Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 457
________________ ३५४ वड्डमाणचरिउ सुत्ति-शुक्ति (द्वीन्द्रिय जीव) १०८१ सुरयगइ-सुरतगति २।१८७ सुत्तु-सूत्र ५।२३।१६ सुरराय-इन्द्रराज २।१११५ सुतार-सुतारा (अर्ककीर्तिकी पुत्री) ६।७।८, ६।८।१० सुरवइ-सुरपति १।४।१७, १०१।१४, १०।९।११ सुद्ध-निर्मल २।८५ सुरवन्न-सुपर्ण (गरुड़कुमार)१०।२९।६,१०।३३।१४ सुद्धलेसु-शुद्ध लेश्या ६।१८५ सुरसरि-गंगा २।१३।७, २।१९।१० सुदेउ-सुदेव २।१।११ सुरसामि-इन्द्र ९।८।२ सुधम्म-सुधर्म १।१।१० सुर-सोक्ख-देवोंके सुख ११४।१८ सुनयणि-सुनयनी १।१३।८ सुरसुंदरी-सुरसुन्दरी ११६७ सुप्पइठ्ठ-सुप्रतिष्ठ (मुनिराज) ७.१७१४ सुरहर-सुरगृह, सुमेरु पर्वत १०।६।९ सुपसत्थहि-सुप्रशस्त २।५।२२ सुरालइ-सुरालय, स्वर्ग २।२०१७ सुपास-सुपार्श्वनाथ (तीर्थंकर) १११६ सुराहीस-सुराधीश ९।७।१२ सुपास-पार्श्वभाग १।११६ सुरूरउ-सुरौरव (देव) २०१११२ सुपियल्लु-सुप्रिय ३।२३।३ सुरूव-स्वरूप श६।९ सुपुरिसु-सुपुरुष २।१।१० सुरेस-इन्द्र ५।२०१९ सुभीसं-अत्यन्त भीषण ४।२२।१ सुरेसर-पुर-इन्द्रपुरी ९।१६।२ सुमइ-सुमतिनाथ (तीर्थंकर) १।१५ सुरेसरा-सुरेश्वर १।६।२, ९:१०१३ सुमइ-सुमति (मुनि) ७।४।८ सुरंगणा-देवांगना १८६ सुमग्ग-सुमार्ग १११।१० सुरिंदपिया-सुरेन्द्र-प्रिया-नीलांजना २॥१४॥३ सुमण-ज्ञानीजन १।१८ सुवन्न-सुपर्ण (देव) १०।२९।६ सुमण-देव सुव्वय-मुनिसुव्रत (तीर्थकर) १११११२ सुमणालंकिउ-विद्वानोंसे अलंकृत १।१२।६ सुव्वय-सुव्रत (मुनिराज) ७।५।६ सुमहोच्छव-सुन्दर महोत्सव ३५३ सुव्वयवंत-महान् व्रतधारी ११११२ सुयणवग्गु-सज्जन वर्ग ३।२७ सुवण्ण-स्वर्ण ३२५७ सुयत्थ-श्रुतार्थ २।११६, ४।२।५ सुवण-सुन्दर वर्ण ३।१।१२ सुयपय-श्रुतपद १०।२।११ सुवसायरु-श्रुतसागर (मुनि) १।९।६ सुयरंधि-श्रोत्ररन्ध्र ३।१।६ सुविहि-सुविधिनाथ (पुष्पदन्त तीर्थंकरका सुयसायर-श्रुतसागर (मुनि) ७१११।११ अपर नाम) ११११७ सुर-सुर (नामक देश) ३।२११८ सुविहि-न्याय १३१७ सुरकरि-ऐरावत हाथी ५।१९।५ सुविसिट्ठ-सुविशिष्ट २।८।५ सुरकरिवर-श्रेष्ठ ऐरावत हाथी ३।५।१० सुस्सरु-सु-स्वर, मधुरभाषी १।१२।१४ सुरगिरि-सुमेरु पर्वत १।३।५ सुस्सुउ-सुश्रुत (मन्त्री) ४।१२।८ सुरणारि-देवियाँ २।२०।१ सुसीस-सुशीर्षक (टोप) ८।१२।६ सुरतरु कल्पवृक्ष १।१२।६, २०१२१७, २।२०१९ सुहणिलउ-सुखका निलय २।९।१८ सुरतिय-देवांगना २।१३।१२ सुहदिणि-शुभ दिन १११०१७ सुर-दिसि-पूर्व-दिशा १।६।१२ सुहधणु-शुभ धन २।१३१५ सुर-धणु-इन्द्रधनुष ८।६।१२, ९।१८।१० सुहम-राउ-सूक्ष्मराग (गुणस्थान) १०।३६८ सुरपुर-स्वर्गपुरी १।४।२, ३।१।१४ सुहमाणस-शुभ मन, सुखी मन २।१।१२ सुरमण-देव-मन १।४।१८ सुहय-सुभग, सुन्दर तनु श११३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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