Book Title: Visheshavashyakbhashya ka Maldhari Hemchandrasuri Rachit Bruhadvrutti ke Aalok me Gyanmimansiya Adhyayan
Author(s): Pavankumar Jain
Publisher: Jaynarayan Vyas Vishvavidyalay
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ज्ञान के अष्ट आचार है ज्ञान के चौदह अनाचार श्रुत (ज्ञान) ग्रहण की प्रक्रियादि
श्रुत-अध्ययन का प्रयोजन शिक्षा प्राप्त करने की योग्यता अयोग्य को शिक्षा देने से हानि शिक्षाशील के गुण शिक्षा प्राप्ति में बाधक तत्त्व श्रुतज्ञान देने की विधि श्रुत कैसे सीखें? श्रुतग्रहण की विधि श्रुत को सुनने की विधि
बुद्धि के आठ गुण ज्ञान वृद्धि के नक्षत्र ज्ञान और दर्शन की अन्य दर्शनों में मान्य अवधारणाओं से तलना
चार्वाक दर्शन न्याय-वैशेषिक दर्शन योगदर्शन बौद्धदर्शन सांख्यदर्शन मीमांसा दर्शन
वेदान्त दर्शन समीक्षण
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तृतीय अध्याय :- विशेषावश्यकभाष्य में मतिज्ञान
मतिज्ञान का स्वरूप . श्वेताम्बराचार्यों के अनुसार मतिज्ञान की परिभाषा . दिगम्बराचार्यों के अनुसार मतिज्ञान की परिभाषा मतिज्ञान के पर्यायवाची
अवग्रहादि शब्दों से सम्पूर्ण मतिज्ञान का ग्रहण पर्यायवाची शब्दों का स्वरूप
मति एवं आभिनिबोधिक शब्द पर विचार मति एवं श्रुत ज्ञान में भेद
मतिज्ञान और श्रुतज्ञान की युगपत्ता मति और श्रुत की भिन्नता के कारण विशेषावश्यकभाष्य के अनुसार मति-श्रुत ज्ञान में अन्तर . लक्षणभेद से मति-श्रुत में अन्तर
हेतु एवं फल से मति-श्रुत में अन्तर
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