Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 413
________________ ३१० बड्डमाणचरिउ उण्ह-उष्ण १०।१२।५, १०।२४५ उरसप्र्प-उरसर्प १०८।१५ उण्ह-उष्ण (योनि) १०।१२।११ उरु-उरु ५।६७, १०।२४।२ उण्णई-उन्नति ५।११३ उल्लस-उद् + लस्-उल्लास . ५।१३।४ उण्णमियाणण-उन्नमितानन ४।१५।८ उल्लंघिय-उल्लंधित उण्णय-उन्नत १११५।१३ उल्लंधिवि-उल्लंध्य २२७७ उण्णामिय-उन्नामित, उन्नत २७।१०, ४२११४ उवएसु-उपदेश २।९।१३ उण्णामियभाल-उन्नामित अथवा उन्नतभाल २।३।१९ उवगह-उपग्रह १०३२७ उद्ध-अवष्टबन्ध ६।१४।१२ उवभोय-उपभोग १।१४।६ उद्यासव-दुष्टाशय ५।२१८ उवमिज्जइ-उपमा २।१६।३, ३।२२।५ उदिउ-उत् + स्था + तुमुन्-उत्थातुम् ३२५।१३ उवमिय-उपमित ११३।१४ उत-उत्तिष्ठत् ३३११५ उवयद्दि-उदयाद्रि १।५।४ उड्ढंग-ऊभंग ९।२।६ उवयायल-उदयाचल ९८८ उत्तम-उत्तम, शुभ २।३।१ उवरि-ऊपर ३११३८, ३७।२ उत्तरकुरु-उत्तरकुरु (क्षेत्र) १०।१४।१५ उवरोह-उपरोध १११११७ उत्तरुत्तरु-उत्तरोत्तर ४।३७ उवलक्ख-उप् + लक्षय-उपलक्ष्य १०१४।४ उत्तरतड-उत्तरतट २७६ उववण-उपवन २।१३१७ उत्तरफग्गुण-उत्तराफाल्गुनी (नक्षत्र) ९८१,९।९।९ उववाय-उपपाद (जन्म) १०।१२।४ उतरयल-उत्तरतल २।१०३ उवविस-उपविश्य ११९७ उत्तरसेणि-उत्तरश्रेणी ४।४।१२ उवसग्ग-उपसर्ग ९२२११७ उत्तरसेट्ठि-उत्तरश्रेणी ३।३१।६ उवसग्ग--उपसर्ग-(व्याकरण सम्बन्धी) ९।१।१४ उत्तरिय-उत्तरित, उत्तीर्ण २०६।४ उवसम-उपशम ६।१६६६ उत्तुंग-उत्तुंग, उन्नत (ऊँचा) १।१३७,२।५।१७, उवसम-सिरि-उपशमश्री २।१०।१७ ३॥१७२ उवसमिय-उपशमित २।१०।१० उत्थढि-उच्चस्थित ९।९।८ उवसन्तु-उपशान्त (मोह) (गुणस्थान) १०॥३६।९ उद्धत्तणु-उद्धतता ८७१३ उवाउ-उपाय ३११३१५ उद्धसुंडु-ऊर्ध्वशुण्डा ९।१०।१४ उविंदु-उपेन्द्र (नारायण) ३।२६१ उप्पण्ण-उत्पन्न २।१२।३ उंदरं-(देशी) मूषक ९।११।११ उप्परि-ऊपर ३।१४।२ उंदुरु-(देशी) १०८।१६ उप्पाइय-उत्पादित ३।४।१३ उप्पाडिय-उत्पादित ३।१५।१० ऊसस-उच्छवास ९।९।४,१०॥३५९ उप्फड-उत् + स्फिट (हवामें उड़ना) ४।२१।२ उम्भासिय-उद्भाषित ३३१ उब्भिवि-/ उब्भि-उत् + धू १।१२।१३ एइंदिय-एकेन्द्रिय (जीव) १०॥५॥९ उम्मग्ग-उन्मार्ग ५।१६।२० एउ-एतत् १११६१२ उम्मूलिउ-उन्मूलित ३३१७७ एक्कमण-एकाप्रमन २७।३ उमालिवि-उन्मालय १०१४०1१६ एक्कया-एकदा ३।६।४ उरयल-हृदयतल ८०१३३४ एक्करयणि-एक अरत्नि (प्रमाण) १०.२०१६ उरयारि-उरगारि (गरुड़) ५।९।३ एक्क-एक १११३७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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