत्तस्स अंतेवासी थेरे अजदिन्ने गोयमसगुत्ते, थेरस्स| जणं अजदिन्नस्स गोयमसगुत्तस्स अंतेवासी थेरे अन्जसीहगिरी जाइस्सरे कोसियगुत्ते,
थेरस्स णं अजसीहगिरिस्स जाइस्सरस्स कोसियगुत्तस्स अंतेवासी थेरे अज्जवइरे ॥५१॥ गोयमसगुत्ते, थेरस्स णं अजवइरस्स गोयमसगुत्तस्स अंतेवासी थेरे अजवइरसेणे । उक्कोसियगुत्ते, थेरस्स णं अज्जवइरसेणस्स उक्कोसिअगुत्तस्स अंतेवासी चत्तारि थेरा
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-थेरे अजनाइले १ थेरे अजपोमिले २ थेरे अजजयंते ३ थेरे अज्जतावसे ४, थेराओ अजनाइलाओ अज्जनाइला साहा निग्गया, थेराओ अजपोमिलाओ अज्जपोमिला साहा। निग्गया, थेराओ अजजयंताओ अजजयंती साहा निग्गया, थेराओ अज्जतावसाओ, अन्जतावसी साहा निग्गया ४ इति ॥६॥ वित्थरवायणाए पुण अजजसमदाओ पुरओ थेरावली एवं पेलोइजइ, तंजहा-थेरस्स णं अजजसभहस्स तुंगियायणसगुत्तस्स इमे दो थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-थेरे अन्जभद्दबाहू पाईणसगुत्ते, थेरे अजसंभूअविजए माढरसगुत्ते, थेरस्स णं अजभद्दबाहुस्स पाईणसगुत्तस्स इमे चत्तारि । थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-थेरे गोदासे १, थेरे अग्गिदत्ते २, थेरे जण्णदत्ते ३, थेरे सोमदत्ते ४ कासवगुत्तेणं, थेरेहिंतो गोदासेहिंतो कासवगुत्तेहितो ।
१ विलोइजइ (क० कि०)
45%2525512514ॐॐ
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कल्प
इत्थणं गोदासगणे नामं गणे निग्गए, तस्स णं इमाओ चत्तारि साहाओ एवमाहिजंति, बारसो ॥५२॥ तंजहा-तामलित्तिया १, कोडीवरिसिया २, पंडुवद्धणिया ३, दासीखब्बडिया ४,थेरस्सणं
अजसंभूयविजयस्स माढरसगुत्तस्स इमे दुवालस थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया है। हुत्था, तंजहा-नंदणभदुश्वनंदण-भद्दे२ तह तीसभद्द ३ जसभद्दे ४ । थेरे य सुमणभद्दे ५, । मणिभद्दे ६ पुण्णभद्दे ७ य॥१॥थेरे अथूलभद्दे ८, उज्जुमई ९ जंबुनामधिज्जे १० य। थेरे अ दीहभद्दे ११,थेरेतह पंडुभद्दे १२ य॥२॥थेरस्स णं अजसंभूअविजयस्स माढर-18 सगुत्तस्स इमाओ सत्त अंतेवासिणीओ अहावच्चाओअभिण्णायाओ हुत्था,तंजहा-जक्खा य जक्खदिण्णा २, भूया ३ तह चेव भूयदिण्णा यथासेणा ५वेणा ६ रेणा७, भगिणीओ हाथूलभद्दस्स ॥१॥ थेरस्स णं अज्जथूलभद्दस्स गोयमसगुत्तस्स इमे दो थेरा अंतेवासी अहा-||
. १ पोंडवद्धणिआ (क० कि० ) २ सुमिणभदे (क० कि०, क० सु० ) ३ गणिभद्दे (क० कि० क० सु०)
SIPASSAMAISIAISTISAISISTA
॥५२॥
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वच्चा अभिण्णाया हुत्था,तंजहा-थेरे अजमहागिरी एलावच्चसगुत्ते १, थेरे अन्जसुहत्थी वा-3 सिट्ठसगुत्ते२,थेरस्सणं अजमहागिरिस्स एलावच्चसगुत्तस्स इमे अट्ठ थेरा अंतेवासी अहाबच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-थेरे उत्तरे १,थेरे बलिस्सहे २,थेरे धणड्डे ३,थेरे सिरिड्डे४, थेरे कोडिन्ने ५, थेरे नागे ६,थेरे नागमित्ते७,थेरे छलए रोहगुत्ते कोसियगुत्तेणं ८,थेरेहितो णं छलूएहिंतो रोहगुत्तेहिंतो कोसियगुत्तेहिंतो तत्थ णं तेरासिया निग्गया।थेरेहितो णं । उत्तरबलिस्सहेहिंतो तत्थ णं उत्तरबलिस्सहे नामं गणे निग्गए-तस्स णं इमाओ चत्तारि । साहाओ एवमाहिजंति, तंजहा-कोसंबिया१, सोईत्तिया २, कोडंबाणी ३, चंदनागरी ४, थेरस्स णं अजसुहत्थिस्स वासिट्ठसगुत्तस्स इमे दुवालस थेरा अंतेवासी अहावच्चा । अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-थेरे अ अन्जरोहण १, जसभद्दे २ मेहगणी ३ य कामिड्डी ४।
१ सुत्तिवत्तिआ (क० कि०, क० सु० ).
984404439-MASSACR5RSEX
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कल्प० । सुट्ठिय ५ सुप्पडिबुद्धे ६, रक्खिय ७ तह रोहगुत्ते ८ अ॥ १॥ इसिगुत्ते ९ सिरिगुत्ते । बारसो ॥५३॥ १०, गणी अ बंभे ११ गणी य तह सोमे १२। दस दो अ गणहरा खलु, एए सीसा ।
सुहत्थिस्स ॥२॥थेरेहिंतो णं अजरोहणेहिंतो णं कासवगुत्तेहिंतो णं तत्थ णं उद्देहगणे । नामं गणे निग्गए, तस्सिमाओ चत्तारि साहाओ निग्गयाओ, छच्च कुलाइं एवमाहिजंति । से किं तं साहाओ ? साहाओ एवमाहिज्जंति, तंजहा-उदुंबरिजिया १, मास-3 पूरिआ २, मइपत्तिया ३, पुणपत्तिया ४, से तं साहाओ, से किं तं कुलाई ? कुलाई
एवमाहिजंति, तंजहा-पढमं च नागभूयं, बिइयं पुण सोमभूइयं होइ । अह उल्लगच्छ है तइअं ३, चउत्थयं हत्थलिजं तु॥१॥पंचमगं नंदिजं ५, छटुं पुण पारिहासयं ६ होइ।। उद्देहगणस्सेए, छच्च कुला हुंति नायवा ॥२॥थेरेहिंतो णं सिरिगुत्तेहिंतो हारियसगुत्ते
१ पण्णपत्तिा (क० कि०, क• सु.)
CREASONSCARSXS
॥५३॥
646461
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UCROSSESSMSROSESSACROSAROS
हिंतो इत्थ णं चारणगणे नामं गणे निग्गए, तस्स णं इमाओ चत्तारि साहाओ, सत्त । य कुलाइं एवमाहिजंति, से किं तं साहाओ ? साहाओ एवमाहिजंति, तंजहा-हारियमालागारी १, संकासीआ २, गवेधुया ३, वजनागरी ४ । से तं साहाओ, से किं तं ,
कुलाइं ? कुलाइं एवमाहिजंति, तंजहा,-पढमित्थ वत्थलिज्जं १, बीयं पुण पीइधम्मि १२ होइ । तइअं पुण हालिज्जं ३, चउत्थयं पूसमित्तिजं ॥१॥ पंचमगं मालिजं ५, छटुं, पुण अजवेडयं ६ होइ । सत्तमयं कण्हसहं ७, सत्त कुला चारणगणस्स ॥२॥थेरेहितो, भद्दजसेहिंतो भारदायसगुत्तेहिंतो इत्थ णं उड्डवाडियगणे नामं गणे निग्गए, तस्स णं । इमाओ चत्तारि साहाओ तिण्णि कुलाइं एवमाहिजंति, से किं तं साहाओ ? साहाओ, एवमाहिजंति, तंजहा-चंपिजिया १ भद्दिजिया २ काकंदिया ३ मेहलिजिया ४ । से तं । साहाओ, से किं तं कुलाई ? कुलाई एवमाहिज्जंति, तंजहा,-भद्दजसियं १ तह भद
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कल्प गुत्तियं २ तइयं च होइ जसभई ३। एयाइं उडुवाडिय-गणस्स तिण्णेव य कुलाई बारसो ॥५४॥8॥१॥थेरेहिंतो णं कामिड्डीहिंतो कोडालसगुत्तेहिंतो इत्थ णं वेसवाडियगणे नामं गणे है
निग्गए, तस्स णं इमाओ चत्तारि साहाओ चत्तारि कुलाइं एवमाहिजंति । से किं तं है। साहाओ ? सा० तंजहा,-सावत्थिया १ रजपालिआ २, अंतरिजिया३, खेमलिजिया ४ से तं साहाओ, से किं तं कुलाइं ? कुलाइं एवमाहिजंति, तंजहा,-गणियं १ मेहिय २ कामड्डिअं३ च तह होइ इंदपुरगं ४ च । एयाइं वेसवाडिय-गणस्स चत्तारि उ कुलाई। ॥१॥थेरेहिंतो णं इसिगुत्तेहिंतो काकंदरहिंतो वासिटुसगुत्तेहिंतो इत्थ णं माणवगणे । नामंगणे निग्गए, तस्स णं इमाओचत्तारि साहाओ, तिण्णि य कुलाइंएवमाहिजंति,से किं तंसाहाओ? साहाओ एवमाहिजंति, तंजहा,-कासवजिया १, गोयमजिया २, वासिट्ठिया । ३, सोरट्ठिया ४॥ से तं साहाओ, से किं तं कुलाई ? कुलाई एवमाहिजंति, तंजहा,-इसिगु
॥ ५४॥
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MARACCORDC
त्ति इत्थ पढमं १, बीयं इसिदत्तिअं मुणेयत्वं २ । तइयं च अभिजयंतं ३, तिण्णि कुला माणवगणस्स ॥१॥ थेरेहिंतो सुट्टिय-सुप्पडिबुद्धेहितो कोडिय-काकंदरहिंतो वग्घावच्चसगुत्तेहिंतो इत्थ णं कोडियगणे नामंगणे निग्गए, तस्स णं इमाओ चत्तारि साहाओ, चत्तारि कुलाइं एवमाहिजंति । से किं तं साहाओ ? साहाओ एवमाहिजंति, तंजहा-उच्चानागरि १ विजाहरी य २ वइरी य ३ मज्झिमिल्ला ४ य। कोडियगणस्स एया, हवंति | चत्तारि साहाओ॥१॥ से तं साहाओ॥से किं तं कुलाई ? कुलाई एवमाहिजंति, तंजहापढमित्थ बंभलिजं १, बिइयं नामेण वत्थलिजं तु २। तइयं पुण वाणिजं ३, चउत्थयं । पण्हवाहणयं ४॥१॥थेराणं सुट्ठियसुप्पडिबुद्धाणं कोडियकाकंदयाणं वग्घावच्चसगुत्ताणं : इमे पंच थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-थेरे अजइंददिन्ने १ थेरे
PASIGA
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बारसो
कल्प० पियगंथे २ थेरे विजाहरगोवाले कासवगुत्ते णं ३ थेरे इसिदिन्ने ४, थेरे अरिहदत्ते ५।। ॥॥/थेरेहिंतोणं पियगंथेहिंतो एत्थ णं मज्झिमा साहा निग्गया, थेरेहिंतोणं विजाहरगोवाले
हिंतो कासवगुत्तेहिंतो एत्थ णं विजाहरी साहा निग्गया॥थेरस्सणं अजइंददिन्नस्स कासवगुत्तस्स अज्जदिन्ने थेरे अंतेवासी गोयमसगुत्ते। थेरस्सणं अजदिन्नस्स गोयमसगुत्तस्स।
इमे दो थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तं०-थेरे अजसंतिसेणिए माढरसगुत्ते ।। 14, थेरे अजसीहगिरी जाइस्सरे कोसियगुत्ते २। थेरेहितो णं अजसंतिसेणिएहिंतो।
माढरसगुत्तेहिंतो एत्थ णं उच्चानागरी साहा निग्गया । थेरस्स णं अजसंतिसेणियस्स माढरसगुत्तस्स इमे चत्तारि थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-8॥५५॥ (ग्रं० १००० ) थेरे अजसेणिए, थेरे अन्जतावसे, थेरे अन्जकुबेरे, थेरे अज्जइसिपा
१ इसिदत्ते (क० सु०, क० कि० )
PREPARUSAAMASSACHARIDA
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HASARA**
लिए । थेरेहिंतो णं अजसेणिएहिंतो एत्थ णं अजसेणिया साहा निग्गया, थेरेहिंतो अज्जतावसेहिंतो एत्थ णं अज्जतावसी साहा निग्गया, थेरेहिंतो णं अजकुबेरेहिंतो एत्थ णं है। अजकुबेरा साहा निग्गया, थेरेहिंतो णं अज्जइसिपालिएहिंतो एत्थ णं अजइसिपालिया है साहा निग्गया। थेरस्स णं अजसीहगिरिस्स जाइस्सरस्स कोसियगुत्तस्स इमे चत्तारि थेरा अंतेवासी अहावच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-थेरे धणगिरी, थेरे अज्जवइरे, थेरे में अजसमिए, थेरे अरिहदिन्ने।थेरेहिंतो णं अजसमिएहिंतो गोयमसगुत्तेहिंतो इत्थ णं बंभदीविया साहा निग्गया, थेरेहितो णं अजवइरेहिंतो गोयमसगुत्तेहिंतो इत्थ णं अजवइरी
साहा निग्गया। थेरस्स णं अजवइरस्स गोयमसगुत्तस्स इमे तिण्णि थेरा अंतेवासी अहा-2 1वच्चा अभिण्णाया हुत्था, तंजहा-थेरे अज्जवइरसेणे, थेरे अज्जपउमे, थेरे अन्जरहे। थेरेहितो
१ अञ्जकुबेरि (क० कि०)
ROCAIRE
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कल्प० णं अजवइरसेणेहिंतो इत्थणं अजनाइली साहा निग्गया, थेरेहितोणं अजपउमेहिंतो इत्थ है बारसो ॥५६॥णं अज्जपउमा साहा निग्गया, थेरेहितोणं अजरहेहिंतो इत्थ णं अजजयंतीसाहा निग्गया। है।
थेरस्सणंअन्जरहस्सवच्छसगुत्तस्स अज्जपूसगिरी थेरे अंतेवासी कोसियगुत्ते।थेरस्सणं अजपूसगिरिस्स कोसियगुत्तस्स अज्जफग्गुमित्ते थेरे अंतेवासी गोयमसगुत्ते । थेरस्सणं अज्जफग्गुमित्तस्स गोयमसगुत्तस्स अजधणगिरी थेरे अंतेवासी वासिद्धसगुत्ते ।थेरस्स णं अजधणगिरिस्स वासिद्धसगुत्तस्स अजसिवभूई थेरे अंतेवासी कुच्छसगुत्ते।थेरस्सणं अजसि
वभूइस्स कुच्छसगुत्तस्स अज्जभद्दे थेरे अंतेवासी कासवगुत्ते।थेरस्सणं अज्जभद्दस्स कासवगुत्तिस्स अजनक्खत्ते थेरे अंतेवासी कासवगुत्ते।थेरस्सणं अजनक्खत्तस्स कासवगुत्तस्स अ-21
जरक्खे थेरे अंतेवासीकासवगुत्ते।थेरस्सणं अन्जरक्खस्स कासवगुत्तस्स अन्जनागे थेरे अंते-5 वासी गोअमसगुत्ते। थेरस्स णं अज्जनागस्स गोअमसगुत्तस्स अजजेहिले थेरे अंतेवासी
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वासिटुसगुत्ते। थेरस्स णं अजजेहिलस्स वासिट्ठसगुत्तस्स अजविण्हू थेरे अंतेवासी माढरसगुत्ते। थेरस्स णं अजविण्हुस्स माढरसगुत्तस्स अज्जकालए थेरे अंतेवासी गोयमसगुत्ते। थेरस्स णं अज्जकालयस्स गोयमसगुत्तस्स इमे दो थेरा अंतेवासी गोयमस-है। गुत्ता-थेरे अजसंपलिए १, थेरे अन्जभद्दे २। एएसि णं दुण्हवि थेराणं गोयमसगुत्ताणं है अजवुड्ढे थेरे अंतेवासी गोयमसगुत्ते । थेरस्स णं अजवुड्डस्स गोयमसगुत्तस्स अजसंघपालिए थेरे अंतेवासी गोयमसगुत्ते । थेरस्स णं अजसंघपालिअस्स गोयमसगुत्तस्स। अन्जहत्थी थेरे अंतेवासी कासवगुत्ते । थेरस्स णं अजहत्थिस्स कासवगुत्तस्स अज-12 धम्मे थेरे अंतेवासी सावयगुत्ते । थेरस्स णं अजधम्मस्स सावयगुत्तस्स अजसिंहे थेरे। अंतेवासी कासवगुत्ते। थेरस्स णं अजसिंहस्स कासवगुत्तस्स अजधम्मे घेरे अंतेवासी
१ दुवे ( क० कि०, क० सु०)
AACRACK
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M
कल्प०
॥५७॥
ASASALARI
कासवगुत्ते । थेरस्स णं अजधम्मस कासवगुत्तस्स अन्जसंडिल्ले थेरे अंतेवासी ॥ बारसो वंदामि फग्गुमित्तं, च गोयमं धणगिरिं च वासिटुं । कुच्छं सिवभूइंपिय, कोसिय दुजंतकण्हे अ॥१॥ ते वंदिऊण सिरसा, भदं वंदामि कासवसगुत्तं । नक्खं कासवगुत्तं, रक्खंपिय कासवं वंदे ॥२॥ वंदामि अज्जनागं, च गोयमं जेहिलं च वासिढें । विण्डं। माढरगुत्तं, कालगमवि गोयमं वंदे ॥३॥गोयमगुत्तकुमारं, संपलियं तहय भद्दयं वंदे। थेरं च अज्जवुड्डू, गोयमगुत्तं नमसामि ॥४॥तं वंदिऊण सिरसा, थिरसत्तचरित्तनाणसंपन्नं । थेरं च संघवालिय, गोयमगुत्तं पणिवयामि ॥५॥वंदामि अजहत्थि, च कासवं 2 खंतिसागरं धीरं । गिम्हाण पढममासे, कालगयं चेव सुद्धस्स ॥६॥ वंदामि अजधम्मं, AIRom च सुवयं सीललद्धिसंपन्नं । जस्स निक्खमणे देवो, छत्तं वरमुत्तमं वहइ ॥७॥ हत्थिं ।
१ कासवं गोत्तं २ कासव० (क० कि०)
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कासवगुत्तं, धम्मं सिवसाहगं पणिवयामि | सीहं कासवगुत्तं, धम्मंपिय कासवं वंदे ॥ ८ ॥ तं वंदिऊण सिरसा, थिरसत्तचरित्तनाणसंपन्नं । थेरं च अज्जजंबु, गोयमगुत्तं नम॑सामि ॥ ९ ॥ मिउमद्दवसंपन्नं, उवउत्तं नाणदंसणचरिते । थेरं च नंदियंपिय, कासवगुत्तं पणिवयामि ॥१०॥ तत्तो य थिरचरित्तं, उत्तमसम्मत्तसत्तसंजुतं । देसिगणिखमासमणं, माढरगुत्तं नम॑सामि ॥११॥ तत्तो अणुओगधरं, धीरं मइसागरं महासत्तं । थिरगुत्तखमासमणं, वच्छसगुत्तं पणिवयामि ॥ १२ ॥ तत्तो य नाणदंसण - चरित्ततवसुट्ठियं गुणमहंतं । थेरं कुमारधम्मं, वंदामि गणिं गुणोवेयं ॥ १३ ॥ सुत्तत्थरयणभरिए, खमदममद्दवगुणेहिं संपन्ने । देविड्ढिखमासमणे, कासवगत्ते पणिवयामि ॥ १४ ॥ ( स्थविरावली संपूर्णा ).
॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे
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कल्प०
॥ ५८ ॥
विइक्कंते वासावासं पज्जोसवेइ ॥ १ ॥ से केणट्टेणं भंते! एवं बुच्चइ 'समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विइक्कंते वासावासं पज्जोसवेइ ? जओ णं पाएणं अगारीणं अगाराई कडियाई उक्कंपियाई छन्नाई लित्ताइं गुत्ताई घट्टाई मट्ठाई संपधूमियाई खाओदगाई खायनिद्धमणाई अप्पणो अट्ठाए कडाईं परिभुत्ताइं परिणामियाई भवंति से तेणट्टेणं एवं बुच्चइ 'समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विइकंते वासावासं पज्जो - सवेइ ॥ २ ॥ जहा णं समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे विक्कते वासावासं पजोसवेइ, तहा णं गणहरावि वासाणं सवीसइराए मासे विकते वासावासं पजो| सविंति ॥ ३ ॥ जहा णं गणहरा वासाणं सवीसइराए जाव पज्जोसविंति तहा णं गणहरसीसाचि वासाणं जाव पजोसविति ॥ ४ ॥ जहा णं गणहर सीसा वासाणं जाव पञ्जो - सर्विति, तहा णं थेरावि वासावासं पजोसविंति ॥ ५ ॥ जहा णं थेरा वासाणं जाव पञ्जो
बारसो
1146 11
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जोसविंति, तहा णं जे इमे अज्जत्ताए समणा निग्गंथा विहरंति, तेविअ णं वासाणं जाव पज्जोसविंति ॥६॥ जहा णं जे इमे अज्जत्ताए समणा निगंथा वासाणं सवीसइराए मासे विइकंते वासावासं पन्जोसविंति, तहा णं अम्हंपि आयरिया उवज्झाया । वासाणं जाव पन्जोसविंति ॥७॥ जहा णं अम्हंपि आयरिया उवज्झाया वासाणं जाव : पजोसविंति, तहा णं अम्हेवि वासाणं सवीसइराए मासे विइक्कंते वासावासं पजोसवेमो, अंतरावि य से कप्पइ, नो से कप्पइ तं रयणिं उवाइणावित्तए॥८॥वासावासं पञ्जोस-18 वियाणं कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा सवओ समंता सक्कोसं जोयणं उग्गहं|
ओगिण्हित्ता णं चिट्ठिउं अहालंदमवि उग्गहे ॥९॥ वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइड निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा सवओ समंता सक्कोसं जोयणं भिक्खायरियाए गंतुं पडिनियत्तए ॥ १० ॥ जत्थ नई निच्चोयगा निच्चसंदणा, नो से कप्पइ सबओ समंता सक्कोसं
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कल्प०
॥ ५९ ॥
जोयणं भिक्खायरियाए गंतुं पडिनियत्तए ॥ ११ ॥ एरावई कुणालाए, जत्थ चक्किया सिया, एगं पायं जले किच्चा एगं पायं थले किच्चा, एवं चक्किया एवं णं कप्पइ सबओ समंता सक्कोसं जोयणं गंतुं पड़िनियत्त ॥ १२ ॥ एवं च नो चक्किया, एवं से नो कप्पइ सबओ समंता सक्कोसं जोयणं गंतुं पड़िनियत्तए ॥ १३ ॥ वासावासं पजोसवियाणं अत्थेगइयाणं एवं वृत्तपुत्रं भवइ - दावे भंते! एवं से कप्पइ दावित्तए, नो से कप्पइ पड़िगाहित्त ॥ १४ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं अत्थेगइयाणं एवं वुत्तपुखं भवइ - पड़िगाहेहि भंते ! एवं से कप्पइ पडिग़ाहित्तए, नो से कप्पइ दावित्त ॥ १५ ॥ वासावासं० दावे भंते! पडिगाहे भंते ! एवं से कप्पइ दावित्तएवि पड़िगाहित्तएवि ॥ १६ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा हट्टाणं तुट्ठाणं आरोगाणं बलियासरीराणं इमाओ नव रसविगइओ अभिक्खणं २ आहारितए, तंजहा - खीरं
बारसो
॥ ५९ ॥
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१, दहिं २, नवणीयं ३, सप्पि ४, तिल्लं ५, गुडं ६, महुं ७, मज्जं ८, मंसं ९ ॥ १७ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं अत्थेगइआणं एवं वृत्तपुत्रं भवइ, अट्ठो भंते! गिलाणस्स, से य पुच्छ्रियवे - केवइएणं अट्ठो ? से वएज्जा - एवइएणं अट्ठो गिलाणस्स, जं से पमाणं वयइ से य पमाणओ घित्तवे, से य विन्नविज्जा, से य विन्नवेमाणे लभिङजा, से य पमाणपत्ते होउ अलाहि - इय वत्तवं सिआ ? से किमाहु भंते!?, एवइएणं अट्ठो गिलाणस्स, सिया णं एवं वयंतं परो वइज्जा - पडिगाह अजो ! पच्छा तुमं भोक्खसि वा पाहिसि वा, एवं से कप्पइ पडिग़ाहित्तए, नो से कप्पइ गिलाणनीसाए पडिगाहित्तए ॥ १८ ॥ वासावासं पजो० अत्थि णं थेराणं तहप्पगाराई कुलाई कडाई पत्तिआई थिजाई वेसासियाई संमयाई बहुमयाई अणुमयाई भवंति, जत्थ से नो कप्पइ अदक्खु वइत्तए " अस्थि ते आउसो ! इमं वा २ " से किमाहु भंते ! ?, सड्डी गिही गिण्हई वा, तेणियंपि कुञ्जा ॥ १९ ॥
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कल्पवासावासं पजोसवियस्स निच्चभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगं गोअरकालं गाहावइ-18 बारसो ॥ ६०॥ कुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, नन्नत्थायरियवेयावच्चेण वा है।
एवं उवज्झायवे तवस्सिवे० गिलाणवे. खुड्डएण वा खुड्डियाए वा अवंजणजायएण वा है ॥२०॥वासावासं पजोसवियस्स चउत्थभत्तियस्स भिक्खुस्स अयं एवइए विसेसे-जं से है पाओ निक्खम्म पुवामेव वियडगं भुच्चा पिच्चा पडिग्गहगं संलिहिय संपमज्जिय से य संथरिजा, कप्पइ से तदिवसं तेणेव भत्तट्टेणं पजोसवित्तए-से य नो संथरिजा, एवं से कप्पइ दुच्चंपि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥२१॥ वासावासं पजोसवियस्स छट्ठभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति दो गोअरकाला गाहावइकुलं ? भत्ताए वा पाणाए वा निक्ख० पविसि०॥२२॥ वासावासं पजोसवियस्स अट्ठमभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओगोअरकाला गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वानिक्खमि० पविस०
पायउ॥६॥
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॥२३॥ वासावासं पज्जोसवियस्स विगिभत्तिअस्स भिक्खुस्स कप्पंति सवेवि गोअरकाला। गाहा० भ० पा० निक्खमि० पविसि० ॥२४॥वासावासं पज्जोसवियस्स निचभत्तियस्स। भिक्खुस्स कप्पंति सवाई पाणगाइं पडिगाहित्तए। वासावासं पजोसवियस्स चउत्थभत्ति-3 यस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-ओसेइम, संसेइमं, चाउ-31 लोदगं।वासावासं पजोसवियस्स छभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगा-3 है हित्तए, तंजहा-तिलोदगंवा,तुसोदगंवा, जवोदगंवा।वासावासं पज्जोसवियस्स अट्ठमभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-आयामेवा, सोवीरे वा, सुद्धबियडे वा । वासावासं पज्जोयवियस्स विगिभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, सेविय णं असित्थे नोविय णं ससित्थे । वासावासं पजोसवियस्स भत्तपडियाइक्खियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, सेविय णं
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कल्प०
॥६१॥
असित्थे नो चेव णं ससित्थे, सेविय णं परिपूए नो चेव णं अपरिपूए, सेविय णं बारसो परिमिए नो चेव णं अपरिमिए, सेविअणं बहुसंपन्ने नो चेव णं अबहुसंपन्ने ॥२५॥ वासावासं पजोसविअस्स संखादत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति पंच दत्तीओ भोअणस्स पडि-IN गाहित्तए पंच पाणगस्स, अहवा चत्तारि भोअणस्स पंच पाणगस्स, अहवा पंच भोअणस्स चत्तारि पाणगस्स । तत्थ णं एगा दत्ती लोणासायणमित्तमवि पडिगाहिआ सिया, कप्पइ से तदिवसं तेणेव भत्तटेणं पन्जोसवित्तए, नो से कप्पइ दुचंपि गाहावइकुलं भत्ताए।
वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा ॥२६॥ वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ || है निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा जाव उवस्सयाओ सत्तघरंतरं संखडिं संनियट्टचारिस्सा
इत्तए, एगे एवमाहंसु-नो कप्पइ जाव उवस्सयाओ परेण सत्तघरंतरं संखडिं संनियट्टचा-31 रिस्स इत्तए, एगे पुण एवमाहंसु-नोकप्पइ जाव उवस्सयाओ परंपरेणं संखडिं संनियट्ट
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॥६१॥
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चारिस्स इत्तए ॥२७॥ वासावासं पजोसवियस्स नो कप्पइ पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स है। कणगफुसियमित्तमवि वुट्टिकायंसि निवयमाणंसि जाव गाहावइकुलं भ० पा० निक्ख० पविसित्तए वा ॥२८॥वासावासं पजोसवियस्स पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स नो । कप्पइ अगिहंसि पिंडवायं पडिगाहित्ता पज्जोसवित्तए, पन्जोसवेमाणस्स सहसा वुट्टिकाए । निवइजा देसं भुच्चा देसमादाय से पाणिणा पाणिं परिपिहित्ता उरंसि वा णं निलिजिजा, कक्खंसि वा णं समाहडिजा, अहाछन्नाणि वा लेणाणि वा उवागच्छिज्जा, रुक्खमूलाणि 2 वा उवागच्छिज्जा, जहा से पाणिंसि दए वा दगरए वा दगफुसिआ वा नो परिआवजह । ॥२९॥ वासावासं पजोसवियस्स पाणिपडिग्गहियस्स भिक्खुस्स जं किंचि कणगफुसियमित्तंपि निवडति, नो से कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा । पविसित्तए वा ॥३०॥वासावासं पज्जोसवियस्स पडिग्गहधारिस्स भिक्खुस्स नो कप्पइ
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कल्प०
॥६२॥
वग्घारियवुट्टिकायंसि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए हैं। बारसो
वा, कप्पइ से अप्पवुदिकायंसि संतरुत्तरंसि गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्ख* मित्तए वा पविसित्तए वा ॥३१॥ (ग्रं० ११००) वासावासं पजोसविअस्स निग्गंथस्स में निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविठुस्स निगिज्झिय २ वुट्टिकाए । निवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा, अहे उवस्सयंसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए ॥३२॥ तत्थ से पुवागमणेणं पुवाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते भिलिंगसूवे, कप्पइ से चाउलोदणे पडिगाहित्तए, नो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिगाहित्तए ॥ ३३॥ तत्थ से पुवागमणेणं पुवाउत्ते भिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडिगाहित्तए, नो से कप्पइ चाउलोदणे पडिगाहित्तए ॥३४॥ तत्थ । से पुवागमणेणं दोवि पुवाउत्ताई कप्पंति से दोवि पडिगाहित्तए । तत्थ से पुवागमणेणं ।।
॥६
॥
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SARSA
दोवि पच्छाउत्ताई,एवं नो से कप्पंति दोवि पडिगाहित्तए,जे से तत्थ पुवागमणेणं पुवाउत्ते, . से कप्पइ पडिगाहित्तए, जे से तत्थ पुवागमणेणं पच्छाउत्ते, नो से कप्पइ पडिगाहित्तए । ॥३५॥ वासावासं पजोसवियस्स निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए । अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय २ वुट्टिकाए निवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सरायसि वा अहे वियडगिहंसि वा अहे रुक्खमूलंसि वा उवागच्छित्तए, नो से कप्पइ
पुवगहिएणं भत्तपाणेणं वेलं उवायणावित्तए, कप्पइ से पुवामेव वियडगं भुच्चा पडिग्गहगं ? संलिहिय २ संपमन्जिय २ एगाययं भंडगं कट्ट सावसेसे सूरे जेणेव उवस्सए तेणेव उवागच्छित्तए, नो से कप्पइ तं रयणिं तत्थेव उवायणावित्तए ॥३६॥ वासावासं पजोसवियस्स : निग्गंथस्स निग्गंथीए वा गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविदुस्स निगिज्झिय २३ |बुट्टिकाए निवइज्जा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे उवस्सयंसि वा उवागच्छित्तए |
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कल्प.
4-9-26-199%
॥३७॥ तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिद्वित्तए १, बारसो तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स दुण्हं निग्गंथीणं एगयओ चिद्वित्तए २, तत्थ नो कप्पइ दुण्हं निग्गंथाणं एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिट्ठित्तए ३, तत्थ नो । कप्पइ दुण्हं निग्गंथाणं दुण्हं निग्गंथीण य एगयओ चिंद्वित्तए । अत्थि य इत्थ केइ । पंचमे खुड्डए वा खुड्डिया इ वा अन्नेसिं वा संलोए सपडिदुवारे एव ण्हं कप्पइ एगयओ. चिट्ठित्तए ॥३८॥वासावासं पजोसवियस्स निग्गंथस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए । अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय २ वुट्टिकाए निवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे । उवस्सयंसि वा उवागच्छित्तए, तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य अगारीए । एगयओ चिद्वित्तए, एवं चउभंगी। अत्थि णं इत्थ केइ पंचमए थेरे वा थेरिया वा|| अन्नेसिं वा संलोए सपडिदुवारे, एवं कप्पइ एगयओ चिट्ठित्तए । एवं चेव निग्गंथीए ।
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अगारस्स य भाणियत्वं ॥ ३९ ॥ वासावासं पजोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा । | निग्गंथीण वा अपरिण्णएणं अपरिण्णयस्स अट्ठाए असणं वा १ पाणं वा २ खाइमं वा ३/४ साइमंवा ४ जाव पडिगाहित्तए॥४०॥ से किमाहु भंते? इच्छा परो अपरिण्णए भुंजिज्जा, : इच्छा परो न भुंजिज्जा ॥४१॥ वासावासं पज्जोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गं-3
थीण वा उदउल्लेण वा ससिणिवेण वा काएणं असणं वा १ पा०२ खा० ३सा०४ आहारि-15 हत्तए॥४२॥से किमाहु भंते ? सत्त सिणेहाययणा पण्णत्ता, तंजहा-पाणी १, पाणिलेहा २,४ नहा ३, नहसिहा ४, भमुहा ५, अहरोट्ठा ६, उत्तरोट्ठा ७। अह पुण एवं जाणिज्जा-विग-2 ओदगे मे काए छिन्नसिणेहे, एवं से कप्पइ असणं वा १ पा०२ खा०३सा०४ आहारित्तए । ॥४३॥ वासावासं पन्जोसवियाणं इह खलु निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा इमाइं अट्ट सुहुमाइं, जाइं छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा अभिक्खणं २ जाणियवाई पासि
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कल्प०
॥ ६४ ॥
अवाइं पडिलेहियवाइं भवंति, तंजहा - पाणसुहुमं १, पणगसुहुमं २, बीअसुहुमं ३, हरियसुहुमं ४, पुप्फसुहुमं ५, अंडमुहुमं ६, लेणसुहुमं ७, सिणेहमुहुमं ८ ॥ ४४ ॥ से किं तं पाणसुहुमे ? पाणसुहुमे पंचविहे पन्नत्ते, तंजहा - किण्हे १, नीले २, लोहिए ३, हालिदे ४, सुक्कले ५ । अत्थि कुंथु अणुद्धरी नामं, जा ठिया अचलमाणा छउमत्थाणं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा नो चक्खुफासं हवमागच्छइ, जा अट्टिया चलमाणा छउमत्थाणं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा चक्खुफासं हवमागच्छइ, जा छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा अभिक्खणं २ जाणियवा पासियन्वा पडिलेहियवा हवइ, से तं पाणसुहुमे १ ॥ से किं तं पणगसुहुमे ? पणगसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा, - किण्हे, नीले, लोहिए, हालिदे, सुक्किल्ले । अस्थि पणगसुहुमे तद्दवसमाणवण्णे नामं पण्णत्ते, जे छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाव पडिलेहिअबे भवइ । से तं पणगसुहुमे २ ॥
वारसो
॥ ६४ ॥
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1 से किं तं बीअसुहुने ? बीयसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे जाव सुकिल्ले । अस्थि ।
बीअसुहमे कण्णियासमाणवण्णए नामं पन्नत्ते, जे छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा|| जाव पडिलेहियवे भवइ।से तं बीअसुहुमे ३॥ से किं तं हरियसुहमे ? हरियसुडुमे पंचविहे | पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे जाव सुकिल्ले। अत्थिहरिअसुहुमे पुढवीसमाणवण्णए नामं पण्णत्ते, जे निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा अभिक्खणं रजाणियवे पासियत्वे पडिलेहियवे भवइ ।से तं । हरियसुहुमे ४॥ से किं तं पुप्फसुहुमे ? पुप्फसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-किण्हे जाव । सुकिल्ले । अत्थि पुप्फसुहुमे रुक्खसमाणवण्णे नामं पण्णत्ते, जे छउमत्थेणं निग्गंथेण 3 वा निग्गंथीए वा जाणियवे जाव पडिलेहियत्वे भवइ । से तं पुप्फसुहुमे ५॥ से किं तं । अंडसुहुमे ? अंडसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उइंसंडे, उक्कलियंडे, पिपीलिअंडे, हलिअंडे, हल्लोहलिअंडे, जे निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाव पडिलेहियवे भवइ । से तं ।
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कल्प०
अंडसुहुमे ६॥ से किं तं लेणसुहुमे ? लेणसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उत्तिंगलेणे, बारसो भिंगुलेणे,उज्जुए, तालमूलए, संबुक्कावट्टे नामं पंचमे, जे निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाणियत्वे जाव पडिलेहियत्वे भवइ । से तं लेणसुहुमे ७॥ से किं तं सिणेहसुहुमे ? सि-3 हसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उस्सा, हिमए, महिया, करए, हरतणुए। जे छउ-8 मत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा अभिक्खणं २ जाव पडिलेहियत्वे भवइ । से तं सिणेहसुहुमे ८॥ ४५ ॥ वासावासं पजोसविए भिक्खू इच्छिज्जा गाहावइकुलं भत्ताए वा । पाणाए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा है। उवज्झायं वा थेरं पवित्तिं गणिं गणहरं गणावच्छेअयं जं वा पुरओ काउं विहरइ, कप्पइ से आपुच्छिउं आयरियं वा जाव जं वा पुरओ काउं विहरइ-'इच्छामि णं भंते । तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमि० पविसि०
28-0-05-30
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XKAR
RESCREECRECORRER
ते य से वियरिजा, एवं से कप्पइ गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा जाव पविसित्तए, ते य से नो वियरिजा, एवं से नो कप्पइ भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमि० पविसि । से किमाहु भंते!? आयरिया पच्चवायं जाणंति ॥४६॥ एवं विहारभूमि वा वियारभूमि वा अन्नं वा जंकिंचि पओअणं, एवं गामाणुगामं दूइजित्तए ॥४७॥ वासावासं पज्जोसविए । भिक्खू इच्छिज्जा अण्णयरिं विगइं आहारित्तए, नो से कप्पइ से अणापुच्छित्ता आयरियं । वा जाव गणावच्छेययं वा जं वा पुरओ कटु विहरइ, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं । जाव आहारित्तए-'इच्छामि णं भंते ! तुम्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे अन्नयरिं विगई। आहारित्तए एवइयं वा एवइखुत्तो वा, ते य से वियरिजा, एवं से कप्पइ अण्णयरिं विगई। आहारित्तए, ते य से नो वियरिजा, एवं से नो कप्पइ अण्णयरिं विगइं आहारित्तए, से। किमाहु भंते!? आयरिया पच्चवायं जाणंति॥४८॥वासावासं पजोसविए भिक्खू इच्छिज्जा
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कल्प० । अण्णयरिं तेइच्छियं आउट्टित्तए,तं चेवसवं भाणियवं॥४९॥वासावासं पजोसविए भिक्खू , बारसो ॥६६॥ इच्छिज्जा अण्णयरं कल्लाणं सिवं धणं मंगल्लं सस्सिरीयं महाणुभावंतवोकम्मं उवसंपजि
त्ता णं विहरित्तए, तं चेव सत्वं भाणियत्वं ॥५०॥ वासावासं पजोसविए भिक्खू इच्छिज्जा है। अपच्छिममारणंतियसंलेहणाजूसणाजुसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरित्तए वा निक्खमित्तए वा पविसित्तए वा, असणं वा १ पा० २ खा० ३ सा० वा ४ आहारित्तए वा, उच्चारं वा पासवणं वा परिठ्ठावित्तए, सज्झायं वा करित्तए, धम्मजागरियं वा जागरित्तए । नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता, तं चेव सवं ॥५१॥ वासावास । पजोसविए भिक्खू इच्छिज्जा वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा अण्णयरिं वा । उवहिं आयावित्तए वा पयावित्तए वा। नो से कप्पइ एगं वा अणेगं वा अपडिण्णवित्ता । गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा निक्खमि० पविसि० असणं १ पा० २ खा० ३ सा०
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SOURCESSOCCURACT
आहारित्तए, बहिया विहारभूमि वा वियारभूमि वा सज्झायं वा करित्तए, काउस्सग्गं । वा ठाणं वा ठाइत्तए । अत्थि य इत्थ केइ अभिसमण्णागए अहासण्णिहिए एगे वा अणेगे ? वा, कप्पइ से एवं वइत्तए-'इमं ता अजो! तुम मुहुत्तगं जाणेहि जाव ताव अहं गाहावइ-12 कुलं जाव काउस्सग्गं वा ठाणं वा ठाइत्तए' से य से पडिसुणिज्जा; एवं से कप्पइ गाहा-12 वइ० तं चेव । से य से नो पडिसुणिज्जा, एवं से नो कप्पइ गाहावइकुलं जाव काउस्सग्गं । वा ठाणं वा ठाइत्तए ॥५२॥ वासावासं पन्जोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण || वा अणभिग्गहियसिज्जासणियाणं हुत्तए, आयाणमेयं, अणभिग्गहियसिज्जासणियस्स। अणुच्चाकूइयस्स अणट्ठाबंधियस्स अमियासणियस्स अणातावियस्स असमियस्स अभि-5 क्खणं२ अपडिलेहणासीलस्स अपमजणासीलस्स तहा तहा संजमे दुराराहए भवइ॥५३॥ अणादाणमेयं, अभिग्गहियसिजासणियस्स उच्चाकूइयस्स अट्ठाबंधिस्स मियासणियस्स /
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कल्प
॥६७॥
%2562-56454
आयावियस्स समियस्स अभिक्खणं २ पडिलेहणासीलस्स पमजणासीलस्स तहा २संजमे वारसो सुआराहए भवइ॥५४॥वासावासं पजोसवियाणं कप्पइ निगंथाण वा निग्गंथीण वा तओ उच्चारपासवणभूमीओ पडिलेहित्तए, न तहा हेमंतगिम्हासु जहा णं वासासु, से किमाहु भंते ! ?वासासु णं उस्सण्णं पाणा य तणा य बीया य पणंगा य हरियाणि य भवंति ॥५५॥ वासावासं पजोसवियाणं कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा तओ मत्तगाइं गिण्हित्तए, तंजहा-उच्चारमत्तए, पासवणमत्तए, खेलमत्तए ॥ ५६ ॥ वासावासं पजोसवियाणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा परं पजोसवणाओ गोलोमप्पमाणमित्तेवि केसे तर रयणिं उवायणावित्तए । अजेणं खुरमुंडेण वा लुक्कसिरएण वा होइयवं सिया। पक्खिया । आरोवणा, मासिए खुरमुंडे, अद्धमासिए कत्तरिमुंडे, छम्मासिए लोए, संवच्छरिए वा थेरकप्पे ॥ ५७॥ वासावासं पजोसविआणं नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा परं
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पज्जोसवणाओ अहिगरणं वइत्तए, जेणं निग्गंथो वा निग्गंथी वा परं पजोसवणाओ अहिगरणं वयइ, से णं 'अकप्पेणं अजो ! वयसीति' वत्तवे सिया, जेणं निग्गंथो वा निग्गंथी वा परं पोसवणाओ अहिगरणं वयइ, से णं निज्जूहियवे सिया ॥ ५८ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं इह खलु निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा अजैव कक्खडे कडुए बुग्गहे समुप्पजिज्जा, सेहे राइणियं खामिज्जा, राइणिएवि सेहं खामिज्जा, (ग्रं० १२००) खमियवं खमावियवं उवसमियवं उवसमावियवं संमुइसंपुच्छणाबहुलेणं होयवं । जो उवसमइ तस्स अत्थि आराहणा, जो न उवसमइ तस्स नत्थि आराहणा, तम्हा अप्पणा चेव उवसमियां, से किमाहु भंते! ? उवसमसारं खु सामण्णं ॥ ५९ ॥ वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा तओ उवस्सया गिण्हित्तए, तं ० - वेउब्विया पडिलेहा साइखिया पम| जणा ॥६०॥ वासावासं पज्जोसवियाणं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा कप्पइ अण्णयरिं दिसिं वा
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कल्प०
बारसो
अणुदिसिं वा अवगिझिय भत्तपाणं गवेसित्तए।से किमाहु भंते!? उस्सणं समणा भगवं॥ ६॥तो वासासु तवसंपउत्ता भवंति,तवस्सी दुब्बले किलंते मुच्छिज्ज वा पवडिब्ज वा, तमेव दिसं8
वा अणुदिसंवा समणा भगवंतोपडिजागरंति॥६॥वासावासं पजोसवियाणं कप्पइ निग्गं-8 स्थाण वा निग्गंथीण वा गिलाणहेउं जाव चत्तारि पंच जोयणाइं गंतुं पडिनियत्तए, अंतरावि 8
से कप्पइ वत्थए, नो से कप्पइ तं रयणिं तत्थेव उवायणावित्तए ॥६२॥ इच्चेयं संवच्छ-2 रिअं थेरकप्पं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं अहातचं सम्मं कारण फासित्ता पालित्ता है। सोभित्ता तीरित्ता किट्टित्ता आराहित्ता आणाए अणुपालित्ता अत्थेगइआ तेणेव भवग्गहणेणं सिझंति बुझंति मुचंति परिनिवाइंति सवदुक्खाणमंतं करिंति, अत्थेगइआ है दुच्चेणं भवग्गहणेणं सिझंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करिंति, अत्थेगइया तच्चेणं भवग्ग- ॥ ८ ॥ हणेणं जाव अंतं करिंति, सत्तट्ठभवग्गहणाइं नाइक्कमति ॥६३॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं ।।
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समणे भगवं महावीरे रायगिहे नगरे गुणसिलए चेइए बहूणं समणाणं बहूणं समणी-3 ६णं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं बहूणं देवाणं बहूणं देवीणं मझगए चेव एवमा-3
इक्खइ, एवं भासइ, एवं पण्णवेइ, एवं परूवेइ, पजोसवणाकप्पो नामं अज्झयणं सअटुंह सहेउअं सकारणं समुत्तं सअटुं सउभयं सवागरणं भुजो भुज्जो उवदंसेइ त्ति बेमि ॥६४॥ ॥ पजोसवणाकप्पो नाम दसासुअक्खंधस्स अट्ठममज्झयणं संमत्तं ॥ (ग्रं० १२१५)
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इति श्रेष्ठि देवचन्द्र लालभाई-जैनपुस्तकोद्धारे-ग्रन्थाङ्कः १८
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________________ LOVEDOCODOWes // इति श्रीकल्पसूत्रम् // इति श्रेष्ठि देवचन्द्र लालभाई-जैनपुस्तकोद्धारे-ग्रन्थाङ्कः 18. D रा