Book Title: Vipak Sutra
Author(s): Tribhagvan Vijay
Publisher: Calcutta Vishvavidyalaya
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उरालेभोगभोगाई जमाणेविहरिस्मडूतएणंसेचित्त अलंकारिएणं दिसणस्म कुमारस्सवयणंएय रिवानो अणपांमतोथको एकदाप्रस्तावे चित्रनामाचलंकारनेतेडावेतेड़ाबीने इमकहे तन्हदेवासुप्रिया बौदामराजाना सज्यास्था नकभोजनादिकनेविषे प्रसादभूमिकाने विषे अंतपुरनेविधे राजायेदीधीछे पानाजेहने श्रीदामराजानो अभि० वारंवार अलंकार . नाईकर्मकरतव्यकरतोथको विघरके तेमाटेतुम्हे हेदेवानुप्रिया श्रीदामराजानो अलंकारचुरकर्मकरतांथका गलानेविषे खुरसा * रेएतलेमार तिवारहतझने अईराजीयो करे कहताकरिस्यों तुम तुम्ह अहसंपाते उदारप्रधानभोगवतोथको विचरये तिवार
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