Book Title: Vaddhmanchariu
Author(s): Vibuha Sirihar, Rajaram Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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शब्दानुक्रमणिका
३३१ पउमप्पहास-पद्मप्रभास (पद्मोंको विकसित पडिविव-प्रतिबिम्ब
श४१३ करनेवाले) ११११५ पडिविबु-प्रतिबिम्ब, प्रतिकृति ९।१६।४ पउमरयण-पद्मरत्न ११६२ पडिबुद्ध-प्रतिबुद्ध
९.१९।४ पउमु-पद्म ८।५।६ पडिमाजोएँ-प्रतिमायोग
७।८।८ पउर-सत्त-प्रवर सत्त्व ३३१४७ पडिवारण-प्रतिवारण
४/२०१७ पउरमइ-प्रवरमति ४।१।१७ पडिहरि-प्रतिहरि
५।२०१२ पउरंगण-पौरांगनागण २।५।२२ पडिहार-द्वारपाल
२।४।४ पउंजइ-प्र + युज् (धातु)°इ २।१७ पडिहारु-प्रतिहारी
३।४।३ पएसु-प्रदेश ३।११२ पडिद-प्रति + इन्द्र-प्रतीन्द्र
४।२२।१० पओह-प्रबोध ८.१०७ पढमपक्ख-प्रथमपक्ष
१०॥४११९ पओहर-पयोधर २।१७।३; ५।१४।३ पढम सग्ग-प्रथम स्वर्ग
२।११।२ पक्ख-पक्ष, दोनों पक्ष २।१७।४; १०८।१३ पढम दंड-प्रथम दण्ड ( वन )
१०।९।२ पक्खरिय-(देशी) सं + नाह्य, पक्खरित
पढुक्क-( देशी ) प्रवृत्त
२।२२।१ (कवचित्) ५।७।१२ पढंत-/ पठ् + शतृ
१।८।१०; २।८।६ पक्खाइँ-पंखादि, पक्षादि ५।९।१२ पणइणि-प्रणयिनी
२।२१।४ पक्खालिय-प्रक्षालित २।१९।१० पणइणि-यण-प्रणयिनी जन
३३११ पक्खि-पक्षी १०।४।१३ पणइणु-प्रणयी (प्रेमी )
११३।१० पच्चिल्ल-प्रत्युत, वरन् ३१४।७, ४।१६।२ पणच्चिवि-प्र + नृत् + इवि
२।१५।१२ पच्छइ-पश्चात्, पीछे (अनुपस्थितिमें) ३।१०।४ पणय-पृ + नत्-प्रणत
२।९।१ पच्छइय-प्रच्छादित (तिरस्कृत) ४।३।८ पणयट्ठिय-प्रणयस्थित
१।१७।११ पच्छासणु-पथ्यासन (पथ्य भोजन) ४।१४।१३ पणयभूय-प्रणयभूत
११६।२ पज्जत्ति-पर्याप्ति ८१०१५; १०।५।४ पणयसिरग्ग-प्रणत-सिरान
३।१५।१३ पज्जलइ-प्र + ज्वल् (धातु) इ ४।१४।९ पणयामरु-प्रणतामर ( देवों द्वारा पज्झरंत-प्र+क्षर् + शतृ ३।२६।४; ८।१३।२ नमस्कृत)
४।१२।१३ पजलंति-प्रज्वल + अंति
५।२२।१३ पणयारि-प्रणतारि ( शत्रुओं को भी पट्टावली-कपड़े की पट्टी ३।११।५ नम्रीभूत कर दिया )
२।२।४ पटु-राज्य-पट्ट १।१७८ पणवंतु-प्र+नम् + शतृ
१११११५ पडइ-V पत् + इ (पड़ता है)
१४१४ पणविज्ज-प्र+नम् ( कर्मणि) १११७११० पड-पट
४।२२।१ पणवीस-पञ्चविंश ( पचीस ) ३।१८।६ पडल-पटल
३।२१।११ पणवेप्पिणु-प्र + नम् + ल्यप् (प्रणाम कर ) १।९।५ पडह-पटह (वाद्य)
५।१५ पणवेवि-प्र + नम् + इवि ( प्रणाम कर ) १।१७।१३ पडिकूल-प्रतिकूल ३।१०।२ पत्थण-विहि-प्रार्थना-विधि
५।४।३ पडिकूलु-प्रतिकूल
१।१६।२ पत्त-प्राप्त
११४।६; २।३।८, २१७।१३ पडिकेसव-प्रतिकेशव
१०।१९।८ पत्तेयावणियह-प्रत्येक वनस्पति १०।४।६ पडिखलिय-(प्रति + स्खल) प्रतिस्खलित ३।२।३ पतिट्ठिउ-प्रतिष्ठित
२।११७ पडिचारु-प्रविचार (मैथुन) १०।३३।६ पथंभिय-प्रस्तम्भित
४।१९।११ पडिछंदु-प्रतिछन्द, प्रतिबिम्ब ३।१।१४ पदेसु-प्रदेश
१०॥३९।११ पडिणेत्तु-प्रतिनेत्र ९।३७ पबुद्ध-प्रबुद्ध
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