Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 424
________________ १०।४१९ ट्ठिय-स्थित शब्दानुक्रमणिका ३२१ जीव-जीव २।११।१ जीविउ-जीवित १।१४।२ झत्ति-झरिति ( शीघ्र ) ३७।२; ४।२०।१३ जुइ-द्युति २।२२।१० झल्लरि-झल्लर ( वाद्य) ९।१४।११ जुइ-ज्योतिरङ्ग १०।१८।११ झलकंत-झालरवाला (छत्र) ३।२०१७ जुइपह-द्युतिप्रभा (पुत्री) ६।४।२ झस-झष ( मीन ) जलचर जीव १०।८।१२ जुज्झ-/ युध्, युद्ध १।४।१६,२।१०।९,३।९।१ झाइय-ध्यात १।१४।१ जुत्तउ-उपर्युक्त ५।३।१४ झाण-ध्यान ८।१०१५ जुत्त-युक्त २।३।११ झिज्जइ-क्षीयते २।१।२; ४।७।२; ६।५।११ जुवराए-युवराज ३।५।३ झुण-ध्वनि १२८१ जुवराय-युवराज १।१०।९ झुणि-ध्वनि ३।११३ जुवि-द्युति ४।१८।१२ झुणिय-ध्वनित ९।१५।६ जूअ-जुवाड़ी २।२२।४ [ ट ] जेट्ठ-ज्येष्ठ (जेठी, बड़ी) ३१३७ ५।१०।१५ जे?-ज्येष्ठ (मास) जेत्तहे-यत्र २।४।३ [ 8 ] जेत्थु-यत्र ३।१।१३ ठाइऊण-Vठा + ऊण् ( खड़े होकर) ३।११।८ जेम-यथा, जिस प्रकार १।१४।९ ठाण-स्थान ३।५।११ जोइप्पह-द्युतिप्रभा ६।८।१३ ठिउ-स्थित १।१६।१२, ३।१।१० जोइस-ज्योतिष (देव) २।११९, ३।११९ जोइसिय-ज्योतिषी (देव) ९।१२।१ जोडि-/जोड (देशी) योजय (जोड़ी, युग्म) १।९।६ [ ड ] जोडिऊण-जोड़कर ८।१०।१ Vडज्झ-दह, °उ ( भस्म ) ३।८।२ जोण्ह-ज्योत्सना २।३।१६ डमरु-डमरू ( वाद्य) ९।१०।२० योणि-योनि १०३२।८ डसंत-Vडस + शत् ४।५।१० जोत्तिय-योक्त्र ४।२०।१२ डहंतु-V दह + शतृ २।३।९ जोन्ह-ज्योत्सना ५।३।१५ डालु-( दे. ) शाखा, लता ३।२।४ जोवण-यौवन १७८ डिब्भासण-दिव्यासन १०।३३।८ जंगम-जङ्गम १४॥६ जंत-यन्त्र ६।१२।५ ढोएवि-V ढोक् + इवि ( ढोकर ) ४/७५ जंतउवलि-भ्रमणावलि २।९।२० ढोरि-( देशी.) ढोर, पशु ७।३२८ जंतारव-यन्त्ररव ३३१०५ जंत-यात् [ ण ] जंप-जल्प १।६।५ ण्हवण-Vण्ह-स्ना-न्हवन (स्नान, अभिषेक)९।१४।७ जंपेविणु-जल्प + एविणु (कहकर) २।७१ णईउ-नदियाँ १।३।११ जंवुदीउ-जम्बूद्वीप १०११७१३ णईस-नदीश, समुद्र १११११११ जंबूदीव-जम्बूद्वीप १।३।४२।१०।१; ७।९।१; णईसरा-नदीश्वर, महासमुद्र श६१ १०।१५।१ णउरहिउ-नयरहित २।९।१४ जेभाई-जृम्भिका (जंभाई) ९।९।५ णउसालि-नाट्यशाला ९।२३१२ १०११३ ठिय-स्थित १११७५ ४१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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