Book Title: Vipak Sutra
Author(s): Tribhagvan Vijay
Publisher: Calcutta Vishvavidyalaya
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सोरियपुरणयरे उच्चणीयअहापज्जत्तं समुदाणंगहायसोरियपुरात्रोणयरात्रोपडि० तस्ममच्छध पाडगस्म अदूरसामंतेणं वौवयमाणे महमहालियाए मणस्मपरिसाण मझगयंपास एगपुरि संसुक्क भुक्खणिम्मंसं अट्टिचम्मावणा किडिकिडियाभूयं णोलसामागणियत्थं मच्छकंटएणंगलए अणुलग्गेण कट्ठाईकलुणाई वीसराई कुउकूवमाणं अभिक्खणं पूयकवलेय रुहिरकवलेयकिमि
कवलेहिय वममाणंपासहर इमेअभत्थिए४ पुरापुराणाणं जावविहर एवंसंपेहेइर जेणेवसमणे पाहारग्रहीने सोरियपुरनगरथकीनीसस्यानीसरीने तेमाछोगरनापाडाने समोपेअतिवेगलानही पंथअतिकमतानेजाताने मोटी अतिहीषणी मनुष्यनीपरिखदानेमध्यगतदौठो एकपुरुषसकोलोहोना क्षयथकोक्षधाये पौधोमांसरहितहांडचांवड़ीविणठी किडि किडीमतहाड़खड़खड़वालागा आलोवस्त्रपहियोनीलोसाडोपहिय इंते माछलानोकांटोगलेलागोछे कलेशकारीयावचनदौनवच नदयामणावचन पाडूवावचन कूकूयाटावचन वारंवारराधिनाकोगलाकुरला लोहीनाकुरला कमिलटा सहितवमननायतोथको
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