Book Title: Vipak Sutra
Author(s): Tribhagvan Vijay
Publisher: Calcutta Vishvavidyalaya
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तासिएगुणगाणपंचएहंदेवौसयाणं एगुणपंचरहमाइसयाई जावसव्यालंकारविभूसियाई तंविउ लंअसणंठ सुरंच आसाएमाणाट गंधब्बेहिणाडएहिय उवगीयमाणाविहर तएणसेसीहसे णेराया अद्धरत्तकालसमयंसि बहुहिंपुरसेहिंसपरिवुडे जेणेवकूडागारसाला तेणेवउ०२ कूडागा रसालाएदुवाराई पिहेइ कडागारसालानोसमंताअगणिकायंदलयंति तएणतासिंएगुणगाणं पंच
法器兼義兼業業業職業業業競業業業業業兼職器
प्रियाविस्तीर्णसनादिक तिहाभूको अतिघणावस्त्रफूलगंधमाला अलंकारकूड़ागारसालानेविषेसाहरोमू को तिवारपछीतेकोर्ड बियपुरुषतिमजयावत्म के असमादिके तिवारपछी तेएकेऊंगी पांचसेपटराणी एकेऊणीपांचधायमाता पूर्ववत्सर्वसिणगारस हितविभषाकीधी तेषणोअशनादिक मद्यादिकसंघाते आस्वादतीथकी गंधर्वे ववीसबडनाटकेकरी गातीथकोप्रमोदेवर्त्ततीथकी विचरे के तिवारपछी तेसोहनराजा अईरात्रिनेसमे घणापुरुषसंघाते परिवस्त्रोथको जिंहांकूड़ागारमाला तिहांबावेमावौनेकूड़ा गारसालानांहारदाक्याएतलेहारदेईने कूड़ागारसालाई सर्वदिसेचौफेरअग्निदीधी तिवारपछीतेएकेऊ यी पांचसेपटराणी एके
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