Book Title: Yog Ek Chintan
Author(s): Fulchandra Shraman, Tilakdhar Shastri
Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ Xxxxxxxxxxxxxxxxxx श्रद्धा-वन्दन हे श्रमण - श्रेष्ठ ! विद्वद्वरेण्य ! मुनिराज सयमाधीश विभो ! योगेश । प्रवर्तक - पद - मण्डित । श्री फूलचन्द्र जी । परम प्रभो । हे अमर मुनीश्वर ! जन - जन के, शुभ भाव-पुष्प स्वीकार करे । हे महामहिम ! मेरे वन्दनकर स्वीकृत जग उद्धार करे । 'यह 'तिलक' चरण-अनुरागी है। शुभ हार्दिक श्रद्धा जागी है, श्रद्धा - वन्दन स्वीकार करे ! जिन - सस्कृति का शृंगार करे। 'तिलक xxxxxxxxxxxxxxxxxxxx

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 285