Book Title: Yog Ek Chintan
Author(s): Fulchandra Shraman, Tilakdhar Shastri
Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti

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Page 5
________________ 18" YAT. PAwralI सविनय समर्पित - In Les जिनके कृपा-प्रसाद को पाकर मैं विरक्ति के विमल मार्ग पर पहुंचा, जिनकी ज्ञान-गरिमा से मैं - स्वाध्यायशीलता के ' सुखद सदन में आसीन हमा जिनकी शोनस्विनी प्रतिमा ने मुझे योग मार्ग में प्रवृत्त किया उन्हीं परम श्रद्धेय रवर्गीय गुरुदेव श्री खजानचन्द जी महारान्त को सादर समर्पित फूलचन्द्र श्रमण

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